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सांसद बृजेंद्र सिंह ने छोड़ी भाजपा, थामा कांग्रेस का ‘हाथ’

03:18 PM Mar 10, 2024 IST
सांसद बृजेंद्र सिंह ने छोड़ी भाजपा  थामा कांग्रेस का ‘हाथ’
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  • पूर्व केंद्रीय मंत्री बीरेंद्र सिंह अभी भाजपा में, रैली करके हो सकते कांग्रेस में शामिल
  • बांगर बेल्ट में बड़ा राजनीतिक घटनाक्रम, कांग्रेस टिकट पर चुनाव लड़ सकते बृजेंद्र सिंह
  • हरियाणा का पहला परिवार, जिसमें भाजपा ने दी तीन टिकटें

दिनेश भारद्वाज

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ट्रिब्यून न्यूज सर्विस

चंडीगढ़, 10 मार्च

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लोकसभा चुनावों की घोषणा और प्रदेश में प्रत्याशियों की घोषणा से पहले हरियाणा की राजनीति ने बड़ी करवट ली है। एक बड़े राजनीतिक घटनाक्रम में हिसार से भाजपा सांसद और पूर्व केंद्रीय मंत्री चौ. बीरेंद्र सिंह के बेटे बृजेंद्र सिंह ने खुद को भाजपा से अलग कर लिया। इतना ही नहीं, उन्होंने नई दिल्ली में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिका अर्जुन खड़गे की मौजूदगी में कांग्रेस की सदस्यता भी ग्रहण कर ली।

उनके पिता और पूर्व केंद्रीय मंत्री चौ. बीरेंद्र सिंह तथा उनकी माता व पूर्व विधायक प्रेमलता अभी भी भाजपा में बने हुए हैं। बीरेंद्र सिंह ने अभी तक अपने पत्ते नहीं खोले हैं। माना जा रहा है कि वे भी अगले कुछ दिनों में भाजपा को अलविदा बोलकर कांग्रेस का ‘हाथ’ थाम सकते हैं। यानी बीरेंद्र सिंह की घर वापसी की संभावना अब काफी बढ़ गई है। लगभग दस साल पहले बीरेंद्र सिंह कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हो गए थे।

हरियाणा में बीरेंद्र सिंह का पहला ऐसा परिवार है, जिसके तीन सदस्यों को भाजपा ने टिकट दिया। बीरेंद्र सिंह के भाजपा में आने के बाद उन्हें राज्यसभा भेजा गया और केंद्र में कैबिनेट मंत्री बनाया गया। इसके बाद 2014 के विधानसभा चुनावों में उनकी पत्नी प्रेमलता उचाना कलां से भाजपा विधायक रही। परिवारवाद के खिलाफ माने जाने वाली भाजपा में ऐसे कम ही उदारहण हैं, जब परिवार के तीन-तीन सदस्यों को राजनीति में एडजस्ट किया गया हो।

2019 के लोकसभा चुनावों में भाजपा ने बीरेंद्र सिंह के आईएएस बेटे बृजेंद्र सिंह को हिसार से लोकसभा चुनाव लड़वाया और इसी साल अक्तूबर में हुए विधानसभा चुनावों में प्रेमलता को फिर से उचाना कलां से टिकट मिला। 2019 के लोकसभा चुनावों के बाद और विधानसभा चुनाव होने से पहले एक दौरा ऐसा भी था जब बीरेंद्र सिंह राज्यसभा सदस्य थे, बृजेंद्र सिंह लोकसभा पहुंच चुके थे और प्रेमलता उचाना से विधायक थीं। खुद बीरेंद्र सिंह पिछले लम्बे समय से इस तरह के संकेत दे रहे थे कि वे देर-सवेर भाजपा से नाता तोड़ेंगे।

रविवार को सुबह सांसद बृजेंद्र सिंह ने सोशल मीडिया पर की पोस्ट के जरिये यह खुलासा कर दिया कि उन्होंने भाजपा की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है। हालांकि उन्होंने भाजपा में मिले मान-सम्मान के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पार्टी नेतृत्व का आभार भी जताया है। मल्लिका अर्जुन खड़गे की मौजूदगी में मीडिया से बातचीत में भी उन्होंने पीएम नरेंद्र मोदी की प्रशंसा की। इस दौरान मौजूद रहे वरिष्ठ कांग्रेस नेता अजय माकन ने मीडिया के सवालों के जवाब मंे कहा कि बीरेंद्र सिंह किसी पब्लिक मीटिंग के जरिये कांग्रेस में शामिल होंगे।

भाजपा छोड़ने की बताई यह वजह

बृजेंद्र सिंह ने भाजपा छोड़ने के पीछे तीन-चार राजनीतिक कारणों को मुख्य कारण बताया है। उनका कहना है कि किसानों के आंदोलन और उनकी मांग के वे शुरू से समर्थन में रहे हैं। इसी तरह से केंद्र सरकार द्वारा सेनाओं के लिए शुरू की गई ‘अग्निपथ’ योजना से वे सहमत नहीं थे। महिला पहलवानों के धरने और उनकी मांगों को लेकर भाजपा की कार्यशैली और स्टैंड से भी बृजेंद्र सिंह सहमत नहीं थे। बृजेंद्र सिंह ने कहा, ये ऐसे मुद्दे हैं, जिनकी वजह से वे भाजपा में असहज महसूस कर रहे थे।

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