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मेटीरियल, क्वांटम फोटोनिक्स से तकनीक में बदलाव तेज

10:59 AM Nov 08, 2024 IST
मेटीरियल  क्वांटम फोटोनिक्स से तकनीक में बदलाव तेज
हिसार स्थित गुजविप्रौवि में बृहस्पततिवार को सम्मेलन का उद्घाटन करते मुख्यातिथि कुलपति प्रो. टंकेश्वर कुमार व कुलपति प्रो. नरसी राम बिश्नोई। -हप्र
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हिसार, 7 नवंबर (हप्र)
इमर्जिंग मेटीरियल तथा क्वांटम फोटोनिक्स में शोध तथा रोजगार की अपार संभावनाएं हैं। ये दोनों ही तकनीकें तेजी से विकसित हो रही हैं तथा जीवन के हर क्षेत्र को सीधे तौर पर प्रभावित कर रही हैं। दुनिया में पिछले सात-आठ हजार सालों में तकनीकी तौर पर बहुत तेजी से बदलाव नहीं आए थे, लेकिन मेटीरियल तथा क्वांटम फोटोनिक्स के चलते बहुत तेजी से तकनीकी बदलाव आ रहे हैं। हालांकि इसके सकारात्मक तथा नकारात्मक दोनों ही पहलू हैं। वैज्ञानिकों को इनके सकारात्मक पहलुओं पर काम करना चाहिए। यह बात मुख्य अतिथि केंद्रीय विश्वविद्यालय हरियाणा, महेंद्रगढ़ के कुलपति प्रो. टंकेश्वर कुमार ने बृहस्पतिवार को गुरु जंभेश्वर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, हिसार (गुजविप्रौवि) के भौतिकी विभाग के सौजन्य से इमर्जिंग मेटीरियल्स एंड क्वांटम फोटोनिक्स (आईसीईएमक्यूपी-2024) विषय पर तीन दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन करते हुए कही।
अध्यक्षता विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. नरसी राम बिश्नोई ने की। भाभा ऑटोमिक रिसर्च सेंटर (बीएआरसी) मुम्बई के वैज्ञानिक प्रो. एस.एम. युसफ मुख्य वक्ता रहे। विश्वविद्यालय के कुलसचिव प्रो. विनोद छोकर, विभागाध्यक्ष एवं संयोजक प्रो. आशीष अग्रवाल, संरक्षक प्रो. देवेन्द्र मोहन, डीन फैकल्टी ऑफ फिजिकल साइंस एंड टेक्नोलॉजी प्रो. सुजाता सांघी तथा आयोजन सचिव डाॅ. हरदेव सिंह भी उद्घाटन समारोह के दौरान मंच पर उपस्थित रहे।
प्रो. नरसी राम बिश्नोई ने इस मौके पर कहा कि क्वांटम फोटोनिक्स वर्तमान युग की एक क्रांतिकारी देन है। इसने औद्योगिक क्षेत्र के साथ-साथ जीवन के हर पहलु को प्रभावित किया है। विशेषकर स्वास्थ्य, ऊर्जा तथा संबंधित क्षेत्रों में इस तकनीक की केंद्रीय भूमिका है।
भौतिकी विभाग के अध्यक्ष प्रो. आशीष अग्रवाल ने स्वागत संबोधन में बताया कि सम्मेलन में 15 तकनीकी सत्र होंगे। यह सम्मेलन साइंस एंड इंजीनियरिंग रिसर्च बोर्ड तथा बोर्ड ऑफ रिसर्च इन न्यूक्लियर साइंसिज द्वारा प्रायोजित है। इस अवसर पर अतिथियों द्वारा सम्मेलन की विवरिणका का विमोचन भी किया गया। संयोजन सचिव डा. हरदेव सिंह ने धन्यवाद प्रस्ताव प्रस्तुत किया।

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नेशनल क्वांटम मिशन के लिए 6003.65 करोड़ का बजट

प्रो. एस.एम. युसफ ने क्वांटम एनटेंगलमेंट ऑफ स्पिन्स एंड इट्स रेलिवेंस इन क्वांटम टेक्नोलॉजी पर अपना व्याख्यान दिया। उन्होंने बुनियादी क्वांटम सिद्धांतों के बारे में विस्तार से समझाया। उन्होंने बताया कि भारत सरकार नेशनल क्वांटम मिशन के तहत क्वांटम तकनीक को बढ़ावा देने के लिए कार्य कर रही है। इस मिशन के लिए केंद्र सरकार ने 2023-24 से 2030-31 तक 6003.65 करोड़ रुपये का बजट अनुमोदित किया है।

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