मोहाली पुलिस ने निकाला फ्लैग मार्च
मोहाली, 29 मई (हप्र)
लोकसभा चुनावों को लेकर 1 जून को होने वाली वोटिंग को मुख्य रखते हुए मोहाली पुलिस ने बुधवार को डीएसपी सिटी-2 हरसिमरन सिंह बल की अगुवाई में फ्लैग मार्च निकाला। फ्लैग मार्च में थाना फेज-11, फेज-8, थाना सोहाना, थाना आईटी सिटी के एसएचओ और पुलिस मुलाजिमों के अलावा सुरक्षा फोर्स के जवान व अधिकारी शामिल थे। यह फ्लैग मार्च गुरुद्वारा श्री अंब साहिब से शुरू होकर फेज-8 से होता हुआ फेज-9, फेज-10 और फेज-11 व एयरपोर्ट मार्ग से होता हुआ सोहाना से वापस फेज-8 में आकर खत्म हुआ। इस मौके पर डीएसपी हरमिसरन सिंह बल ने बताया कि पुलिस की ओर से चुनावों को मुख्य रखते हुए विशेष चैकिंग अभियान चलाया जा रहा है। संदिग्ध व्यक्तियों की पहचान करने के लिए विशेष जांच की जा रही है जिसके तहत जगतपुरा कॉलोनी सहित अन्य संवेदनशील क्षेत्र में भी चैकिंग की गई है। डीएसपी बल ने बताया कि लोकसभा चुनाव के मद्देनजर लोगों के बीच सौहार्द बनाए रखने के लिए जिले के उपमंडलों में फ्लैग मार्च निकाला गया।
सौ मीटर के दायरे में प्रत्याशी नहीं कर सकेंगे प्रचार
एक जून को होने वाले मतदान के दौरान किसी भी बूथ में सौ मीटर के दायरे में प्रत्याशी चुनाव प्रचार नहीं कर सकेंगे। जिला मजिस्ट्रेट आशिका जैन ने इस संबंध में सभी मतदान केंद्रों के सौ मीटर के दायरे में प्रचार पर रोक लगा दी है। जिला मजिस्ट्रेट ने धारा 144 के तहत प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए जिले की सीमा के भीतर मतदान केंद्रों के 100 मीटर के दायरे में पहली जून के लिए निषेधाज्ञा जारी कर दी है। आशिका जैन ने कहा कि पंजाब राज्य में लोकसभा चुनाव पहली जून को होने हैं और इन वोटों की गिनती 4 जून को होनी है। मतदान प्रक्रिया सम्पन्न कराने के लिए जिले में निर्धारित मतदान केंद्र के 100 मीटर की परिधि में प्रचार नहीं किया जा सकेगा।
पांच से ज्यादा लोगों के एक साथ एकत्रित होने पर पाबंदी
जिला मोहाली में तीस मई की शाम छह बजे के बाद कोई भी पार्टी अपना प्रचार प्रसार नहीं कर सकेगी। इसके साथ ही सार्वजनिक बैठकें करने, किसी भी प्रकार का प्रदर्शन करने, नारेबाजी करने, पांच या अधिक लोगों के एकत्रित होने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। यह आदेश जिले में 30 मई की शाम 6 बजे से पहली जून तक तक जारी रहेंगे।
उन्होंने कहा कि ये आदेश अर्धसैनिक बल, सैन्य बल, सरकारी ड्यूटी पर तैनात अधिकारियों, कर्मचारियों, विवाह, धार्मिक समारोह, सरकारी समारोह और मृतक के अंतिम संस्कार पर लागू नहीं होगा।