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सपनों का हमसफर  खरा भी हो भरोसे पर

08:11 AM Aug 08, 2023 IST

रिश्ते...

रेणु जैन

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एक शख्स जिसकी खातिर मन जमाने से बगावत करने पर उतर आता है। कोई युवक या युवती उम्र के एक खास मोड़ पर किसी अजनबी के साथ कई सपने संजोने लगता है। उसका नाम होंठों पर लरजने लगता है। हर आहट में उसी का ख्याल आने लगता है। उसे पाने की हसरत जिंदगी का मकसद बन जाती है बस इसे ही कहा जाता है मोहब्बत। लेकिन इस स्थिति में , खासकर युवतियों के लिए, यह ध्यान रखना जरूरी है कि आपका किसी को पूरी शिद्दत से चाहना ही काफी नहीं होता, बल्कि यह भी जानना चाहिये क्या वो भी इसी तरह आपके ख्यालों में गुम है। खुलेपन के इस युग में जहां लव-कम-अरेंज मैरिज तथा लव मैरिज होते हैं। आप पहले ही सोच-समझ लें कि क्या भावी जीवन साथी के रूप में वह भी आपका साथ पूरी ईमानदारी से निभाने को तैयार है। वरना सपनों का आशियाना एक छोटी-सी बात पर भी बिखर सकता है। चाहत को बाकायदा स्थाई रिश्ते का रूप देने से पूर्व कुछ बातें यकीनी बनाने के बाद ही कदम आगे बढ़ाना  बेहतर है।

आपके प्रति उसका नजरिया

आप जब उसके साथ होती हो तो आपके प्रति उसका नजरिया क्या होता है? यह पूरे जीवन की नींव है। यदि वह आपको समानता के स्तर पर रखता है तो यह सबसे प्रमुख बात है। इससे यह जाहिर होता है कि मुसीबत के पलों में वह पल्ला नहीं झटकेगा। कदम से कदम मिलाकर वह आपका साथ देगा।

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भावी जिंदगी की कसौटी पर

जब वह आपसे बात करता है तो क्या वह पढ़ाई के साथ जिंदगी के बारे में भी बातें करता है, अगर हां तो वह सही मायने में गंभीर है। वरना फ्लर्ट करने वाले लड़के अक्सर फिल्मों या मौज-मस्ती की बातों को ही प्रमुखता देते हैं।

अपेक्षाएं जायज हैं या नहीं

क्या वह आपसे आत्मीय सहयोग तथा अपनापन रखता है। कहीं ऐसा तो नहीं कि यूं ही कहीं घूम-फिर लेने या अक्सर अकेले में घूमने की जिद रखता है। न मानने पर डांट भी देता है या फिर अपनी हर बात पर अड़ जाता है। ऐसी रिलेशनशिप में न तो आप खुश रह सकती हैं और न ही वह जिसे आप अपना मान रही हैं।

आपके फ्रेंड्स से व्यवहार

ख्याल रखें कि वह एक अच्छे इंसान की तरह पेश आता है या आशिक मिजाज के रूप में। इससे उसके स्वभाव व चरित्र का पता चलता है। किसी भी समाज में स्त्री-पुरुष के परस्पर रिश्तों में ईमानदारी बरतना जरूरी है, क्योंकि यदि आप समाज और परिवार में रहते हैं तो उनके उत्तरदायित्वों का पालन करना आपका नैतिक कर्तव्य भी है। यह सामाजिक परिवेश को निरोगी बनाए रखने के लिए आवश्यक है। यदि आपके चोरी-छिपे कहीं और रिश्ते हैं तो स्मरण रखिए एक दिन आपकी पोल खुलना ही है। समाज ऐसे रिश्तों पर अपनी मोहर नहीं लगाता।

‘मैं’ छोड़ ‘हम’ होने का मिजाज

कभी-कभी सामन्य बातचीत में आपका मूड खराब हो जाता है तब क्या वह आपको खुश करने का प्रयास करता है या उसे इससे कोई फर्क नहीं पड़ता या उसका ईगो आड़े आ जाता है कि मैं क्यों मनाऊं। समस्याएं तो जीवन का हिस्सा हैं, अतः उसका दोनों को ही डटकर मुकाबला करना चाहिए। ‘मैं’ और ‘तुम’ का चक्कर छोड़कर ‘हम’ पर महत्व देना चाहिए।

तारीफ भी तो जरूरी

क्या वह आपका बर्थ-डे याद रखता है? या जरूरत ही नहीं समझता, क्योंकि ये ही छोटी-छोटी बातें बाद में कई बार तनाव की वजह बन जाती हैं। वैसे भी सफल रिश्ते का मूलमंत्र है अपने जीवन साथी की तारीफ करना। ये छोटी-छोटी बातें आपसी प्रेम बढ़ाती हैं।

विवेकपूर्ण आचरण

खाओ-पियो ऐश करो की प्रवृत्ति ठीक नहीं है। अपने परिवार की सुख-सुविधा का ध्यान रखना भी उतना ही जरूरी है, जितना बाकी बातों का। भविष्य में परिवार के प्रति जिम्मेदारी में वह क्या सोचता है। कहीं पैसा फालतू खर्च तो नहीं कर रहा है, यह भी ध्यान रखने योग्य बात है।

बात भरोसे की

क्या वह आप पर भरोसा करता है? या सुनी-सुनाई बातों पर यकीन करके झगड़ा मोल लेता है। साथी हर बात पर शंका करें तो जीवन को नर्क बनते देर नहीं लगती। तो अब देखें क्या आपका भावी जीवन साथी आपकी बातों पर खरा उतरता है। ये बातें दिखने-सुनने में भले सामान्य लगें, पर पूरे जीवन के सुखमय सफर का मूलमंत्र हैं।

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