सांसद मनीष तिवारी ने लोकसभा में उठाया चंडीगढ़ में प्रॉपर्टी शेयर की बिक्री में परेशानी का मुद्दा
मनीमाजरा (चंडीगढ़), 17 दिसंबर (हप्र)
चंडीगढ़ से सांसद और पूर्व केंद्रीय मंत्री मनीष तिवारी ने चंडीगढ़ में हिस्सेदारी प्रॉपर्टी बेचने को लेकर लोगों को आने वाली परेशानी के संदर्भ में लोकसभा में गृह मंत्रालय से सवाल पूछा है।
लोकसभा में गृह मंत्रालय को एक लिखित सवाल में सांसद तिवारी ने पूछा कि क्या चंडीगढ़ प्रशासन ने सुप्रीम कोर्ट द्वारा 10 जनवरी, 2023 को दिए गए फैसले में सिर्फ सिंगल यूनिटों को मल्टीपल अपार्टमेंटस में बदलने और इस तरह के सह-स्वामित्व से जुड़े एग्रीमेंट्स को रजिस्टर करने पर रोक लगाने के बाद 9 फरवरी, 2023 को हिस्सेदारी प्रॉपर्टी को बेचने पर पाबंदी लगा दी थी।
उन्होंने पूछा है कि क्या यह सच्चाई है कि सुप्रीम कोर्ट फैसले में हिस्सेदारी प्रॉपर्टी की बिक्री को लेकर स्पष्ट तौर पर रोक नहीं लगाई गई थी। उन्होंने यह भी पूछा कि क्या सरकार को इस बात की जानकारी है कि हिस्सेदारी प्रॉपर्टी के मालिकों को मेडिकल इलाज या फिर पारिवारिक जरूरत के चलते मजबूरी में वित्तीय नुकसान झेलते हुए अपनी संपत्ति को सह-मालिकों को ही बेचना पड़ता है। चंडीगढ़ प्रशासन ने क्यों नहीं 9 फरवरी, 2023 के नोटिफिकेशन को रद्द किया या फिर सुप्रीम कोर्ट से 10 जनवरी, 2023 के उस फैसले पर स्पष्टीकरण मांगा, जो हिस्सेदारी प्रॉपर्टी की बिक्री पर रोक लगाता है।
मामला पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट में विचाराधीन : मंत्री नित्यानंद
तिवारी के सवाल के जवाब में गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने कहा कि यह मामला पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट में विचाराधीन है।