महर्षि वाल्मीकि के आदर्श, शिक्षाएं प्रेरणास्त्रोत : काम्बोज
हिसार, 16 अक्तूबर (हप्र)
चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय में सृष्टिकर्ता भगवान वाल्मीकि के पावन प्रकट दिवस पर मौलिक विज्ञान एवं मानविकी महाविद्यालय में एक विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. बी.आर. काम्बोज मुख्य अतिथि जबकि समाजसेवी स्वामी गुरुचरण विशिष्ट अतिथि तथा कृष्ण मुख्य वक्ता के तौर पर उपस्थित रहे।
कुलपति प्रो. बी.आर. काम्बोज ने अपने संबोधन में कहा कि महर्षि वाल्मीकि के आदर्श और शिक्षाएं मानव जीवन के लिए प्रेरणास्त्रोत हैं। उनके आदर्शों से हमें सच्चाई और न्याय के मार्ग पर चलने की प्रेरणा भी मिलती है। उन्होंने कहा कि वाल्मीकि जयंती का महत्व समाज में धार्मिक, सामाजिक और सांस्कृतिक मूल्यों को स्थापित करना है। उन्होंने रामायण जैसे महान काव्य की रचना करने के साथ-साथ समाज के वंचित और पिछड़े वर्गों को शिक्षा और सामाजिक उन्नति का मार्ग दिखाया। विशिष्ट अतिथि एवं स्वामी गुरुचरण ने कहा कि महर्षि वाल्मीकि न केवल एक महान कवि थे बल्कि वे सामाजिक समरसता और मानवता के प्रबल समर्थक भी थे। मुख्य वक्ता कृष्ण ने कहा कि महर्षि वाल्मीकि शास्त्र और शस्त्र दोनों के ज्ञाता थे। उन्होंने कहा कि हमें रामायण, महाभारत और श्रीमद भगवत गीता का अध्ययन करना चाहिए। उन्होंने कहा कि यदि हम महर्षि वाल्मीकि के जीवन दर्शन को ठीक से जाने तो सोशल मीडिया पर फैलाई जा रही अनेक भ्रांतियां दूर हो जाती हैं।
गुरु जम्भेश्वर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय में समारोह
गुरु जम्भेश्वर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के चौधरी रणबीर सिंह सभागार में सामाजिक समरसता मंच हरियाणा के संयुक्त तत्वाधान में रामायण रचयिता एवं आदि कवि भगवान वाल्मीकि प्रगट दिवस की पूर्व संध्या पर कार्यक्रम का आयोजन किया गया। विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. नरसी राम बिश्नोई कार्यक्रम में मुख्यातिथि के रूप में उपस्थित रहे, वहीं इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय के प्रो. प्रमोद कुमार कार्यक्रम के मुख्य वक्ता थे। कार्यक्रम की अध्यक्षता सामाजिक समरसता मंच के प्रांतीय संयोजक ज्ञान चंद जैन ने की। इस अवसर पर विवि के सफाई कर्मचारियों को सम्मानित किया गया। मुख्य वक्ता प्रो. प्रमोद कुमार ने कहा कि भगवान वाल्मीकि का ज्ञान हमारे साथ नहीं होता तो हम गहरी खाई में जीवन व्यतीत कर रहे होते।