सरकार से बातचीत के बाद निर्णय लेंगे मिलर्स
धान भंडारण की बड़ी दिक्कत, आंदोलन की पहले ही चेतावनी दे चुके हैं किसान
जितेंद्र अग्रवाल/हप्र
अम्बाला शहर, 29 सितंबर
बिना मांगें माने चालू सीजन में मिलिंग के लिए सरकार के साथ कोई एग्रीमेंट या पंजीकरण नहीं करवाने को लेकर अड़े मिलरों और सरकार के बीच सोमवार यानी 30 सितंबर को होने वाली बातचीत पर धान खरीद का भविष्य टिक गया है। सरकार से होने वाली बातचीत के आधार पर ही मिलर आगे के लिए कोई निर्णय लेंगे।
जानकारी के अनुसार सोमवार को मिलरों और मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव राजेश खुल्लर के बीच महत्वपूर्ण बातचीत होनी प्रस्तावित है। इस बातचीत के आधार पर ही धान सीजन का भविष्य तय होगा। यदि बातचीत सार्थक रहती है तो मिलर एग्रीमेंट व पंजीकरण करवाने को तैयार होंगे। बेशक किसानों को राहत देते हुए सरकार ने 27 सितंबर से धान खरीद प्रारंभ कर दी है, लेकिन सबसे बड़ी समस्या तो खरीद के बाद भंडारण के लिए आने वाली है। इससे सरकार भी सांसत में है और किसान यूनियनें पहले से ही आंदोलन की चेतावनी दे चुकी हैं। सरकार के पास व्यापक स्तर पर धान भंडारण की कोई व्यवस्था ही नहीं है। खरीदा गया धान मिलर ही अपने स्तर पर उठाते हैं और मिलिंग करके सरकार को चावल के रूप में देते हैं। धान यदि तुरंत लिफ्ट नहीं होता तो मंडियों में भी इतनी क्षमता नहीं है कि वह धान संभाल सकें।
सरकार के अड़ियल रवैये के चलते हाल ही में मिलरों की एक बड़ी बैठक अम्बाला शहर में हुई, जिसमें राइस मिल एसोसिएशन के राष्ट्रीय प्रधान तरसेम सैनी, हरियाण एसोसिएशन के प्रधान हंस राज सिंगला, चेयरमैन जवैल सिंगला, प्रदेश महासचिव मक्खन सिंगला, उत्तर हरियाण एसोसिएान प्रधान सतपाल गुता के साथ साथ अम्बाला इकाई के प्रधान संजीव गर्ग, राजिंद्र दांड, साहब सिंह सैनी, मक्खन लाल गोयल, गौरव गुप्ता, राहुल सिंगला प्रधान साहा सहित पूरे हरियाणा के 500 से अधिक मिलर शामिल हुए। जानकारी के अनुसार बैठक में मिलरों के समक्ष उत्पन्न समस्याओं को विस्तार से चर्चा हुई और निर्णय हुआ कि सरकार द्वारा मांगे माने जाने तक कोई मिलर मिलिंग के लिए अनुबंध अथवा पंजीकरण नहीं करेगा।
अम्बाला राइस मिलर्स एंड डीलर्स एसोसिएशन अम्बाला शहर के अध्यक्ष संजीव गर्ग ने बैठक होने की पुष्टि करते हुए खुलासा किया कि 30 सितंबर को मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव राजेश खुल्लर ने मिलर एसोसिएशन के प्रतिनिधियों को बातचीत के लिए बुलाया हुआ है। इसमें उनके साथ उन सभी विषयों पर खुलकर बातचीत होगी जिनके बारे एसोसिएशन पहले ही अधिकारियों को लिखित रूप से जानकारी दे चुकी है। उन्होंने संभावना जताई कि मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव के साथ होने वाली बातचीत में समस्याओं पर सार्थक फैसला हो सकता है।