एलएसी पर मजबूत होगा माेर्चा
अजय बनर्जी/ ट्रिन्यू
नयी दिल्ली, 8 जून
चीन को जवाब देने के लिए भारत सीमा से सटे इलाकों में बुनियादी ढांचे को विकसित करने पर जोर दे रहा है। इसी कड़ी में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) ने पूर्वी लद्दाख में काराकोरम पहाड़ों में 17,800 फीट ऊंचे दर्रे सासेर-ला के पास कंक्रीट सड़क बनाने के लिए बृहस्पतिवार को निविदाएं आमंत्रित की हैं।
यह कंक्रीट रोड 56 किलोमीटर ससोमा-सासेर ला-मुर्गो सड़क का हिस्सा होगा, जिसे सैन्य इस्तेमाल के उद्देश्य से बनाया जा रहा है। बीआरओ की वेबसाइट पर आज अपलोड किए गए टेंडर में 180 दिनों के भीतर काम पूरा करने की शर्त रखी गई है। चूंकि भूभाग दुर्गम है और ऊंचाई बेहद ज्यादा है, इसलिए बीआरओ प्री-फैब्रिकेटेड और इंटर-लॉकिंग कंक्रीट ब्लॉक का इस्तेमाल चाह रहा है।
नया कंक्रीट रोड पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के साथ महत्वपूर्ण उप-सेक्टर उत्तर (एसएसएन) में देपसांग और दौलत बेग ओल्डी (डीबीओ) तक पहुंचने के लिए प्रमुख रास्ता होगा। अगस्त 2020 में चीन के साथ सैन्य गतिरोध के दौरान ससोमा-मुर्गो मार्ग पर एक कच्चा ट्रैक बनाया गया था, लेकिन इस ट्रैक के बड़े हिस्से पर पैदल चलना पड़ता है। बीआरओ इस ट्रैक को चौड़ा करने का काम कर रहा था। दो महीने पहले उसने ससोमा-सासेर ला-मुर्गो सड़क के 43 किलोमीटर हिस्से को पक्का (ब्लैक-टॉप) करने के लिए निविदाएं आमंत्रित की थीं। इसे 180 दिनों के भीतर पूरा करने काे कहा गया था। बृहस्पतिवार को आमंत्रित की गई निविदाएं इस 43 किलोमीटर के अलावा बनने वाले कंक्रीट रोड के लिए हैं।
लद्दाख में एसएसएन तक बढ़ेगी पहुंच नयी सड़क लद्दाख में उप-सेक्टर उत्तर (एसएसएन) तक पहुंच के लिहाज से महत्वपूर्ण होगी, जो 255 किलोमीटर लंबे नवनिर्मित दारबुक-श्योक-डीबीओ (डीएसडीबीओ) पर निर्भर है। टकराव की स्थिति में एसएसएन और विशेष रूप से देपसांग के मैदानों पर पकड़ महत्वपूर्ण होगी। इसके लिए डीएसडीबीओ सड़क अहम कड़ी है। जबकि, नयी ससोमा-सासेर ला-मुर्गो सड़क एसएसएन तक अतिरिक्त पहुंच प्रदान करेगी। इसके अलावा, रक्षा मंत्रालय भविष्य में सासेर-ला के नीचे एक सुरंग भी बनाना चाहता है, जिसके लिए विस्तृत परियोजना रिपोर्ट तैयार की जा रही है।