मनरेगा व खेत मजदूर यूनियन की बैठक संपन्न
जींद(जुलाना), 24 जुलाई (हप्र)
बुधवार को जुलाना क्षेत्र के गांव पौली में मनरेगा श्रमिक यूनियन व अखिल भारतीय खेत मजदूर यूनियन के पदाधिकारियों की संयुक्त बैठक हुई। बैठक की अध्यक्षता कॉमरेड रमेश चन्द्र, सुरेश करसोला व गुलाब ने संयुक्त रूप से की। कामरेड रमेश चंद्र ने कहा कि भाजपा की केंद्र व राज्य सरकारों ने मनरेगा कानून को पंगु बनाकर रख दिया हैं। मजदूरों को ना तो न्यूनतम मजदूरी मिलती हैं, ना ही कानून अनुसार गांव से 5 किलोमीटर दूर जाने पर किराया मिलता और ना ही काम मिलता है। काम करने के बाद आमतौर पर कम मजदूरी देने का रिवाज बना दिया है। ऊपर से महंगाई की मार बेइंतेहा हैं, जियो टैग लाकर सरकार ने मजदूरों के जले पर नमक छिड़कने का तरीका अपनाया है। जिसके कारण मजदूरों को दोनों समय 4 से 6 किलोमीटर आना जाना पड़ता हैं। डिजिटल हाजरी भी जी का जंजाल बन गई हैं, डिजिटल के नाम पर नेट न होने के कारण मजदूरों को घंटों बैठना पड़ता है। मजदूरों द्वारा काम मांगने पर उन्हें न तो काम दिया जाता, बल्कि मजदूरों की काम मांगने की दरखास्त भी नहीं ली जाती हैं। अभी हाल ही में ही में जिन गांवों में तालाब खुदाई का काम हुआ हैं, वहां पर तय दर से भी कम मजदूरी का भुगतान किया गया है। जिसमें अकालगढ़, लाजवाना कलां, किलाजफरगढ़ आदि के मजदूरों को कम मजदूरी का भुगतान किया गया। मांगों को लेकर आगामी 30 जुलाई को जुलाना के दर्जनों गांवों से मजदूर विरोध प्रदर्शन में भाग लेंगे। यूनियन ने चेतावनी दी कि अगर मनरेगा मजदूरों की मांगों का समाधान नहीं हुआ तो आने वाले विधानसभा चुनाव में मनरेगा मजदूर भाजपा को सबक सिखाएंगे।