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मनोहर सरकार ने कंपनी को ब्लैकलिस्ट किया, नायब ने दी क्लीनचिट

10:22 AM May 13, 2024 IST
मनोहर सरकार ने कंपनी को ब्लैकलिस्ट किया  नायब ने दी क्लीनचिट
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विनोद लाहोट/निस
समालखा,12 मई
प्रदेश के सभी शहरों में प्रॉपर्टी टैक्स सर्वे के बड़े फर्जीवाड़े की शिकायत लोकायुक्त में जाने पर सर्वे करने वाली जिस कंपनी याशी को पिछले वर्ष 12 सितंबर को तत्कालीन मनोहर सरकार ने ब्लैक लिस्ट कर करोड़ों रुपये की बकाया पेमेंट रोकते हुए ठेका रद्द कर दिया था, अब उसी कंपनी को नायब सैनी सरकार ने क्लीनचिट दे दी है। मामले की सुनवाई अब 16 जुलाई को लोकायुक्त जस्टिस हरिपाल वर्मा करेंगे।
19 जुलाई, 2023 को लोकायुक्त कोर्ट में मामले को ले जाने वाले आरटीआई एक्टिविस्ट पीपी कपूर ने आरोप लगाया कि इस फर्जीवाड़े में संलिप्त 12 आईएएस अधिकारियों सहित निकाय विभाग के 90 कर्मचारियों व कंपनी को बचाने के लिए नायब सैनी सरकार ने यह कारनामा किया है। क्योंकि याशी कंपनी के सर्वे की फ़िज़िकल वेरीफिकेशन किये बगैर ही इन अधिकारियों ने साइन ऑफ सर्टिफिकेट जारी करके कंपनी को करोड़ों रुपये पेमेंट करवा दी।
कपूर ने बताया कि उनकी शिकायत पर लोकायुक्त जस्टिस हरिपाल वर्मा ने एंटी करप्शन ब्यूरो से जांच करवाने के बाद शहरी निकाय विभाग के प्रधान सचिव से जांच रिपोर्ट मांगी थी। इस पर शहरी निकाय विभाग के चीफ विजिलेंस ऑफिसर जेएस बोपाराए ने गत 6 मई को लोकायुक्त को दी अपनी जांच रिपोर्ट में सभी सरकारी अफसरों व याशी कंपनी को क्लीनचिट दे दी जबकि इसी जांच रिपोर्ट में खुद चीफ विजिलेंस ऑफिसर ने स्वीकार किया कि फिजिकल वेरीफिकेशन का रिकॉर्ड शहरी निकाय निदेशालय व नगर निकायों के अधिकारी उन्हें नहीं दे पाए।

पूर्व सीएम की फ्लैगशिप योजना बनीं जी का जंजाल

पीपी कपूर ने बताया कि इस जांच रिपोर्ट के मुताबिक ही निकाय विभाग के प्रॉपर्टी आईडी/एनडीसी पोर्टल पर 16 नवंबर, 2022 से 21 मार्च, 2024 के बीच 15 महीनों में कुल 8,02,480 संपत्ति मालिकों ने कुल 18,74,676 आपत्तियां दर्ज करवाई। यानी हर महीने औसतन 53,523 संपत्ति मालिक कुल करीब 1.25 लाख आब्जेक्शन दर्ज करा रहे हैं। प्रदेश के सभी 88 शहरों में प्रॉपर्टी आईडी का सर्वे करने वाली जयपुर की कंपनी याशी ने कुल 42,70,449 संपत्तियों का सर्वे किया। इनमें से करीब 21.35 लाख संपत्तियां तो खाली प्लॉट, निर्माणाधीन अथवा तालाबंद भवन थे, फिर भी इनका भुगतान कंपनी को कर दिया। सर्वे में इतनी बड़ी खामी के बावजूद सरकार ने सर्वे कंपनी कुल 62.63 करोड़ रुपये की पेमेंट भी कर दी। कंपनी ने आधी पेमेंट तो खाली प्लाटों की प्रॉपर्टी आईडी बना कर ले ली। कपूर ने आरोप लगाया कि तत्कालीन मुख्यमंत्री मनोहर लाल की यह फ्लैगशिप योजना बड़े भ्रष्टाचार के चलते प्रदेशवासियों के लिए जी का जंजाल बन कर रह गई।

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