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नेशनल हाईवे अथॉरिटी को हरित विकास के लिए देने होंगे 45 करोड़

08:15 AM Jul 09, 2024 IST
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गुरुग्राम, 8 जुलाई (हप्र)
अदालत में नेशनल हाईवे अथॉरिटी को मुकदमा हार जाने के बाद ग्रीन ट्रिब्यूनल के फैसले के अनुसार 45 करोड़ रुपए मुंबई बडोदरा एक्सप्रेस-वे निर्माण के दौरान पेड़-पौधे काटने और हरियाली नष्ट करने पर जुर्माने के रूप में अदा करने होंगे। यह राशि उसे, इलाके में जहां पेड़ काटे गए थे, वहां हरित विकास के लिए खर्च करनी होगी।
मामले के अनुसार एनएचएआई द्वारा दिल्ली-वडोदरा-मुंबई एक्सप्रेस-वे के लिंक रोड, बल्लभगढ़ बाईपास से केएमपी को जोड़ने वाले हिस्से का निर्माण कार्य करते वक्त पर्यावरण को पहुंचाई गई हानि के मद्देनज़र, एनजीटी अदालत ने फरवरी में एनएचएआई पर 45 करोड़ का जुर्माना लगाया था। इसके बाद एक और जहां क्षेत्र के लोगों को विकास की उम्मीद जगी थी, वही दूसरी और एनएचएआई ने जुर्माने की राशि जमा कराने से पहले अदालत का दरवाज़ा फिर से खटखटाया और एक रिव्यू याचिका दर्ज की।
अपनी पैरवी करने के लिए इस बार एनएचएआई ने भारत सरकार की अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल, सुप्रीम कोर्ट की वरिष्ठ अधिवक्ता माधवी दीवान को नियुक्त किया। प्रेम मोहन गौड़ बनाम एनएचएआई वाले इस मुकदमें में एनएचएआई ने 8 बिंदुओं पर बहस की, जिसमें जुर्माने की जिम्मेदारी ठेकेदार पर होने, कटे हुए पेड़ों की संख्या गलत होने, नालों पर अतिक्रमण न करने, जोहड़ व चरागाह पर कानूनी प्रक्रिया के माध्यम से रोड बनाने की बात कही।
न्यायधीशों ने सभी तथ्यों का गहराई से अध्ययन करने के बाद एनएचएआई की सभी दलीलों को बेबुनियाद पाया और याचिका को ख़ारिज करते हुए यह भी कहा कि प्रस्तुत किये गए रिकॉर्ड के मुताबिक कटे हुए पेड़ों की संख्या कम नहीं ज्यादा है इसलिए मुआवजे की राशि बढ़ा देनी चाहिए परन्तु फरवरी में जब फैसला दिया गया था तब वह रिकॉर्ड उपलब्ध नहीं था इसलिए अब फैसला बदलना तर्कसंगत नहीं होगा।
अदालत के फरवरी के आदेश अनुसार यदि एनएचएआई जुर्माने की राशि जमा नहीं करवाती तो मुख्य सचिव हरियाणा सरकार को 13 जुलाई तक चरागाह, नालों और जोहड़ को पुनः स्तिथि में लाने के आदेश हैं, जिससे रोड के तोड़े जाने की अटकलें तेज़ हो गई हैं। हाजीपुर निवासी ओम प्रकाश गौड़ का कहना है की इस मुकदमें की जीत पूरे क्षेत्र की जीत है और इससे पूरे क्षेत्र का विकास होगा।

‘इस जीत से युवाओं को मिलेगा प्रोत्साहन’

मामले को ग्रीन ट्रिब्यूनल में ले जाने वाले अजीत यादव का कहना है कि उम्मीद है कि आने वाली राशि से जमीनी स्तर पर क्षेत्र का सुधार होगा और मूलभूत सुविधाएं प्राप्त होंगी। पर्यावरण का जीर्णोद्धार यदि अच्छे से हो जाये तो यह आने वाली पीढ़ियों के लिए सुखदायी होगा। जुर्माने की राशि से नए रोड पर चढ़ने के लिए उतार-चढ़ाव बनना चाहिए जिसे क्षेत्र का विकास हो सके। इस मुकदमें की जीत से क्षेत्र के युवाओं को प्रोत्साहन मिलेगा और वे पर्यवरण के प्रति अधिक जागरूक होंगे।

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