Myanmar Earthquake: म्यांमार में फिर लगे भूकंप के झटके, मरने वालों की संख्या 1,000 के पार हुई
बैंकाक, 29 मार्च (एजेंसियां)
Myanmar Earthquake: म्यांमा में आए 7.7 तीव्रता के शक्तिशाली भूकंप में मरने वालों की संख्या शनिवार को बढ़कर 1,000 के पार पहुंच गई। अधिकारियों ने इसकी जानकारी दी। वहीं, यहां फिर भूकंप के झटके लगे। शुक्रवार रात 11:56 बजे (स्थानीय समयानुसार) म्यांमार में रिक्टर पैमाने पर 4.2 तीव्रता का भूकंप आया। नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी (एनसीएस) के अनुसार, भूकंप का केंद्र 10 किलोमीटर की गहराई पर था, जिससे आफ्टरशॉक्स (झटकों) की आशंका बनी हुई है।
भूकंप के कारण क्षतिग्रस्त हुईं कई इमारतों के मलबे से और शव निकाले जा रहे हैं, जिससे मृतकों की संख्या बढ़ने की आशंका है। सेना के नेतृत्व वाली सरकार की ओर से जारी एक बयान के अनुसार भूकंप के कारण अब तक 1,002 लोगों की मौत हो चुकी है तथा 2,376 अन्य लोग घायल हुए हैं। इसके अलावा 30 लोग लापता बताए जा रहे हैं। बयान में कहा गया है कि मृतकों की संख्या के बढ़ने की आशंका है तथा भूकंप से जुड़े विस्तृत आंकड़े अब भी एकत्र किए जा रहे हैं। बर्मा के नाम से लोकप्रिय म्यांमा लंबे समय से चल रहे खूनी गृहयुद्ध की चपेट में है, और वहां पहले से ही एक बड़ा मानवीय संकट बना हुआ है।
भूकंप के कारण म्यांमा में राहत एवं बचाव कार्यों को चलाना भी काफी मुश्किल हो रहा है। शुक्रवार को आए भूकंप का केंद्र म्यांमा के दूसरे सबसे बड़े शहर मांडले से ज्यादा दूर नहीं था। भूकंप के कारण कई इलाकों में इमारतें ढह गईं और व्यापक क्षति हुई है। भूकंप शुक्रवार दोपहर को आया, जिसका केंद्र म्यांमा के मांडले शहर से ज्यादा दूर नहीं था, इसके बाद कई झटके महसूस किए गए, जिनमें से एक की तीव्रता 6.4 थी। भूकंप के कारण कई क्षेत्रों में इमारतें ढह गईं, सड़कें क्षतिग्रस्त हो गईं, पुल ढह गए तथा एक बांध टूट गया।
राजधानी नेपीता में शनिवार को क्षतिग्रस्त सड़कों की मरम्मत के लिए कर्मचारी काम कर रहे थे, जबकि शहर के अधिकांश हिस्सों में बिजली, फोन और इंटरनेट सेवाएं बंद रहीं। भूकंप के कारण कई इमारतें ढह गईं, जिनमें सरकारी कर्मचारियों के आवास भी शामिल थे, लेकिन शनिवार को अधिकारियों ने शहर के उस हिस्से को अवरोधक लगाकर बंद कर दिया। थाईलैंड में भी भूकंप के कारण नुकसान-
म्यांमा के पड़ोसी देश थाईलैंड में भी भूकंप के झटके महसूस किए गए और इसने राजधानी बैंकॉक समेत देश के अन्य क्षेत्रों को हिलाकर रख दिया। बैंकॉक शहर के अधिकारियों ने बताया कि भूकंप के कारण अब तक छह लोग मृत पाए गए हैं, 26 लोग घायल हैं और 47 अब भी लापता हैं। राजधानी के लोकप्रिय चतुचक बाजार के निकट एक निर्माण स्थल पर काफी तबाही हुई है।
भूकंप के बाद कई टन मलबे को हटाने के लिए शनिवार को और अधिक भारी उपकरण लाए गए। लापता लोगों के मित्रों और परिवार के सदस्यों के बीच यह आशा धूमिल होती जा रही है कि वे जीवित मिल जाएंगे। भूकंप आने पर, थाईलैंड की सरकार के लिए एक चीनी कंपनी द्वारा बनाई जा रही 33 मंजिला ऊंची इमारत हिलने लगी।
इसके बाद इमारत धूल के विशाल गुबार के साथ जमीन पर धराशायी हो गयी, जिससे लोग चीखने लगे और घटनास्थल से भागने लगे। अपने साथी और उसके पांच अन्य दोस्तों की तलाश में जुटी 45 वर्षीय नारुमोल थोंगलेक ने कहा, ‘‘मैं प्रार्थना कर रही थी कि वे बच गए हों, लेकिन जब मैं यहां पहुंची और खंडहर देखा - वे कहां हो सकते हैं। किस कोने में। क्या वे अब भी जीवित हैं। मैं अब भी प्रार्थना कर रही हूं कि सभी छह लोग जीवित हों। ''
थोंगलेक ने कहा, ‘‘मैं इसे स्वीकार नहीं कर सकती। जब मैं यह देखती हूं, तो मैं इसे स्वीकार नहीं कर सकती। मेरा एक करीबी दोस्त भी वहां है। '' वेनफेट पंटा ने बताया कि भूकंप से लगभग एक घंटे पहले हुई फोन कॉल के बाद से उन्होंने अपनी बेटी कनलयानी से कोई बात नहीं की है। एक मित्र ने बताया कि कनलयानी शुक्रवार को इमारत में काम कर रही थी। पंटा ने कहा, ‘‘ मैं प्रार्थना कर रही हूं कि मेरी बेटी सुरक्षित हो, वह बच गई हो और अस्पताल में हो। ''
थाईलैंड के अधिकारियों ने कहा कि भूकंप और उसके बाद के झटके देश के अधिकांश प्रांतों में महसूस किए गए। उत्तर में कई स्थानों पर आवासीय भवनों, अस्पतालों और मंदिरों को नुकसान पहुंचने की खबर है, जिनमें चियांग माई भी शामिल है, लेकिन केवल बैंकॉक में ही लोगों के हताहत होने की खबर है। बैंकॉक में भूकंप आना दुर्लभ है, लेकिन म्यांमा में यह अपेक्षाकृत आम बात है।
म्यांमा सागाइंग भ्रंश (फॉल्ट) पर स्थित है, जो उत्तर-दक्षिण में एक प्रमुख भ्रंश है, जो इंडिया प्लेट और सुंडा प्लेट को अलग करता है। ब्रिटिश भूगर्भीय सर्वेक्षण के भूकंप विज्ञानी ब्रायन बैप्टी ने कहा कि ऐसा प्रतीत होता है कि भ्रंश का 200 किलोमीटर का हिस्सा एक मिनट से अधिक समय के लिए टूट गया, जिसमें कई स्थानों पर पांच मीटर तक की ढलान थी।
ब्रायन बैप्टी ने एक बयान में कहा, ‘‘ जब किसी ऐसे क्षेत्र में बड़ा भूकंप आता है, जहां कई असुरक्षित इमारतों समेत कई अन्य इमारतों में दस लाख से अधिक लोग रहते हैं,तो परिणाम अक्सर विनाशकारी हो सकते हैं।'' म्यांमा की सेना ने फरवरी 2021 में आंग सान सू ची की निर्वाचित सरकार से सत्ता छीन ली थी। अब यह देश लंबे समय से स्थापित विद्रोही संगठनों और नवगठित लोकतंत्र समर्थक समूहों के साथ गृहयुद्ध में शामिल है। भूकंप के बाद भी सैन्य बलों ने विद्रोही संगठनों के खिलाफ हमले जारी रखे।
म्यांमा की सरकार ने कहा कि भूकंप से सर्वाधिक प्रभावित क्षेत्रों में रक्त की मांग अत्यधिक है। चीन की सरकारी समाचार एजेंसी शिन्हुआ के अनुसार, चीन के युन्नान प्रांत से 37 सदस्यों का एक बचाव दल भूकंप डिटेक्टर, ड्रोन और अन्य सामान के साथ शनिवार सुबह यांगून शहर पहुंचा। रूसी सरकारी समाचार एजेंसी ‘तास' की रिपोर्ट के अनुसार, रूस के आपातकालीन मंत्रालय ने 120 बचावकर्मियों और राहत सामग्री को लेकर दो विमान भेजे हैं।
मलेशिया ने भी रविवार को 50 लोगों के एक दल को म्यांमा भेजने की घोषणा की है। भारत ने एक बचाव दल तथा एक चिकित्सा दल के साथ-साथ राहत सामग्री भी भेजी है। संयुक्त राष्ट्र ने भूकंप प्रभावित क्षेत्रों में बचाव अभियान के लिए 50 लाख अमेरिकी डॉलर की सहायता की घोषणा की है।
दक्षिण कोरिया ने कहा कि वह अंतरराष्ट्रीय संगठनों के माध्यम से 20 लाख अमेरिकी डॉलर की मानवीय सहायता प्रदान करेगा। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने शुक्रवार को कहा कि अमेरिका इस मुश्किल समय में भूकंप प्रभावित देशों की मदद करेगा, लेकिन कुछ विशेषज्ञ इस प्रयास को लेकर चिंतित हैं, क्योंकि उनके प्रशासन ने विदेशी सहायता में भारी कटौती की है।
थाईलैंड में भारतीय दूतावास ने भीषण भूकंप के बाद आपातकालीन हेल्पलाइन जारी की
थाईलैंड और म्यांमा में आए 7.7 तीव्रता के भूकंप के बाद, यहां भारतीय दूतावास ने शुक्रवार को एक हेल्पलाइन नंबर जारी कर सभी भारतीय नागरिकों से आपातकालीन स्थिति में उससे संपर्क करने को कहा।
दूतावास ने ‘एक्स' पर एक पोस्ट में कहा, “बैंकॉक और थाईलैंड के अन्य हिस्सों में शक्तिशाली भूकंप आने के बाद, दूतावास थाई अधिकारियों के साथ स्थिति की बारीकी से निगरानी कर रहा है। अब तक, किसी भी भारतीय नागरिक से जुड़ी कोई अप्रिय घटना की सूचना नहीं मिली है।”
दूतावास ने कहा,‘‘किसी भी आपात स्थिति के मामले में, थाईलैंड में भारतीय नागरिकों को आपातकालीन नंबर 66 618819218 पर संपर्क करने की सलाह दी जाती है। बैंकॉक स्थित भारतीय दूतावास और चियांग माई में स्थित वाणिज्य दूतावास के सभी सदस्य सुरक्षित हैं।”