अल्पसंख्यकों के खिलाफ कभी एक शब्द भी नहीं बोला : प्रधानमंत्री
भुवनेश्वर, 20 मई (एजेंसी)
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि उन्होंने अल्पसंख्यकों के खिलाफ कभी एक शब्द भी नहीं बोला और भाजपा कभी भी अल्पसंख्यकों के खिलाफ नहीं रही है। प्रधानमंत्री ने हालांकि स्पष्ट किया कि वह किसी को भी ‘खास नागरिक’ (स्पेशल सिटीजन) के तौर पर स्वीकार करने को तैयार नहीं हैं।
मोदी ने रविवार रात एक साक्षात्कार में ये बातें कहीं। प्रधानमंत्री ने आरोप लगाया कि कांग्रेस ने संविधान के धर्मनिरपेक्ष तानेबाने की अवहेलना की है। उन्होंने कहा कि चुनाव प्रचार के दौरान उनके भाषणों का उद्देश्य वोट बैंक की राजनीति के साथ-साथ अल्पसंख्यकों का तुष्टीकरण करने की विपक्षी दलों की कोशिशों का पर्दाफाश करना है।
प्रधानमंत्री ने कहा, मैं केवल कांग्रेस की वोट बैंक की राजनीति के खिलाफ बोल रहा हूं। कांग्रेस संविधान के विरुद्ध काम कर रही है, यही बात मैं कहता रहा हूं। प्रधानमंत्री ने कहा, ‘वे लोग तुष्टीकरण के रास्ते पर चलते हैं, मैं संतुष्टीकरण के रास्ते पर चलता हूं। हम सर्व धर्म समभाव में विश्वास रखते हैं। हम सभी को अपने साथ लेकर चलना चाहते हैं। हम किसी को खास नागरिक के तौर पर स्वीकार करने को तैयार नहीं हैं, बल्कि सभी को समान समझते हैं।’ मोदी ने कहा कि बाबा साहब भीमराव आंबेडकर और जवाहरलाल नेहरू समेत भारतीय संविधान के निर्माताओं ने फैसला किया था कि धर्म के आधार पर कोई आरक्षण नहीं होगा। मोदी ने दावा किया कि कांग्रेस के घोषणापत्र में ठेके देने में अल्पसंख्यकों के लिए आरक्षण का वादा किया गया।
रोजगार के मोर्चे पर ट्रैक रिकॉर्ड सबसे अच्छा : मोदी ने कहा कि युवाओं के लिए रोजगार के अवसर पैदा करने में उनकी सरकार का ‘ट्रैक रिकॉर्ड’ पिछली सरकारों की तुलना में सबसे अच्छा है। उन्होंने कहा कि अंतरिक्ष, सेमीकंडक्टर विनिर्माण और ईवी जैसे उभरते क्षेत्रों को सहयोग के साथ-साथ स्टार्टअप को सहायता, बुनियादी ढांचे पर पर्याप्त खर्च और पीएलआई योजनाओं ने अधिक रोजगार पैदा करने में मदद की। पिछले एक साल में ही केंद्र सरकार के दफ्तरों में भर्ती के लिए लाखों नियुक्ति पत्र दिए गए।
दक्षिण भारत में सबसे बड़ी पार्टी होगी भाजपा : प्रधानमंत्री ने विश्वास जताया है कि भाजपा दक्षिण भारत में सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरेगी। उन्होंने कहा कि प्रतिद्वंद्वियों ने मिथक पैदा किया है कि भाजपा दक्षिणी राज्यों में कोई ताकत नहीं है या वहां उसकी मौजूदगी नहीं है। उन्होंने कहा कि 2019 के चुनाव को देखिए, तब भी दक्षिण भारत में सबसे बड़ी पार्टी भाजपा ही थी।