निरंकारी संत समागम 16 से 18 नवंबर तक मानवता का दिव्य पर्व
विनोद लाहोट/निस
समालखा, 28 अक्तूबर
हर साल की तरह इस वर्ष भी संत निरंकारी आध्यात्मिक स्थल समालखा में निरंकारी परिवार का 77वां वार्षिक संत समागम 16, 17 और 18 नवंबर 2024 को आयोजित होने जा रहा है। इस समागम का उद्देश्य आध्यात्मिकता के आधार पर प्रेम, शांति और एकता का संदेश फैलाना है, जो संपूर्ण मानवता के कल्याण के लिए समर्पित है।
संत समागम की भव्यता केवल इसके क्षेत्रफल से ही नहीं, बल्कि देश-विदेश से पधारने वाले लाखों श्रद्धालु भक्तों के भावों से भी प्रकट होती है। यह मानवता का एक ऐसा दिव्य संगम है, जहां धर्म, जाति, भाषा, प्रांत और आर्थिक स्थिति के बंधनों को तोड़कर सभी मिलकर सेवा, सुमिरण और सत्संग का आनंद लेते हैं। इस तीन दिवसीय संत समागम में भक्त गीत, विचार और कविताओं के माध्यम से भक्ति के अनेक पहलुओं को प्रस्तुत करेंगे। इस वर्ष सतगुरु माता जी ने समागम का विषय ‘विस्तार, असीम की ओर’ रखा है।
निरंकारी मिशन के भक्त और सेवादार महीनों पहले से ही समागम की तैयारियों में जुटे हुए हैं। सेवाओं का यह दृश्य प्रेरणादायक और मनोरम होता है। प्रातःकाल से ही लंगर, कैंटीन और अन्य सुविधाओं की व्यवस्था की जा रही है। सेवादारों की भक्ति और सेवा भाव इस समागम को एक अनोखा स्वरूप प्रदान करते हैं।
सुरक्षा और सहयोग
संत निरंकारी मंडल के सचिव एवं समागम के समन्वयक जोगिन्दर सुखीजा ने बताया कि सभी आवश्यक सेवाओं जैसे आवास, भोजन, स्वास्थ्य और सुरक्षा की व्यवस्था की जा रही है। राज्य प्रशासन का सहयोग भी प्राप्त हो रहा है। आने वाले दिनों में यह आध्यात्मिक स्थल ‘भक्ति के नगर’ में बदल जाएगा, जहां विश्वभर से लाखों संत महात्मा सम्मिलित होंगे। मानवता के इस महासंगम में हर धर्म-प्रेमी भाई-बहन का स्वागत है।