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कुंडली में चंद्र, चंद्रमा पर कुंडली भारी

06:39 AM Aug 25, 2023 IST

राकेश सोहम‍्

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राजनीतिक गठबंधन में विचारधारा आड़े आती है और वैवाहिक गठबंधन में विचार! दोनों का तोड़ पैसा है। पैसा चल जाए तो गठबंधन हो जाते हैं, दहेज़ मिल जाए तो विवाह। इन गठबंधनों के टिकने की गारंटी तब भी नहीं है। राजनीतिक गठबंधन कुर्सी की होड़ में टूटते हैं और वैवाहिक गठबंधन, धनलोलुप मानसिकता में बिखर जाते हैं। वैवाहिक गठबंधन के पूर्व कुंडलियों का मिलान एक प्रचलित-पारंपरिक उपाय है। हालांकि गारंटी इसमें भी नहीं है।
उनकी शादी उन दिनों हुई जब ‘चट मंगनी पट ब्याह’ का चलन शुरुआती दौर में था। उन्होंने लड़की देखी और हां कर दी। पण्डित जी ने दोनों की कुंडली देखकर सत्ताईस गुणों का मिलान कर दिया। सफल वैवाहिक जीवन की गारंटी देकर दोनों परिवारों को खुश कर दिया। हंसी-ख़ुशी चट मंगनी करवा दी और फिर धूमधाम से पट ब्याह। गड़बड़ी यहीं पर हो गई! पंडित जी की ‘गुण-मिलान-एक्यूरेसी’ ने कठिनाई पैदा कर दी। उनकी प्रत्येक पसंद नापसंद, पत्नी की पसंद नापसंद से बिल्कुल मेल खाती है। उन्हें खाना बनाना कतई पसंद नहीं है। पत्नी को भी खाना बनाना पसंद नहीं! उन्हें ऑफिस में कुर्सी तोड़ते हुए और घर पर पलंग पर लोटते हुए अच्छा लगता है। पत्नी भी आरामपरस्त है! सोचते हैं कि काश! इतने एक्यूरेट गुण नहीं मिलते तो बात बनी रहती, न ही बात-बात पर तनी रहती। हालांकि दोष दोनों का नहीं है। वैवाहिक जीवन ऐसा ही है। यह गारंटी से नहीं, आपसी समझदारी से चलता है। वरना पश्चिमी सभ्यता के प्रभाव ने एक नई सोच दी है- चट शादी, पट तलाक़!
बहरहाल, किसी ने एक बार बताया था कि हमारी कुंडली में चंद्र प्रबल चल रहा है। साहित्य में भीषण सफलता के योग बन रहे हैं। संपादकों द्वारा हमारी रचनाओं के प्रकाशन को लेकर नरम रुख अपनाया जाएगा। बिना लिए-दिए पुस्तकों के प्रकाशन की संभावना बन रही है। इस दौरान प्रकाशित पुस्तकों पर अच्छी रॉयल्टी भी मिलने के प्रबल योग हैं। साहित्य में सम्मान का जुगाड़ किया जाए तो वह भी फलित होगा, लेकिन सब व्यर्थ चला गया। हमारे साहित्य को देखकर चंद्र भी शरमा गया। कुंडली पर साहित्य भारी पड़ गया।
आशा से तो आसमान टंगा है। मैं आशा से अपना साहित्य टांग रहा हूं। हाल ही में इसरो ने चंद्रमा पर एक यान भेजा है। हो सके तो अगली बार नासा की ‘लूनर कोडेक्स परियोजना’ की तरह हमारे जैसे लेखकों की किताबों को चंद्रमा पर भेजा जाए। ताकि कम से कम हमारी साहित्य-कुंडली चंद्रमा की सतह पर सुरक्षित पड़ी तो रहेगी।

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