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हिमाचल में कर्मचारियों को अब वेतन 5 को और पेंशन 10 को

08:24 AM Sep 05, 2024 IST

शिमला, 4 सितंबर(हप्र)
हिमाचल में कर्मचारियों को इस माह वेतन 5 सितंबर को, जबकि पेंशनरों को पेंशन 10 सितंबर को मिलेगी। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने बुधवार को विधानसभा में एक विशेष वक्तव्य के माध्यम से यह घोषणा की। उन्होंने कहा कि प्रदेश में यह व्यवस्था परिवर्तन वित्तीय अनुशासन लाने के लिए किया गया है और इससे सरकार को हर माह तीन करोड़ रुपए तथा साल में 36 करोड़ रुपए की बचत होगी। उन्होंने यह भी कहा कि प्रदेश में वित्तीय अनुशासन लाने और वित्तीय स्थिति में सुधार तथा राज्य को 2027 तक आत्मनिर्भर बनाने और 2032 तक समृद्ध राज्य बनाने के लिए भविष्य में भी कड़े कदम उठाए जाएंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि वेतन का यह भुगतान बोर्डों और निगमों के कर्मचारियों और पेंशनरों पर लागू नहीं होगा क्योंकि वे अपने संसाधनों से इस खर्च को पूरा करते हैं। हालांकि, सरकार कर्मचारियों द्वारा लिए गए ऋणों की ईएमआई का समय पर भुगतान करने की दलीलों पर विचार करेंगे। उन्होंने कहा कि वेतन व पेंशन के भुगतान को स्थगित करने से सरकार को मासिक 3 करोड़ रुपये तथा ऋण पर ब्याज के रूप में चुकाए जा रहे 36 करोड़ रुपये की बचत होगी। उन्होंने कहा कि राजकोषीय अनुशासन के तहत व्यय को राजस्व के साथ जोड़ने का प्रयास किया जा रहा है, ताकि ऋण पर ब्याज के रूप में चुकाए जा रहे धन को बचाया जा सके।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार वेतन पर मासिक 1200 करोड़ रुपये तथा पेंशन पर 800 करोड़ रुपये खर्च करती है। इसलिए हमें इसके लिए हर माह 2000 करोड़ रुपये की जरूरत है। सुक्खू ने कहा कि वेतन व पेंशन के भुगतान में देरी का कारण यह है कि सरकार वेतन व पेंशन के भुगतान के लिए हर माह लिए जाने वाले ऋण पर ब्याज की राशि बचाना चाहती है। सरकार को हर माह की पहली तारीख को वेतन व पेंशन का भुगतान करना होता है, जबकि 520 करोड़ रुपये राजस्व घाटा अनुदान (आरडीजी) हर माह की छठी तारीख को केंद्र से प्राप्त होता है। इसी तरह 10 तारीख को 640 करोड़ रुपये केंद्रीय करों से प्राप्त होते हैं। सरकार को हर महीने की पहली तारीख को वेतन देने के लिए 7.5 प्रतिशत ब्याज दर पर ऋण लेना पड़ता है।
सुक्खू ने पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर पर कटाक्ष करते हुए कहा कि कर्मचारी विरोधी फैसले लेने वाले लोग आज कर्मचारी हितैषी बनने का दिखावा कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि हिमाचल 2027 तक आत्मनिर्भर राज्य बनेगा। उन्होंने यह भी कहा कि अब राज्य सरकार दिसंबर 2024 तक केवल 2317 करोड़ रुपये का ऋण ही ले सकती है। ऐसे में सरकार को काफी संभलकर वित्तीय अनुशासन बनाना होगा। उन्होंने कहा कि 11 दिसंबर 2022 को जब कांग्रेस की सरकार बनी, तो वित्तीय संकट था। उनकी सरकार चुनौतियों का सामना करते हुए समाज के हर वर्ग को विश्वास में लेकर हिमाचल प्रदेश को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में काम कर रही है। उन्होंने कहा कि हम व्यवस्था को बदलने की कोशिश कर रहे हैं और वित्तीय अनुशासन की ओर बढ़ रहे हैं।

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मुख्यमंत्री हर दिन अपना रुख बदलते हैं : जयराम

इससे पहले, नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने प्वाइंट ऑफ ऑर्डर के तहत उठाते हुए कहा कि सेवारत और सेवानिवृत्त कर्मचारियों को वेतन व पेंशन नहीं मिली है, जो एक बहुत गंभीर मामला है, जिस पर सदन को चर्चा करनी चाहिए। ठाकुर ने कहा कि मुख्यमंत्री हर दिन अपना रुख बदलते रहते हैं। इसलिए प्रदेश सरकार को राज्य के वित्त की स्थिति को लेकर सारी बात स्पष्ट करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि सदन को इस मुद्दे पर चर्चा करनी चाहिए, ताकि कर्मचारियों को पता चले कि कर्मचारियों को वेतन कब मिलेगा। जयराम ठाकुर ने कहा कि वित्तीय संकट के लिए उनकी सरकार को दोषी नहीं ठहराया जा सकता।

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