पंजाब में नई खेल नीति जल्द
चंडीगढ़, 6 जुलाई (निस)
पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान द्वारा पंजाब को खेलों में नंबर एक राज्य बनाने की वचनबद्धता दोहराते हुए खेल विभाग द्वारा बनाई जा रही नई खेल नीति के मसौदे को करीब-करीब तैयार कर लिया गया है और जल्द ही मुख्यमंत्री द्वारा इसे जारी कर दिया जायेगा। खेल मंत्री गुरमीत सिंह मीत हेयर ने उच्च अधिकारियों के साथ बैठक करके प्रस्तावित खेल नीति के मसौदे को अंतिम रूप देने के बाद यह जानकारी दी। इससे पहले खेल मंत्री ने खेल नीति का प्रारूप तैयार करने के लिए खेल विशेषज्ञों की बनाई गयी कमेटी के साथ निरंतर बैठकें की गई और खिलाड़ियों एवं खेलों से जुड़ी विभिन्न संस्थाओं से फीडबैक भी ली गई। मीत हेयर ने कहा कि नई नीति में खेल सभ्याचार पैदा करने के लिए गांव/शहर से राज्य स्तर तक खेल नर्सरियों से लेकर सेंटर ऑफ एक्सीलेंस बनाए जाने पर ज़ोर दिया गया है। खिलाड़ियों की उपलब्धियों के हिसाब से सीधे नौकरियों का प्रबंध करना, खिलाड़ियों की डाइट, प्रशिक्षण और इंजरी के लिए विशेष सेंटर, प्रशिक्षकों का सम्मान और खेलों के प्रमोशन के लिए काम करने वाली शख्सियतों/संस्थाओं का सम्मान खेल नीति का अहम हिस्सा होगा। खेल मंत्री ने बताया कि अंतरराष्ट्रीय मुकाबलों की तैयारी के लिए खिलाड़ियों की वित्तीय मदद से लेकर पदक जीतने वाले खिलाड़ियों का नकद राशि के साथ सम्मान पर भी ज़ोर दिया गया है। इसके अलावा जो खेल मुकाबले इनाम राशि वाली सूची में नहीं शामिल थे, उनको शामिल करना और पैरा-स्पोर्ट्स के साथ स्पैशल ओलम्पिक्स खेलों के पदक विजेताओं को भी नकद राशि देने की सिफ़ारिश की जा रही है। मीत हेयर ने बताया कि कोचों की भर्ती और खेल विभाग में विभिन्न पद भरने पर भी ज़ोर दिया जायेगा। मौजूदा खेल ढांचे को मज़बूत करने से नये खेल स्टेडियमों के निर्माण एवं खेल मैदान बनाने पर ध्यान केंद्रित किया जायेगा। मीटिंग में विशेष मुख्य सचिव खेल सरबजीत सिंह, विशेष सचिव पी आनन्द कुमार और डायरेक्टर हरप्रीत सिंह सूदन भी उपस्थित थे।
पेंशनभोगियों की आय का होगा वेरीफिकेशन
सामाजिक सुरक्षा, महिला एवं बाल विकास मंत्री बलजीत कौर ने राज्य के सभी ज़िला सामाजिक सुरक्षा अफसरों को हिदायत की है कि 15 दिनों के अंदर-अंदर असल बुढापा पेंशन लाभार्थियों की आय संबंधी दस्तावेज़ हासिल किये जाएं जिससे बुढ़ापा पेंशन का लाभ जरूरतमंद और योग्य व्यक्तियों को ही मिल सके। मंत्री बलजीत कौर ने बताया कि पेंशन संबंधी आरंभ की कार्रवाई के दौरान सामने आया कि जे फार्म होल्डरों के बीच 63424 ऐसे व्यक्ति हैं जो विभाग की तरफ से बुढ़ापा पेंशन ले रहे हैं और इनकी सालाना आय 60 हजार रुपए से अधिक है जबकि पेंशन के लिए लाभार्थी की सालाना आय 60 हजार रुपए से अधिक नहीं होनी चाहिए। कैबिनेट मंत्री ने बताया कि विभाग के कई पेंशनर किसान वर्ग से संबंधित हैं। मंडी बोर्ड की तरफ से किसानों को उनकी फ़सल बेचने के उपरांत हुई आय के बारे जे फार्म जारी किये जाते हैं। उनकी सालाना आय का सही पता लगाने के लिये विभाग की तरफ से मंडी बोर्ड के डेटा से मिलान किया गया।