मुख्यसमाचारदेशविदेशखेलपेरिस ओलंपिकबिज़नेसचंडीगढ़हिमाचलपंजाब
हरियाणा | गुरुग्रामरोहतककरनाल
आस्थासाहित्यलाइफस्टाइलसंपादकीयविडियोगैलरीटिप्पणीआपकीरायफीचर
Advertisement

मुख्यमंत्री कार्यालय में रहे कई भाजपा नेता टिकट के लिए कर रहे भागदौड़

08:39 AM Aug 26, 2024 IST

दिनेश भारद्वाज/ट्रिन्यू
चंडीगढ़, 25 अगस्त
मुख्यमंत्री कार्यालय में रहे नेता भी विधानसभा टिकट के लिए भागदौड़ कर रहे हैं। छह-सात ऐसे नेता हैं, जो सीएमओ (मुख्यमंत्री कार्यालय) में विभिन्न राजनीतिक पदों पर रहे हैं और अब चुनाव लड़ने के सपने संजो रहे हैं। इतना ही नहीं, दो केंद्रीय मंत्रियों – राव इंद्रजीत सिंह और कृष्णपाल गुर्जर के निजी स्टाफ के लोग भी चुनाव लड़ने की इच्छा रखते हैं। टिकट हासिल करने के लिए इन नेताओं ने लॉबिंग भी शुरू की हुई है।
केंद्रीय बिजली व शहरी विकास मंत्रालय मनोहर लाल के हरियाणा के मुख्यमंत्री रहते हुए उनके दो बार ओएसडी रहे जवाहर यादव का चुनाव लड़ने का पुराना सपना है। वे पिछले लम्बे समय से बादशाहपुर में एक्टिव हैं। ‘टीम जवाहर’ के नाम से लोगों के बीच सक्रिय हैं। पूर्व सीएम के नजदीकियों में उनकी गिनती होती है। हालांकि बादशाहपुर से टिकट मिल पाना उनके लिए आसान नहीं होगा। यहां से पूर्व मंत्री राव नरबीर सिंह प्रबल दावेदार माने जाते हैं।
2019 के विधानसभा चुनावों में किन्हीं कारणों के चलते कैबिनेट मंत्री होते हुए भी राव नरबीर सिंह का टिकट कट गया था। भाजपा ने यहां से मनीष यादव को चुनाव लड़ाया था। वे निर्दलीय उम्मीदवार राकेश दौलताबाद के हाथों चुनाव हार गए थे। अब राव नरबीर सिंह का नाम फिर से चर्चाओं में है। ऐसे में बादशाहपुर में जवाहर यादव की टिकट की राहें आसान नहीं रहने वाली। पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल के निजी स्टाफ में रहे अभिमन्यु राव कोसली हलके से टिकट के लिए भागदौड़ कर रहे हैं। मनोहर लाल ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दिया तो उनकी जगह नायब सिंह सैनी मुख्यमंत्री बने। इस बार अभिमन्यु राव को प्रमोट करते हुए उन्हें मुख्यमंत्री नायब सैनी का ओएसडी बना दिया गया। हालांकि वे अधिक समय तक ओएसडी पद पर नहीं रहे। ओएसडी पद से इस्तीफा देने के बाद से अभिमन्यु राव कोसली में सक्रिय हैं। वे लोगों के बीच भी जा रहे हैं और इस उम्मीद में हैं कि मनोहर लाल के ‘आशीर्वाद’ से उनका चुनाव लड़ने का सपना पूरा हो सकता है।
अभिमन्यु राव के सामने सबसे बड़ी चुनौती केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह हैं। अहीरवाल को इंद्रजीत सिंह के प्रभाव वाला एरिया माना जाता है। जिस तरह के राजनीतिक हालात इस समय प्रदेश में हैं। उसे देखते हुए स्पष्ट है कि अहीरवाल एरिया में टिकट आवंटन में भाजपा राव इंद्रजीत सिंह की पसंद-नापसंद का विशेष ध्यान रखेगी। वैसे भी कोसली और अटेली सीट राव इंद्रजीत सिंह की बेटी आरती राव के लिए रिजर्व की जा चुकी है। अगर आरती राव ने कोसली से चुनाव लड़ने का मन बना लिया तो अभिमन्यु राव का रास्ता बंद हो जाएगा।
पूर्व सीएम मनोहर लाल के राजनीतिक सचिव रहे अजय गौड़ फरीदाबाद से भाजपा टिकट के प्रबल दावेदारों में शामिल हैं। वे काफी समय से चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे हैं। फरीदाबाद के मौजूदा विधायक नरेंद्र गुप्ता की टिकट पर भी इसलिए संकट के बादल हैं क्योंकि अजय गौड़ पूरी मजबूती के साथ अपना दावा ठोक रहे हैं। सूत्रों का कहना है कि फरीदाबाद सीट के लिए तैयार किए गए पैनल में भी अजय गौड़ का नाम शामिल है।
मनोहर लाल के राजनीतिक सचिव रहे व पूर्व मंत्री कृष्ण बेदी शाहाबाद से विधानसभा चुनाव लड़ सकते हैं। उन्हें टिकट मिलने की संभावना भी काफी अधिक है। बेदी पहली बार 2014 में शाहाबाद से विधायक बने थे और मनोहर सरकार में राज्य मंत्री रहे। 2019 में वे जजपा के रामकरण काला के सामने चुनाव हार गए। काला अब जजपा छोड़कर कांग्रेस में शामिल हो चुके हैं। केंद्रीय मंत्री कृष्णपाल गुर्जर के एडिशनल पीएस किरणपाल खटाना भी चुनाव लड़ना चाहते हैं। उन्होंने गुरुग्राम के सोहना हलके को अपने लिए चुना है। वे टिकट के लिए भागदौड़ भी कर रहे हैं। नायब सरकार में राज्य मंत्री संजय सिंह वर्तमान में सोहना से विधायक हैं। यहां से पूर्व विधायक तेजपाल तंवर का नाम भी चर्चाओं में है। सूत्रों का कहना है कि भाजपा ने सोहना सीट पर सुखबीर जौनापुरिया के नाम पर भी मंथन किया है। वहीं राव इंद्रजीत सिंह के पीएस रह चुके रवि यादव भी कोसली से चुनाव लड़ने के प्रयास में हैं। मनोहर लाल के ओएसडी रहे भूपेश्वर दयाल सोनीपत से टिकट की मांग कर रहे हैं।

Advertisement

भंडारी, अत्रे व जेटली भी लाइन में

पहले मनोहर लाल और अब नायब सिंह सैनी के एडवाइजर (पब्लिसिटी) तरुण भंडारी भी विधानसभा चुनाव लड़ना चाहते हैं। कांग्रेस छोड़कर भाजपा में आए तरुण भंडारी की गिनती मनोहर लाल के नजदीकियों में होती है। सीएम के मीडिया सचिव रहे प्रवीण अत्रे पिहोवा हलके से टिकट की मांग कर रहे हैं। अत्रे ने 16 अगस्त को चुनावों की घोषणा के साथ ही मीडिया सचिव पद से इस्तीफा दे दिया था। सीएम के मीडिया एडवाइजर (नई दिल्ली) राजीव जेटली भी फरीदाबाद के बड़खल हलके से टिकट मांग रहे हैं। वे भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता भी रहे हैं।

Advertisement
Advertisement
Advertisement