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क्रिकेट के समानांतर बाज़ार का भी खेल

06:25 AM Nov 28, 2023 IST

आलोक पुराणिक

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विश्व कप में भारतीय टीम फाइनल में पहुंचकर हार गयी थी, मुझे टेंशन हो रही थी। टॉपम-टॉप बैट्समैन सूर्य कुमार यादव को एक कंपनी जूता सप्लाई करती है, जिसे पहनकर सूर्य कुमार जो बताते हैं उसका आशय यह है कि यही जूता उनकी कामयाबी का राज है। मैं डर रहा था कि हार के बाद यह जूता कंपनी कहीं यह न कह उठे कि लाओ हमारे जूते वापस लाओ, तुम जीत न पाते। पर नहीं मेरा टेंशन खत्म हो गया, भारत-आस्ट्रेलिया ट्वेंटी-ट्वेंटी सीरीज का पहला मैच सूर्य कुमार यादव की टीम ने जीत लिया, जूते नहीं जायेंगे।
टेंशन इस बात की है कि अगर अच्छी परफारमेंस पर जूते मिल सकते हैं, तो बुरी परफारमेंस पर जूते पड़ सकते हैं या जूता कंपनी कह सकती है कि लाओ हमारे जूते वापस दो, क्या पता, वह उठाकर ये जूते विजेता टीम के प्लेयर को दे दे। जो जीता वही जूते वाला। पर साहब बाजार के नियम अलग हैं। बाजार विजेता का ही है।
पान-मसाले वाले भी हर क्रिकेटर को पान-मसाला न खिलाते, पुराने वक्तों के टॉप क्रिकेटरों को ही पान-मसाला खिलाते हैं। गावस्कर और वीरेंद्र सहवाग पान मसाला खा रहे हैं। क्रिस गेल और कपिल देव पान-मसाला खा रहे हैं। अभी एक बहुत पुराने क्रिकेटर गुंडप्पा विश्वनाथ दिखे कहीं फोटो में, न उन्हें पान-मसाला पूछता, न कोई उन्हें जूता देता। गावस्कर को पान-मसाला कंपनी से कहना चाहिए कि हमारे वक्त के गुंडप्पा विश्वनाथ को भी पान-मसाला खिलाओ हमारे साथ, हमारे टाइम के प्लेयर वह हैं। वीरेंद्र सहवाग तो गावस्कर के मुकाबले बहुत जूनियर हैं। वैसे पान-मसाला खाना बहुत अच्छी बात नहीं है। पर साहब गावस्कर, वीरेंद्र सहवाग बड़े और समझदार लोग हैं, अपना भला-बुरा खुद समझते होंगे।
पाकिस्तान के प्लेयर किलसते हैं जूता, पान-मसाला, कोल्ड ड्रिंक सब कुछ भारतीय खिलाडि़यों को ही आफर होता है, क्या पाकिस्तानी प्लेयर पान-मसाला न खा सकते। सवाल गहन है, पान-मसाले वालों को विचार करना चाहिए। भारतीय पान-मसाले वाले पान-मसाले को ग्लोबल कर चुके हैं। पुराने वक्तों में एक टॉप एक्टर फिल्मों मे जेम्स बांड बनता था, उसे तक पान-मसाला खिलाया जा चुका है। तमाम विदेशी स्टेडियमों में भारतीय पान-मसाले के इश्तिहार टंगे रहते हैं। पान-मसाला भारत का ग्लोबल धूम मचा रहा है। कुछ दिनों बाद पान-मसाला कंपनी कहीं यह न दिखा दें कि हमास के नेता और इस्राइल के नेता दोनों मिल-जुलकर पान-मसाला खा रहे हैं और पक्के युद्ध विराम की घोषणा कर रहे हैं। पान-मसाले वाले पान-मसालों के नाम रखने में भी बहुत क्रियेटिविटी दिखाते हैं—क्या पता युद्ध-विराम पान-मसाला ही आ जाये। पान-मसाले भारत का नाम ऐसे रोशन कर सकते हैं।

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