भ्रष्टाचार के खिलाफ राष्ट्रव्यापी मुहिम
गहरी होती जड़ें
भ्रष्टाचार देशभर में अपनी जड़ें बहुत गहरी जमा चुका है। शासन, प्रशासन, कुछ राजनीतिक नेताओं, सरकारी कार्यालयों एवं सिस्टम में यह सहज ही देखा जा सकता है। किसी जायज़ काम को रोकना, देरी करना, अवांछित ऐतराज लगाना भी तो भ्रष्टाचार का ही एक हिस्सा है। मुख्यमंत्री, मंत्री तथा सर्वोच्च अधिकारियों को केवल हस्ताक्षर करने के अलावा सोशल, प्रिंट मीडिया तथा जनता के प्रार्थना-पत्रों को प्रतिदिन स्वयं पढ़ने का कुछ समय अवश्य निकालना चाहिए। इससे कार्यालयों का भ्रष्टाचार कम हो सकता है।
एम.एल. शर्मा, कुरुक्षेत्र
युवा मुहिम चलायें
यह सत्य है कि जब देश के युवाओं ने दहेज को नकारा तो यह प्रथा कुछ कम भी हुई। आज जरूरत है कि युवा भ्रष्टाचार के विरुद्ध भी मुहिम चलाएं। देश के सिस्टम में ऐसी खामियां हैं, जिसके कारण प्रत्येक व्यक्ति की सोच बन गई है कि बिना लेनदेन के कोई कार्य नहीं होगा। यदि समाज में भ्रष्टाचार का खात्मा करना है तो वह केवल जनता-जनार्दन ही कर सकती है। पकड़े जाने पर भ्रष्टाचारियों को सख्ती से दंडित किया जाए। ऐसे उदाहरण प्रस्तुत किए जाएं कि बगैर रिश्वत के भी स्वस्थ समाज की नींव रखी जा सकती है। सारे राजनीतिक दल अपने घोषणा-पत्र में भ्रष्टाचार उन्मूलन का नारा दें।
श्रीमती केरा सिंह, नरवाना
जनता जागे
भ्रष्टाचार का प्रसार बेहद खतरनाक है। इसका कारण है एकाधिकार प्रणाली। सिस्टम में इसकी जड़ें बहुत गहरी हो चुकी हैं जिन्हें काटने में पूरे देश को खड़ा होना होगा। अधिकतर कार्य ऑनलाइन करने होंगे, निगरानी भी बढ़ानी होगी तथा जन-शिकायतें दर्ज करनी होंगी। हर विभाग में भ्रष्टाचार की शिकायतें सुनी जानी चाहिए। देश में अभी राजनीतिक जागरूकता की भी कमी है। गरीबी लगातार बढ़ रही है व गरीबी हटाओ सिर्फ नारा बनकर रह गया है। आम जनता को भ्रष्टाचार के खिलाफ राष्ट्रव्यापी मुहिम चलाने की तत्काल जरूरत है।
प्रदीप गौतम सुमन, रीवा, म.प्र.
ऊपर से कार्रवाई हो
भ्रष्टाचार की शुरुआत ऊपर से होती है। अगर सज़ा भी ऊपर के लोगों को मिलने लगे तो लगाम लगाई जा सकती है। आमतौर पर सरकारी कार्यालयों के भ्रष्टाचार को ही भ्रष्टाचार माना जाता है जबकि ऊपर के अधिकारी की मर्जी के खिलाफ कोई भी रिश्वत नहीं ले सकता। खरीद-फरोख्त, निर्माण कार्य आदि में जिस स्तर का भ्रष्टाचार है वह किसी से छिपा हुआ नहीं है। भ्रष्टाचार मुक्त शासन व्यवस्था के लिए आवश्यक है कि काम के लिए समय-सीमा निर्धारित हो। सरकारी कार्यप्रणाली में राजनीति का दखल बंद होना चाहिए। भ्रष्टाचार के मामले में तुरंत सजा का प्रावधान होना चाहिए।
जगदीश श्योराण, हिसार
सक्रिय मुहिम चले
पंजाब की नयी मान सरकार ने फोन नंबर देकर भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ने का अपना मजबूत इरादा जता दिया है। दरअसल, चंद भ्रष्टाचारियों की वजह से विभागों की जनकल्याणकारी योजनाओं और सेवाओं में आए दिन अनियमितताओं के नए मामले सुनने को मिलते हैं। अधिकारियों एवं राजनेताओं के गठजोड़ से सरकार की जिम्मेदार एजेंसियां भी दोषियों के खिलाफ समय रहते सख्त कार्रवाई नहीं कर पाती हैं। ऐसे में भुक्तभोगी मन-मसोस कर रह जाते थे। भ्रष्टाचार के विरुद्ध सरकारों और लोगों द्वारा राष्ट्रीय स्तर पर निरंतर सक्रिय मुहिम चलाने की जरूरत है।
देवी दयाल दिसोदिया, फरीदाबाद
जागरूकता बढ़े
सिर्फ विरोधियों में ही भ्रष्ट खोजने से पक्ष-विपक्ष में बंटे भ्रष्टाचार का उन्मूलन कभी राष्ट्रीय मुद्दा बन नहीं पाया। केंद्र और राज्यों में लोकपाल, सतर्कता आयोग, भ्रष्टाचार निरोधक शाखाएं आदि सब हैं किन्तु इनका प्रचार नहीं होता। भ्रष्टाचार उन्मूलन के लिए जरूरी है कि जिसे भी मिले, वह इन संस्थानों की जानकारी सोशल मीडिया पर डाले। आरटीआई के माध्यम से भ्रष्टाचारियों पर हुई कार्रवाई पर नज़र रखे। केंद्र सरकार देश में भ्रष्टाचार की शिकायतों के लिए पुलिस जैसा एक कॉमन नंबर बनाये। जिला स्तर पर लोकपाल पुलिस गठित हो। जांच और सज़ा की प्रक्रिया सुगम एवं समयबद्ध हो।
बृजेश माथुर, बृज विहार, गाजियाबाद
जांच को आंच
देश में भ्रष्टाचार के व्याप्त होने का मुख्य कारण जांच एजेंसियों का पक्षपातपूर्ण रवैया है। वहीं उनमें से कई का खुद दागी होना तथा प्रभावशाली मंत्रियों अथवा राजनेताओं का हस्तक्षेप है। भ्रष्टाचार के उन्मूलन को राष्ट्रीय आंदोलन बनाना चाहिए। लोग हर हालत में रिश्वत न लेने और देने का दृढ़ निश्चय करें। रिश्वत के मामलों का निपटारा करने के लिए बनाई गई एजेंसियों की निगरानी के ऊपर और एजेंसियां नियुक्त की जाएं। इनके सदस्य ईमानदार, कानूनी दांव-पेच जानने वाले, निष्पक्ष तथा किसी राजनीतिक दबाव को न मानने वाले हों। उन्हें फुलप्रूफ सुरक्षा मिली हुई होनी चाहिए। भ्रष्ट अधिकारियों की संपत्ति कुर्क कर लेनी चाहिए।
शामलाल कौशल, रोहतक