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हाथियों को लू से बचाने के लिए करवाया जा रहा मड बाथ

10:23 AM Jun 10, 2024 IST
हाथियों को लू से बचाने के लिए करवाया जा रहा मड बाथ
यमुनानगर में हाथी पुनर्वास केंद्र में मड बाथ करते हाथी। -हप्र
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यमुनानगर, 9 जून (हप्र)
लगातार बढ़ रही गर्मी गर्म हवा से हर कोई परेशान है। ऐसे में यमुनानगर में स्थित हाथी पुनर्वास केंद्र के पालतू हाथियों को भीषण गर्मी से बचाने के लिए मड बाथ (मिट्टी का स्नान) कराया जा रहा है।
लू से बचाव व हाथियों के टेंपरेचर को मेंटेन करने के लिए उन्हें रोज तीन घंटे ठंडे पानी से नहलाया जाता है। उन्हें हरे चारे के साथ सीजनल फल तरबूज, खीरा, केला, चावल व दलिया दिया जा रहा है। कलेसर नेशनल पार्क से सटे वन संतूर के 50 एकड़ एरिया में बने चौधरी सुरेंद्र सिंह हाथी पुनर्वास केंद्र के हाथियों को तपिश से बचाव के लिए कई तरह के उपाय किए जा रहे हैं। वन्य प्राणी विभाग के कलेसर कार्यालय में जिला इंस्पेक्टर जेविंदर नेहरा ने बताया कि गत कई दिनों से पड़ रही भीषण गर्मी से बचाव के लिए हाथियों की विशेष देखभाल की जा रही है। हाथी सेंटर के मैनेजर आशीष भारद्वाज ने बताया कि हाथियों को भीषण गर्मी से बचाने के लिए सुबह 11 से दो बजे तक करीब तीन घंटे ठंडे पानी के तालाब में नहलाया जाता है। जानवरों के शरीर के टेंपरेचर को मेंटेन रखने के लिए मड बाथ कराया जाता है। उन्होंने बताया कि हाथियों को मस्ती के लिए खुले में सेंड बाथ व कच्चे तालाब में मड बॉथ के लिए घंटों तक फ्री छोड़ा जाता है। इस दौरान हाथी एक-दूसरे के साथ जमकर मस्ती करते हैं। घंटों मड बाथ व पानी में मस्ती करने से हाथियों को राहत मिलती है। मैनेजर आशीष ने बताया कि मड बाथ के बाद हाथियों को ब्रश के साथ ठंडे पानी से नहलाने के बाद शाम को शेड में रखा जाता है, ताकि जानवरों के शरीर में देर तक नमी बनी रहे। मैनेजर ने बताया कि केंद्र पर चार मादा हाथियों को रखा गया है। इनमें से एक मादा हाथी उम्रदराज हो चुकी है। उसे विशेष रूप से 100 ग्राम च्यवनप्राश व 500 ग्राम उबले काले चने दिए जाते हैं। उन्होंने बताया कि हाथियों को रेगुलर सैर व हेल्थ जांच की जाती है। चूंकि हाथी के पास न्यूनतम बाल और पसीने की ग्रंथियां होती हैं, इसलिए उन्हें कठोर तपते सूरज के नीचे ठंडा होना मुश्किल लगता है। मिट्टी न केवल उन्हें ठंडक पहुंचाती है और उनके शरीर पर कीड़ों के काटने और धूप से बचाने के लिए एक सुरक्षात्मक परत भी प्रदान करती है। उनकी त्वचा बहुत सख्त दिखती है, लेकिन यह बहुत संवेदनशील होती है और धूप से जल सकती है, इसीलिए उन्हे मड बाथ कराया जाता है।
वन राज्य मंत्री संजय सूरजपाल सिंह ने कहा कि जंगलों में पानी की कोई कमी नहीं है। जहां कहीं जानवरों के लिए पानी की कमी का पता चलता है, टैंकर भेजे जाते हैं ताकि गर्मी से जंगल के जानवरों को कोई नुकसान न पहुंचे।

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