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मिल मालिकों को छूट देकर मना रही मान सरकार

06:54 AM Oct 22, 2024 IST
जालंधर की अनाज मंडी में सोमवार को धान की बोरियों पर लेटा किसान । -सरबजीत सिंह

रुचिका एम. खन्ना/ ट्रिन्यू
चंडीगढ़, 21 अक्तूबर
पंजाब में धान की धीमी खरीद को लेकर जहां किसान यूनियनों ने 51 स्थानों- 25 टोल प्लाजा और 26 राजनेताओं के आवास के बाहर धरना जारी रखा, वहीं राज्य सरकार चावल मिल मालिकों को धान मिलिंग के लिए अपने साथ लाने के लिए रियायतें देकर लुभाने का प्रयास कर रही है। भगवंत मान सरकार ने उन्हें कई तरह की छूट दी हैं, जिसके चलते 2000 चावल मिल मालिकों ने धान की मिलिंग के लिए समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं। हालांकि, अधिकांश चावल मिल मालिक (शेष 3500) अभी भी मिलिंग से विमुख हैं, मुख्य रूप से पीआर 126 और हाइब्रिड किस्मों  को लेकर।
करीब 2000 मिलर्स के साथ आने से धान के उठान में थोड़ी तेजी आई है। सोमवार को मंडियों से 1.15 लाख मीट्रिक टन (एलएमटी) धान का उठान हुआ। हालांकि, 22.40 एलएमटी धान अभी भी उठाया नहीं गया है, जिससे मंडियां धान से भर गई हैं। अब तक मंडियों में 30.88 एलएमटी धान की आवक हो चुकी है, जिसमें से 27.68 एलएमटी की खरीद हो चुकी है और अब तक कुल 5.28 एलएमटी का उठान हो चुका है, जो कि आवक का सिर्फ 17 प्रतिशत है। यह समस्या उन मंडियों में ज्यादा है, जहां किसान सबसे ज्यादा पीआर 126 और हाइब्रिड किस्में ला रहे हैं। खन्ना के एक कमीशन एजेंट हरबंस रोशा ने कहा कि अनाज मंडी के आसपास के 45 शैलरों ने धान उठाना शुरू कर दिया है। उन्होंने कहा, ‘यहां आये कुल धान का 50 प्रतिशत उठा लिया  गया है।’

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चावल मिल मालिकों  को ये रियायतें

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