प्रदेश में बिना कुलपति के चल रहे 6 से अधिक विश्वविद्यालय
हरीश भारद्वाज/हप्र
रोहतक, 23 जनवरी
सरकार शिक्षा को बढ़ावा देने के तो बड़े-बड़े दावे कर रही है, लेकिन प्रदेश के आधा दर्जन से अधिक विश्वविद्यालय बिना कुलपति के चल रहे हैं। यही नहीं कई विश्वविद्यालयों में रजिस्ट्रार व परीक्षा नियंत्रकों के पद भी खाली हैं। चर्चा यह है कि भाजपा सरकार प्रदेश में विश्वविद्यालयों में उच्च पद पर बड़े हेर-फेर करने का एक्शन प्लान बना रही है। ऐसे में जिन कुलपतियों की टर्म बाकी है उन पर भी संकट के बादल मंडरा सकते हैं।
कई कुलपति अपनी कुर्सी सुरक्षित रखने के लिए जुगाड़ करने में लगे हुए हैं। वहीं, भाजपा व संघ परिवार के नजदीकी बताए जाने वाले कई शिक्षाविद् भी उच्च पदों पर आसीन होने के लिए एड़ी चोटी का जोर लगाए हुए हैं। पिछले दिनों यूजीसी द्वारा कुलपति पद पर नियुक्ति के लिए 10 वर्ष तक प्रोफेसर रहने की शर्त को हटाने के बाद कई और लोगों के अरमान जवां होने लगे हैं।
रोहतक स्थित दादा लख्मीचंद फिल्म और विजुअल आर्ट्स विश्वविद्यालय के कुलपति गजेंद्र चौहान का कार्यकाल भी 9 दिसंबर 2024 को पूरा हो चुका है, लेकिन सरकार की ओर से कोई नया आदेश नहीं आया है। वहीं, प्रदेश के एकमात्र स्वास्थ्य विश्वविद्यालय पंडित भगवत दयाल शर्मा स्वास्थ्य विश्वविद्यालय में भी गत दिसंबर में कुलपति की पोस्ट खाली हो गई थी। इसका अतिरिक्त कार्यभार कुलसचिव डॉ. एचके अग्रवाल को सौंप रखा है। हालांकि डॉक्टर अग्रवाल ने कार्यभार संभालते ही पीजीआईएमएस में व्यवस्था सुधारने के कई ऐसे काम किए हैं, जिनसे चर्चाओं में आ गए हैं। वैसे भी डॉक्टर अग्रवाल की संघ से पुरानी नजदीकियां बताई जाती हैं।
पिछले कई साल से वह संस्थान के रजिस्ट्रार का पदभार संभाल रहे हैं। माना जा रहा है कि स्वास्थ्य विश्वविद्यालय के स्थाई कुलपति पद पर उनकी नियुक्ति हो सकती है। चौधरी देवीलाल विश्वविद्यालय के कुलपति पिछले दिनों इस्तीफा दे चुके हैं, इसके बाद दोनों विश्वविद्यालय में कुलपति का पद खाली पड़ा है।
गुरुग्राम यूनिवर्सिटी हरियाणा में भी कुलपति का पद खाली है। वहीं, विश्वकर्मा स्किल यूनिवर्सिटी पलवल के कुलपति पद पर भी नई नियुक्ति नहीं हुई है।
परीक्षा नियंत्रक व रजिस्ट्रार के पद भी खाली
रोहतक सहित हरियाणा के कई विश्वविद्यालयों के परीक्षा नियंत्रक व रजिस्ट्रार के पद भी खाली हैं। रोहतक के तीनों विश्वविद्यालय महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय, स्वास्थ्य विश्वविद्यालय व पं. लख्मीचंद सुपवा बिना स्थाई परीक्षा नियंत्रकों के चल रहे हैं। तीनों विश्वविद्यालयों में अस्थाई परीक्षा नियंत्रक बागडोर संभाले हुए हैं। मदवि के परीक्षा नियंत्रक बीएस सिंधु को रिटायर्ड हुए करीब 1 साल होने वाला है। इस विश्वविद्यालय में कुलसचिव प्रो. गुलशनलाल तनेजा परीक्षा नियंत्रक का अतिरिक्त कार्यभार संभाले हुए हैं। उनका खुद का रजिस्ट्रार का टर्म भी पूरा हो चुका है। इसी प्रकार सुपवा विश्वविद्यालय में करीब 1 साल पहले परीक्षा नियंत्रक के लिए पद विज्ञापित किया गया था, लेकिन नियुक्ति आज तक नहीं हो सकी है। पं. भगवतदयाल शर्मा विश्वविद्यालय में भी परीक्षा नियंत्रक का पद खाली है।