भाजपा में कई विधायकों को टिकट के लिए होगी ना, पूर्व मंत्री उतरेंगे मैदान में
दिनेश भारद्वाज/ट्रिन्यू
चंडीगढ़, 30 अगस्त
हरियाणा भाजपा के कई मौजूदा विधायकों के टिकट कटने तय हैं। वहीं कई पूर्व मंत्रियों व विधायकों को टिकट मिलने का रास्ता साफ हो गया है। केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक में सभी नब्बे हलकों पर मंथन हो चुका है। हालांकि पहली बैठक में 55 के करीब प्रत्याशियों को हरी झंडी भी दी जा चुकी है। इनमें पूर्व मंत्री व विधायक भी शामिल हैं। स्वास्थ्य मंत्री व हिसार विधायक डॉ़ कमल गुप्ता की टिकट पर मंडरा रहा खतरा टलता दिख रहा है। ऐसा इसलिए क्योंकि पूर्व मंत्री सावित्री जिंदल ने विधानसभा चुनाव लड़ने से इंकार कर दिया है।
कुरुक्षेत्र सांसद नवीन जिंदल की माता सावित्री जिंदल को भाजपा हिसार से चुनाव लड़वाना चाहती थी। कमल गुप्ता के खिलाफ एंटी-इन्कमबेंसी की रिपोर्ट के चलते सावित्री जिंदल का नाम चला। बताते हैं कि नवीन जिंदल ने नई दिल्ली में पार्टी नेतृत्व से मुलाकात करके स्पष्ट कर दिया है कि उनकी माताजी चुनाव नहीं लड़ना चाहती हैं। वहीं दूसरी ओर, संघ की ओर से भी कमल गुप्ता के नाम की सिफारिश की जा रही थी।
पीडब्ल्यूडी मंत्री डॉ़ बनवारी लाल की टिकट पर अभी भी संकट बना हुआ है। वे बावल से लगातार दूसरी बार चुनाव जीते हैं। सोहना विधायक व राज्य मंत्री संजय सिंह की टिकट भी कटने की प्रबल संभावना है। यहां से पूर्व विधायक तेजपाल तंवर का नाम सबसे ऊपर बताया जा रहा है। गुरुग्राम विधायक सुधीर सिंगला और पटौदी विधायक सत्यप्रकाश जरावता को भी टिकट मिलने की संभावना काफी कम हो गई हैं। बादशाहपुर से पूर्व मंत्री राव नरबीर सिंह चुनाव लड़ सकते हैं।
गुरुग्राम जिला की चारों विधानसभा सीटों पर इस बार नये चेहरे हो सकते हैं। वहीं पूर्व महिला एवं बाल विकास मंत्री कविता जैन को सोनीपत से टिकट मिलना लगभग तय माना जा रहा है। कविता जैन यहां से दो बार विधायक रही हैं। पूर्व शिक्षा मंत्री प्रो़ रामबिलास शर्मा महेंद्रगढ़ से ही चुनाव लड़ेंगे। भाजपा के राष्ट्रीय सचिव व पूर्व कृषि मंत्री ओमप्रकाश धनखड़ का नाम बादली से ही लिया जा रहा है। दिल्ली के गलियारों में बहादुरगढ़ से भी उनके नाम की चर्चा है।
वहीं पूर्व वित्त मंत्री कैप्टन अभिमन्यु के भी नारनौंद से ही चुनाव लड़ने के अधिक आसार हैं। हालांकि कैप्टन का नाम बरवाला के लिए भी चला। पता लगा है कि भाजपा नलवा विधायक व डिप्टी स्पीकर रणबीर सिंह गंगवा को बरवाला शिफ्ट कर सकती है। ऐसा होता है तो बरवाला से जोगीराम सिहाग को टिकट नहीं मिल सकेगी। वहीं नलवा से पूर्व सांसद कुलदीप बिश्नोई के कोटे से रणधीर सिंह पनीहार को टिकट मिलने के आसार हैं। पूर्व उद्योग एवं वाणिज्य मंत्री विपुल गोयल को भी इस बार चुनाव लड़वाया जा सकता है। 2019 के चुनावों में कैबिनेट मंत्री रहते हुए उनका टिकट कट गया था।
अंबाला कैंट से विज ही लड़ेंगे
केंद्रीय चुनाव समिति अंबाला कैंट से पूर्व गृह व स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज के नाम को हरी झंडी दे चुकी है। उनका यहां से चुनाव लड़ना तय है। पूर्व खाद्य एवं आपूर्ति राज्य मंत्री कर्णदेव काम्बोज को इस बार इंद्री से चुनाव लड़वाया जा सकता है। यहां के मौजूदा विधायक रामकुमार कश्यप का टिकट कट सकता है। 2014 में काम्बोज इंद्री से ही चुनाव जीते थे। 2019 में भाजपा ने उन्हें रादौर शिफ्ट कर दिया था। रादौर में पूर्व सीपीएस श्याम सिंह राणा को इस बार टिकट मिलने की पूरी संभावना है।
कमलेश ढांडा हो सकती हैं सेफ!
पूर्व महिला एवं बाल विकास राज्य मंत्री व कलायत की मौजूदा विधायक कमलेश ढांडा सेफ जोन में जाती दिख रही हैं। उनकी टिकट कटने की प्रबल संभावना भी लेकिन केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक के बाद से उनका नाम फिर से चर्चाओं में आ गया है। सूत्रों का कहना है कि भाजपा कलायत से किसी नये चेहरे पर दांव लगाना चाहती थी लेकिन जिस चेहरे से बातचीत चल रही थी, वह सिरे नहीं चढ़ पाई। ऐसे में कमलेश ढांडा को ही टिकट मिल सकती है।
सुधा की टिकट तय, असीम पर दुविधा
शहरी स्थानीय निकाय मंत्री सुभाष सुधा को थानेसर से टिकट मिलना लगभग तय हो गया है। वहीं अंबाला सिटी विधायक व परिवहन राज्य मंत्री असीम गोयल की टिकट पर अभी दुविधा बनी हुई है। उनके हलके की सर्वे रिपोर्ट सही नहीं आई है। ऐसे में अंबाला सिटी को होल्ड पर रखा गया था। इसी से जुड़ी पंचकूला सीट भी इसीलिए होल्ड पर डाली गई थी। यहां से विधायक व स्पीकर ज्ञानचंद गुप्ता के खिलाफ भी कई लोग लॉबिंग कर रहे हैं। संघ पृष्ठभूमि के ज्ञानचंद गुप्ता की टिकट काटना आसान भी नहीं दिखता।
इनकी कट सकती है टिकट
भाजपा के अदंरुनी सूत्रों का कहना है कि कोसली से लक्ष्मण यादव, अटेली से सीताराम, नारनौल से ओमप्रकाश यादव, पटौदी से सत्यप्रकाश जरावता, बावल से डॉ़ बनवारी लाल, पिहोवा से सरदार संदीप सिंह, पानीपत सिटी से प्रमोद कुमार विज, राई से निर्मल रानी, रतिया से लक्ष्मण नापा, सोहना से संजय सिंह, फरीदाबाद से नरेंद्र गुप्ता, गुरुग्राम से सुधीर सिंगला सहित कई ऐसे मौजूदा विधायक हैं, जो डेंजर जोन में हैं। इनकी टिकट पर बड़ा संकट मंडराया हुआ है।
आरती राव को अटेली से टिकट मिलना तय
कंवरपाल नारायणगढ़ से, जेपी दलाल लोहारू से लड़ेंगे
कबीरपंथी और संतोष पर भरोसा!
दिल्ली से जुड़े सूत्रों का कहना है कि नीलोखेड़ी से भाजपा पूर्व विधायक भगवान दास कबीरपंथी पर फिर से भरोसा जता सकती है। 2019 में मौजूदा विधायक रहते हुए मुलाना से संतोष सारवान की टिकट कट गई थी। लेकिन इस बार उन्हें चुनाव लड़वाया जा सकता है। कलानौर हलके में रोहतक नगर निगम की मेयर रहीं रेणु डाबला और महम में खिलाड़ी दीपक हुड्डा पर भाजपा दांव लगा सकती है। करनाल शहर से जगमोहन आनंद का नाम सबसे ऊपर है।