ठंड की रफ्तार में इकाई अंक पर सिमटा पारा
नयी दिल्ली/चंडीगढ़, 3 जनवरी (एजेंसी)
ठंड की रफ्तार जारी है। ऐसे में दिल्ली-एनसीआर, हरियाणा, पंजाब एवं आसपास के इलाकों में पारा इकाई अंक पर सिमट कर रह गया है। इसके साथ ही कोहरा भी कई इलाकों में छाए रहने का असर यातायात पर पड़ रहा है। सड़कों पर वाहन धीमे चल रहे हैं, जबकि भारतीय रेलवे के अनुसार, कोहरे के कारण 26 रेलगाड़ियां एक से छह घंटे की देरी से चल रही हैं। कई जगह दृश्यता 50 से 200 मीटर के बीच दर्ज की गयी।
राष्ट्रीय राजधानी में बुधवार की सुबह कोहरे भरी रही और न्यूनतम तापमान 7.3 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। मौसम विभाग के अनुसार, हरियाणा के नारनौल में न्यूनतम तापमान 4.5 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। हिसार, करनाल और रोहतक में लोगों ने सर्द रात का अनुभव किया जहां न्यूनतम तापमान क्रमशः 7.4 डिग्री, 7.7 डिग्री और 7.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। अंबाला में न्यूनतम तापमान 8.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज हुआ। पंजाब और हरियाणा की संयुक्त राजधानी चंडीगढ़ में न्यूनतम तापमान 8.7 डिग्री रहा। पंजाब के गुरदासपुर में कड़ाके की ठंड पड़ रही है जहां न्यूनतम तापमान पांच डिग्री सेल्सियस रहा। बठिंडा और फरीदकोट भी ठंड की चपेट में रहे जहां न्यूनतम तापमान क्रमश: छह डिग्री और 6.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। अमृतसर में न्यूनतम तापमान 8.2 डिग्री सेल्सियस रहा जबकि लुधियाना और पटियाला में न्यूनतम तापमान 7.6 डिग्री तथा आठ डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।
पहाड़ों में शीत लहर : मैदानी इलाकों में भले ही कोहरे का कहर हो, लेकिन पहाड़ों पर ज्यादातर इलाकों में धूप निकल रही है, लेकिन इन इलाकों में रात को शीत लहर जारी है। हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड एवं कश्मीर के अनेक ऊपरी इलाकों में पारा शून्य से नीचे रहा। कश्मीर के अनंतनाग में न्यूनतम तापमान शून्य से नीचे सात डिग्री रहा। श्रीनगर में शून्य से नीचे 4.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया और डल झील की सतह पर बर्फ की एक परत बन गई। ‘हाउसबोट’ में रहने वालों को नौकाओं को किनारे पर लाने के लिए बर्फ की परत तोड़ने में मशक्कत करनी पड़ी।
दिसंबर में दिल्ली रही गर्म देश के कई इलाकों में भीषण ठंड तो है, लेकिन पिछले साल का अंतिम महीना यानी दिसंबर, 2023 सबसे गर्म रहा। भारत मौसम विज्ञान विभाग ने बताया कि दिसंबर 2023 राष्ट्रीय राजधानी में छह वर्षों में सबसे गर्म महीना रहा। दिल्ली में इस महीने के दौरान एक भी दिन ‘शीत लहर वाला’ दर्ज नहीं किया गया।