शूलिनी विश्वविद्यालय में मनाया राष्ट्रीय विज्ञान दिवस
सोलन, 28 फरवरी (निस)
शूलिनी विश्वविद्यालय में एप्लाइड साइंसेज और जैव प्रौद्योगिकी संकाय (एफएएसबी) द्वारा 1928 में सीवी रमन द्वारा रमन इफेक्ट की खोज की स्मृति में राष्ट्रीय विज्ञान दिवस मनाया। इस अवसर पर मुख्य अतिथि इसरो के वैज्ञानिक एम.वी. ढेकाणे थे। कार्यक्रम की शुरुआत शूलिनी विश्वविद्यालय के चांसलर प्रो. पीके खोसला के स्वागत भाषण से हुई, जिन्होंने विज्ञान के क्षेत्र में सीवी रमन, हरगोबिंद खुराना, चन्द्रशेखर और सुब्रह्मण्यम चन्द्रशेखर जैसे अग्रदूतों के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने छात्रों को शूलिनी विश्वविद्यालय के भविष्य में नोबेल पुरस्कार विजेता तैयार करने के दृष्टिकोण से प्रेरित किया। एमवी ढेकाणे ने अपने मुख्य भाषण में उपस्थित लोगों को भारत के अंतरिक्ष मिशनों की यात्रा से अवगत कराया और इसरो के अन्वेषण प्रयासों के अतीत, वर्तमान और भविष्य के बारे में विस्तार से बताया। पीएसएलवी मिशन, भविष्य के जियोसिंक्रोनस सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल मार्क III (जीएसएलवी एमके III), भारतीय क्षेत्रीय नेविगेशन सैटेलाइट सिस्टम (आईआरएनएसएस) और आदित्य-एल1 मिशन पर उनकी विस्तृत प्रस्तुति दी।
कार्यक्रम में शूलिनी विश्वविद्यालय के विभिन्न विभागों के शोधकर्ताओं को 2023 में अनुसंधान में उनके उत्कृष्ट योगदान के लिए सम्मानित किया गया। शूलिनी विश्वविद्यालय में अनुसंधान और विकास के डीन प्रो. सौरभ कुलश्रेष्ठ ने राष्ट्रीय विज्ञान दिवस पर अनुसंधान उपलब्धियों को पहचानने के महत्व पर प्रकाश डाला।
स्कूली बच्चों को करवाया खुम्ब उत्पादन कक्षों का भ्रमण
खुम्ब अनुसंधान निदेशालय सोलन ने राष्ट्रीय विज्ञान दिवस मनाया। इसका थीम था ‘विकसित भारत के लिए स्वदेशी तकनीकें।’ कार्यक्रम में सोलन स्थित सेंट लुक्स स्कूल के 50 छात्र और छात्राओं के अलावा अरूणाचल प्रदेश के 20 मशरूम प्रशिक्षुओं व निदेशालय के समस्त अधिकारियों व कर्मचारियों ने भाग लिया। मुख्य तकनीकी अधिकारी डा. सुशील कुमार ने स्कूली बच्चों को खुम्ब उत्पादन कक्षों का भ्रमण करवाया एवं खुम्ब उगाने संबंधी जानकारी दी गई। प्रदर्शनी के माध्यम से विभिन्न मशरूमों को उगाने व इससे बनने वाले उत्पादों के बारे में वैज्ञानिकों डा. अनिल कुमार व डॉ. अनुराधा श्रीवास्तव द्वारा विस्तार से बताया और बच्चों द्वारा पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दिए। विभिन्न मशरूमों के पौष्टिक गुणों के अलावा बच्चों को विषैले मशरूमों से भी अवगत कराया गया। इस अवसर पर निदेशालय के निदेशक डा. वीपी शर्मा ने राष्ट्रीय विज्ञान दिवस मनाने एवं इस वर्ष के विषय के मध्येनजर अनेक देषी तकनीकों के माध्यम से देश को 2047 तक विकसित भारत बनने के सपने को साकार करने का आह्वान किया जो कि सिर्फ देसी तकनीकों के माध्यम से ही सम्भव है। विदेशी तकनीकों द्वारा देश का बहुत सा पैसा बाहर चला जाता है लेकिन अगर देश में विकसित तकनीकों को अपनाएंगे तो देश का पैसा देश में ही रहेगा। उन्होंने स्कूली बच्चों में विज्ञान के प्रति रूचि पैदा करने का भी आह्वान किया। इसके अलावा मशरूम को अपने दैनिक आहार में शामिल करके अनेक प्रकार के रोगों से लडऩे तथा कुपोषण को रोकने पर भी प्रकाश डाला। कार्यक्रम में स्कूली बच्चों व मशरूम प्रशिक्षुओं ने भी अपने विचार रखे। राष्ट्रीय विज्ञान दिवस के समन्वयक डा. बृज लाल अत्री कार्यक्रम की विस्तृत जानकारी दी।