Haryana AQI: हरियाणा में जहरीली हो रही हवा, पहली से पांचवीं तक के स्कूल बंद रहेंगे
चंडीगढ़, 16 नवंबर (ट्रिन्यू)
Haryana AQI: हरियाणा में बिगड़ती आबोहवा के बीच नायब सरकार ने पहली से पांचवीं तक के स्कूलों को बंद करने का फैसला लिया है। हालांकि, फैसले को लागू करना जिला उपायुक्त के अधिकार क्षेत्र में रहेगा। प्रदेश का वातावरण लगातार बिगड़ रहा है। जीटी बेल्ट से लेकर एनसीआर में हवा दमघोंटू साबित हो रही है।
बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए शिक्षा विभाग ने चिंता जताते हुए पहली से पांचवीं कक्षा तक के स्कूलों का बंद करने का फैसला लिया है। इसे लेकर मौलिक शिक्षा विभाग के महानिदेशक ने सभी जिला उपायुक्तों को पत्र लिखा है कि गंभीर वायु गुणवत्ता सूचकांक को देखते हुए पहली से पांचवीं तक की कक्षाएं बंद करने का स्वत: फैसला लें। जिला उपायुक्तों को लिखे पत्र में विद्यालय शिक्षा निदेशालय ने निर्देश जारी किए हैं कि छात्रों की हित में पहली से पांचवीं तक की कक्षाएं ऑनलाइन लगाई जाएं।
हरियाणा सरकार ने बढ़ते प्रदूषण के मद्देनज़र बच्चों के स्वास्थ्य को प्राथमिकता देते हुए जिला उपायुक्तों को कक्षा 5 वीं तक के स्कूल अस्थायी रूप से बंद करने का अधिकार दिया है। इस संबंध में स्कूल शिक्षा निदेशालय की ओर से सभी जिला उपायुक्तों को पत्र लिखा गया है।#Haryana #DIPRHaryana pic.twitter.com/UcIkYo5Z9c
— DPR Haryana (@DiprHaryana) November 16, 2024
हरियाणा में सौर ऊर्जा को बढ़ावा देगी नायब सरकार
हरियाणा विद्युत विनियामक आयोग (एचईआरसी) के अध्यक्ष नंद लाल शर्मा ने शनिवार को मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी से मुलाकात की। इस दौरान विद्युत क्षेत्र में सुधार, सौर ऊर्जा को बढ़ावा देने, थर्मल पावर प्लांट को दुरुस्त करने और विद्युत क्षेत्र से संबंधित केंद्र सरकार की योजनाओं को प्रभावी ढंग से लागू करने जैसे कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा हुई। साथ ही, एग्रीगेट ट्रांसमिशन एंड कमर्शियल लॉस (एटीएंडसी) को कम करने के महत्व पर भी चर्चा की गई। इसमें बिजली वितरण क्षमता बढ़ाने, राजस्व घाटे को कम करने और अधिक विश्वसनीय विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित करने पर जोर दिया गया।
उल्लेखनीय है कि विद्युत अधिनियम 2003 की धारा 86(2) के तहत राज्य विद्युत विनियामक आयोग राज्य सरकार को राज्य में बिजली उद्योग के पुनर्गठन, पुनर्संरचना, उत्पादन, प्रसारण और वितरण जैसे विषयों पर तकनीकी सलाह देता है। इसी के तहत एचईआरसी अध्यक्ष ने मुख्यमंत्री से मुलाकात की।
थर्मल प्लांटों को दुरुस्त करने, सौर ऊर्जा को प्रोत्साहित करने और रूफटॉप सोलर योजनाओं को अधिक प्रभावशाली ढंग से लागू करने की आवश्यकता पर जोर दिया गया। प्रधानमंत्री की ‘हर घर सूर्य योजना’ को क्रांतिकारी तरीके से लागू करने के संबंध में भी विचार-विमर्श हुआ।
शर्मा ने मुख्यमंत्री को बताया कि जब वे सतलुज जल विद्युत निगम के सीएमडी थे, तो उन्होंने तत्कालीन केंद्रीय विद्युत मंत्री के साथ मिलकर इस योजना को तैयार करवाने में अपनी भूमिका निभाई थी। उन्होंने कहा कि यह योजना भारत सरकार के 2030 तक 500 गीगावाट ग्रीन एनर्जी का उत्पादन करने के लक्ष्य को हासिल करने में मील का पत्थर साबित होगी।
शर्मा ने कहा कि वर्तमान में एचईआरसी अध्यक्ष के रूप में उनकी भूमिका विद्युत क्षेत्र में बेहतर विनियम बनाना और उनकी प्रभावी पालना सुनिश्चित करवाना है। शर्मा ने ‘हर घर सूर्य योजना’ को लेकर बताया कि यह भारत सरकार की एक योजना है। इसके तहत घरों पर सोलर पैनल लगाकर मुफ्त बिजली उपलब्ध कराई जाएगी। योजना की शुरुआत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 13 फरवरी, 2024 को की थी।