मानसिक स्वास्थ्य की रोशनी: डॉ. बी. एस. चवन की विरासत को सलाम
चंडीगढ़, 26 मार्च (ट्रिन्यू)
"एक मरीज सिर्फ इलाज से नहीं, बल्कि सही देखभाल और सामुदायिक सहयोग से भी ठीक हो सकता है।" दिवंगत प्रो. बी. एस. चवन का यह सपना आज भी उनकी विरासत के रूप में जीवित है। इसी सोच को आगे बढ़ाने के लिए जीएमसीएच-32 के मेंटल हेल्थ इंस्टिट्यूट (एमएचआई) और साइकेट्री विभाग ने एनजीओ परिवर्तन के सहयोग से डॉ. बी. एस. चवन मेमोरियल रिहैबिलिटेशन प्रोग्राम का आयोजन किया।
इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि जीएमसीएच-32 के डायरेक्टर प्रिंसिपल प्रो. ए. के. अत्री थे। कार्यक्रम की शुरुआत साइकेट्री विभाग के प्रमुख डॉ. अजीत सिदाना के स्वागत भाषण से हुई, जिसमें उन्होंने बताया कि डॉ. चवन द्वारा शुरू किया गया पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप (PPP) मॉडल आज भी मानसिक स्वास्थ्य सेवाओं को नई दिशा दे रहा है।
मानसिक स्वास्थ्य में उत्कृष्ट योगदान के लिए सम्मान
इस अवसर पर वर्ष 2025 का 'डॉ. बी. एस. चवन मेमोरियल अवॉर्ड' प्रतिष्ठित एनजीओ 'मेंटल हेल्थ एक्शन ट्रस्ट' (MHAT) को प्रदान किया गया। एमएचएटी के क्लिनिकल डायरेक्टर डॉ. मनोज ने अपने व्याख्यान में बताया कि कैसे सामुदायिक भागीदारी मानसिक रोगियों के पुनर्वास में अहम भूमिका निभा सकती है।
मुख्य अतिथि प्रो. ए. के. अत्री ने कहा, "डॉ. बी. एस. चवन मानसिक स्वास्थ्य के क्षेत्र में एक क्रांतिकारी व्यक्तित्व थे। उनका कार्य केवल चिकित्सा तक सीमित नहीं था, बल्कि उन्होंने समाज में जागरूकता और स्वीकृति बढ़ाने के लिए कई नई पहल कीं।"
कार्यक्रम के अंत में एनजीओ परिवर्तन की जनरल सेक्रेटरी डॉ. शिखा त्यागी ने सभी का आभार व्यक्त किया। इस आयोजन में करीब 150 मानसिक स्वास्थ्य विशेषज्ञ, मरीज और उनके परिजन शामिल हुए, जो इस मिशन का हिस्सा बनने के लिए प्रेरित हुए।
डॉ. चवन का यह सपना आज भी लोगों के जीवन में नई उम्मीद जगा रहा है, और उनकी विरासत मानसिक स्वास्थ्य के क्षेत्र में एक नए युग कीओर अग्रसर है।