Mental health problem: क्रिएटिव तकनीक से मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं का समाधान
चंडीगढ़, 23 जनवरी (ट्रिन्यू)
Mental health problem: मानसिक स्वास्थ्य समस्याएं भारतीय आबादी के लगभग 15% को प्रभावित करती हैं, फिर भी इस पर बात तक करने पर लोग काफी संकोच महसूस करतें हैं। यह ही नही अगर किसी को मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ी कोई समस्या है तो बदनामी के डर से वो किसी विशेषज्ञ से सलाह तक नहीं लेता। साइकोलॉजिस्ट शबाना आज़म और थिएटर पर्सनालिटी और आर्ट-बेस्ड मेंटल हेल्थ एक्सपर्ट निशा लूथरा द्वारा स्थापित एक ग्राउंड-ब्रेकिंग स्टार्ट-अप एनसो मानसिक स्वास्थ्य से संबंधित समस्याओं को इनसे जुड़े 'बदनामी के दाग' को समाप्त करना चाहती है।
एनसो (ENSO) ने सेक्टर 8 बी मार्केट में शुरुआत की है। शबाना आज़म और निशा लूथरा ने अपने परिसर में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित किया, जहां से एनसो, ट्राइसिटी निवासियों के मानसिक स्वास्थ्य मुद्दों को हल करने के लिए अत्याधुनिक सर्विसेज प्रदान करेगा।
निशा लूथरा ने कहा कि "मानसिक स्वास्थ्य शारीरिक स्वास्थ्य जितना ही महत्वपूर्ण है। मदद मांगना ताकत का संकेत है, कमजोरी का नहीं। हम मॉडर्न आर्ट और परफॉर्मेंस-आधारित तकनीकों को भी शामिल कर लोगों को मानसिक समस्याओं से निजात दिलाएंगे।" शबाना आज़म ने कहा कि "मानसिक स्वास्थ्य के मुद्दे बहुत बढ़ गए हैं, और उन्हें संबोधित करना आवश्यक है।"
मानसिक स्वास्थ्य के लिए एक व्यापक दृष्टिकोण
यह उल्लेखनीय है कि एनसो का मिशन व्यक्तियों को उनके संघर्षों पर चर्चा करने और संपूर्ण थेराप्यूटिक इंटरवेंशन्स के लिए एक सुरक्षित, समावेशी स्थान प्रदान करना है। यह दृष्टिकोण संगीत, श्वास कार्य, रंगमंच, नृत्य, कला चिकित्सा, पुष्टि और अभिव्यक्तियों जैसे रचनात्मक तौर-तरीकों के साथ साइकोलॉजिकल ट्रीटमेंट को इंटीग्रेट करता है।
एनसो ने आत्महत्या जैसे प्रमुख मुद्दे से निपटने की भी योजना बनाई
बढ़ती आत्महत्याओं के बारे में एक प्रश्न के उत्तर में, निशा और शबाना ने कहा कि आत्महत्या मृत्यु का एक ऐसा कारण है जिसे होने से रोका जा सकता है , और वे इस मुद्दे से निपटने की योजना बना रहे हैं। एनसो का उद्देश्य भावनात्मक सहजता को बढ़ाना, कंसल्टेशन सर्विसेज प्रदान करना और दैनिक जीवन में तनाव-मुक्ति प्रक्रियाओं को इंटीग्रेट करके इस समस्या से निपटना है।
युवा वयस्कों के सामने आने वाली चुनौतियों पर संस्थापकों की राय
शबाना ने युवा वयस्कों में मानसिक स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं में योगदान देने वाले सामाजिक बदलावों के बारे में बताया, जिसमें संयुक्त परिवारों का लगातार टूटना, वित्तीय स्वतंत्रता में बढ़ोतरी और सोशल मीडिया का व्यापक प्रभाव शामिल है। निशा लूथरा ने एक्सीलेंस प्राप्त करने, सामाजिक अपेक्षाओं के अनुरूप होने और सोशल मीडिया पर मान्यता प्राप्त करने के दबावों जैसे मुद्दों पर जोर दिया और कहा कि इन कारकों से युवाओं में मानसिक तनाव बढ़ता है । दोनों ने कहा कि ये चुनौतियां युवाओं में चिंता, अवसाद और यहां तक कि आत्महत्या की प्रवृत्ति के रूप में प्रकट होती हैं।
युवाओं में सोशल मीडिया का अत्यधिक उपयोग एक बड़ी चिंता
दोनों ने युवाओं के दिमाग पर अत्यधिक स्क्रीन समय के हानिकारक प्रभावों पर प्रकाश डाला। निशा ने कहा कि "मोबाइल पर हर समय नज़रें केंद्रित रखने से नींद संबंधी विकारों से लेकर ध्यान अवधि में कमी और भावनात्मक अपरिपक्वता तक, मनोवैज्ञानिक प्रभाव पड़ता है।" शबाना ने कहा कि "वर्चुअल दुनिया वास्तविक जीवन की बातचीत की जगह ले रही है, जिससे अलगाव और खालीपन की भावनाएं बढ़ रही रही हैं।"
संस्थापकों का समृद्ध अनुभव सभी के लिए लाभदायक
शबाना आज़म एक बेहद स्किल्ड साइकोलॉजिस्ट और हिदायत, होम ऑफ़ काउंसलिंग एंड थेरेपी की संस्थापक हैं; निशा लूथरा द नरेटर्स परफ़ॉर्मिंग आर्ट्स सोसाइटी की संस्थापक निदेशक हैं, और उन्होंने कॉर्पोरेट्स, स्कूलों और अत्यधिक तनावग्रस्त प्रोफेशनल्स के लिए आर्ट और परफॉर्मेंस-बेस्ड वर्कशॉप्स को ट्राइसिटी में पेश करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
निशा ने कहा कि "एनसो का मिशन व्यक्तियों को उनके संघर्षों पर चर्चा करने और ओवरऑल थेराप्यूटिक इंटरवेंशन्स तक पहुंचने के लिए एक सुरक्षित, सभी के लिए उपयोगी स्पेस प्रदान करना है।" शबाना ने कहा कि "हमारा दृष्टिकोण साइकोलॉजिकल थेरेपीज को क्रिएटिव तौर-तरीकों के साथ एकीकृत करता है, हम मानसिक तनाव और चिंता को कम करने के लिए योग का भी उपयोग करेंगे।"