हुड्डा का रिकार्ड नहीं तोड़ पाए मनोहर, 97 दिन पहले विदाई
दिनेश भारद्वाज/ट्रिन्यू
चंडीगढ़, 12 मार्च
हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल भी प्रदेश के पूर्व सीएम और विपक्ष के नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा का रिकार्ड नहीं तोड़ पाए। लगातार सबसे लम्बे समय तक मुख्यमंत्री रहने का रिकार्ड अभी भी हुड्डा के ही नाम दर्ज है। मनोहर लाल अगर लगभग तीन महीने और मुख्यमंत्री की कुर्सी पर रहते तो वे लगातार सीएम बनने का नया रिकार्ड बनाते। मनोहर लाल का मुख्यमंत्री पद पर कुल कार्यकाल 9 माह 138 दिनों का रहा। वहीं पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा लगातार 9 साल 235 दिन तक प्रदेश के मुखिया रहे थे। हुड्डा पहली बार 5 मार्च, 2005 को हरियाणा के मुख्यमंत्री बने थे। उस समय कांग्रेस को 67 सीटों के साथ लोगों ने पूर्ण बहुमत दिया था। उनका पहला कार्यकाल 25 अक्तूबर, 2009 तक रहा। हुड्डा की पहली टर्म का कार्यकाल 4 मार्च, 2010 को पूरा होना था, लेकिन उन्होंने समय से पूर्व चुनाव करवाने का फैसला लिया। ऐसे में उनका दूसरा कार्यकाल 25 अक्तूबर, 2009 को शुरू हुआ और वे 26 अक्तूबर, 2014 तक प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे। मनोहर लाल और हुड्डा में एक समानता यह भी रही कि दोनों ने ही लगातार दूसरी बार सत्ता का गठन तो किया, लेकिन पूर्ण बहुमत न तो कांग्रेस को हासिल हुआ था और न ही भाजपा को। 2009 में कांग्रेस के चालीस विधायक बने। उस समय हजकां के पांच विधायकों के कांग्रेस में विलय और निर्दलीय विधायकों के समर्थन से हुड्डा ने पांच वर्षों तक सरकार चलाई।
इसी तरह अक्तूबर-2019 में भाजपा भी चालीस सीटों पर सिमट गई। भाजपा ने 10 विधायकों वाली जजपा के साथ गठबंधन करके सवा चार वर्ष से अधिक समय तक सरकार चलाई। हालांकि सात निर्दलीयों में से छह का समर्थन भाजपा के साथ रहा। इनमें चौ़ रणजीत सिंह, रणधीर सिंह गोलन, धर्मपाल गोंदर, राकेश दौलताबाद, सोमबीर सिंह सांगवान व नयनपाल रावत शामिल हैं। महम विधायक बलराज कुंडू सरकार के साथ नहीं हैं। सिरसा से हलोपा विधायक गोपाल कांडा ने भी सरकार को समर्थन दिया हुआ है। मनोहर लाल ने मुख्यमंत्री के रूप में पहली बार 26 अक्तूबर, 2014 को शपथ ग्रहण की। उनका पहला कार्यकाल 27 अक्तूबर, 2019 तक रहा। इसके बाद वे लगातार दूसरी बार मुख्यमंत्री बने लेकिन इस बार उन्होंने कार्यकाल पूरा होने से पहले ही इस्तीफा दे दिया। प्रदेश में सबसे लम्बे समय (अलग-अलग कार्यकाल) में मुख्यमंत्री रहने का रिकार्ड आज भी स्व़ चौ़ भजनलाल के नाम पर है। वहीं दूसरे नंबर पर यह रिकार्ड स्व़ चौ़ बंसीलाल के नाम पर दर्ज है।