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बदलाव के मायने

11:52 AM Jul 10, 2021 IST

नौ जुलाई के दैनिक ट्रिब्यून में राजकुमार सिंह का ‘मध्यावधि कवायद के राजनीतिक निहितार्थ’ लेख विषय पर चर्चा करने वाला था। मंत्रिमंडल में परिवर्तन करना प्रधानमंत्री का संवैधानिक अधिकार है लेकिन जिस तरह से अपने दूसरे कार्यकाल के मध्य में यह परिवर्तन किया गया है, उसे समझने की जरूरत है। प्रधानमंत्री मोदी के छह साल तो उपलब्धियों से परिपूर्ण हैं परंतु सातवां साल निराशा से घिरा हुआ था। अपने दूसरे कार्यकाल में मंत्री परिषद में फेरबदल का प्रधानमंत्री मोदी तथा भाजपा को लाभ होगा या नहीं, यह तो आने वाला समय ही बताएगा।

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शामलाल कौशल, रोहतक


वैक्सीन की उपलब्धि

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भारत दुनिया में सबसे अधिक लोगों का टीकाकरण करने वाला देश बन गया है। ग्लोबल वैक्सीनेशन ब्रेकर के अनुसार टीकाकरण के मामले में भारत ने अमेरिका, ब्रिटेन, इटली, जर्मनी आदि देशों को पछाड़ दिया है। वैक्सीनेशन की संख्या में रफ्तार की बाद भी कोरोना का प्रकोप थम नहीं रहा है। लगातार संक्रमितों की संख्या में इजाफा हो रहा है और नए-नए वेरिएंट सामने आ रहे हैं। हालांकि वैक्सीन कारगर है। हमारी नैतिक जिम्मेदारी बनती है कि सतर्कता और जागरूकता के साथ नियमों का पालन करें।

रितिक सविता, दिल्ली


राजनीति को दिशा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अहम बैठक हो या फिर देश के नाम कोई संदेश हो, मोदी कुछ ऐसा करते हैं, जिस कारण पूरी दुनिया का ध्यान उन पर केंद्रित हो जाता है। नरेंद्र मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का पहला और बड़ा कैबिनेट फेरबदल हो गया है। इस नई टीम में कई युवा, प्रोफेशनल चेहरों को मौका मिला है। अब देखने वाली बात यह होगी कि मोदी की सेना के नये सिपाही उनकी उम्मीदों पर कितना खरा उतरते हैं। अब पढ़े-लिखे काबिल लोग देश की राजनीति को एक नई दिशा देंगे, ऐसी उम्मीद है।

महक अरोड़ा, चंडीगढ़

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