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मोहन भागवत ने किया परंपरागत पूजा पद्धति ‘निदर्शन’ का उद्घाटन

07:37 AM Sep 22, 2024 IST
समालखा में शनिवार को आयोजित कार्यकर्ता सम्मेलन को संबोधित करते आरएसएस सर संघचालक डॉ. मोहन भागवत । -निस

समालखा, 21 सितंबर (निस)
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत ने वनवासी कल्याण आश्रम के अखिल भारतीय कार्यकर्ता सम्मेलन में शनिवार देर शाम पहुंच कर जनजाति समाज की पूजा पद्धतियों के निर्दशन का उद्घाटन किया। डॉ. भागवत रविवार को सम्मेलन के समापन समारोह में वनवासी आश्रम के कार्यकर्ताओं को अपना संदेश देंगे। पट्टीकल्याणा स्थित सेवा साधना एवं ग्राम विकास केंद्र में आयोजित वनवासी कल्याण आश्रम के तीन दिवसीय अखिल भारतीय कार्यकर्ता सम्मेलन के दूसरे दिन देश के अलग-अलग राज्यों से आए कार्यकर्ताओं ने अपने प्रांत के प्रकल्पों, गतिविधियों और कार्यों का वृत्त कथन किया। दूसरे दिन का शुभारंभ मणिपुर से आए जनजाति कार्यकर्ता ने स्थानीय भाषा में अपनी परम्परागत प्रार्थना से किया।
सम्मेलन स्थल पर बनाए गए पंडाल के अलग-अलग स्टॉल पर देश के विभिन्न जनजातियों द्वारा अपने-अपने रीति-रिवाज, परंपरागत पूजा पद्धति को दिखाया गया, जिसका उद्देश्य भारत की एकात्मता के दर्शन कराना है।

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14 पुस्तकों का विमोचन

सम्मेलन सत्र के दौरान रेखा नागर और डॉ. मदन सिंह वास्केल द्वारा लिखित रानी दुर्गावती, डॉ. राजकिशोर हांसदा द्वारा लिखित संताल जनजाति की सृष्टि कथा, रामलाल सोनी द्वारा लिखित अपनों के अपने जगदेव राम और विवेकानंद द्वारा अंग्रेजी में लिखित ग्लोबल जेनोसाइड ऑफ इंडीजेनस पीपल्स नामक पुस्तक सहित कुल 14 पुस्तकों का विमोचन भी किया गया। राष्ट्रीय संगठन मंत्री अतुल जोग ने रानी दुर्गावती के इस वर्ष 500वीं जयंती और बिरसा मुंडा के 150वीं जयंती वर्ष पर सभी केंद्रों और प्रकल्प स्थानों पर कार्यक्रम करने के लिए आह्वान किया।

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