पत्र
पर्यावरण और जीवन
सर्दियों में मौसमी सब्जियों की कीमत बढ़ने का मुख्य कारण मौसम की बेरुखी है, जो न केवल मनुष्य, बल्कि पूरी प्राणी जाति के लिए हानिकारक है। दिसंबर में सर्दी और बारिश की कमी से खेती प्रभावित हो रही है। मौसम का असंतुलन पर्यावरणीय संकट को जन्म देता है, जिसके परिणामस्वरूप कई जीवों की प्रजातियां विलुप्त हो रही हैं। इसलिए, हमें प्रकृति के साथ संतुलन बनाए रखने के लिए पेड़ लगाने और उनकी देखरेख करने की आवश्यकता है, ताकि पर्यावरण और जीवन दोनों सुरक्षित रह सकें।
राजेश कुमार चौहान, जालंधर
ऋण के बोझ
चार दिसंबर के दैनिक ट्रिब्यून का संपादकीय ‘मुफ्त की बड़ी कीमत’ में सत्ता प्राप्ति के लिए राजनीतिक दलों द्वारा मुफ्त की सुविधाएं देने के खतरनाक परिणामों की चेतावनी दी गई है। पंजाब में 300 यूनिट मुफ्त बिजली देने का वादा सरकार पर भारी बोझ बना, जबकि हिमाचल प्रदेश में पुरानी पेंशन स्कीम लागू करने से सरकार का वित्तीय संकट गहरा गया है। दोनों राज्य भारी ऋण के बोझ तले दबे हैं। वित्तीय संकट से बचने के लिए राजस्व बढ़ाना और व्यय घटाना आवश्यक है।
अनिल कौशिक, क्योड़क, कैथल
कूटनीतिक प्रयास हो
पांच दिसंबर के दैनिक ट्रिब्यून में पुष्परंजन का लेख बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचारों और कट्टरपंथियों द्वारा किए जा रहे हमलों पर केंद्रित है। लेख में यह उल्लेख है कि शेख हसीना की सरकार के खिलाफ कट्टरपंथियों का षड्यंत्र है और वे हिंदू विरोधी हिंसा को बढ़ावा दे रहे हैं। बांग्लादेश में प्रेस की आजादी भी सीमित है और अल्पसंख्यकों का उत्पीड़न जारी है। भारत और बांग्लादेश के कूटनीतिक संबंधों को मजबूत करते हुए अल्पसंख्यक हिंदुओं की सुरक्षा को प्राथमिकता दी जानी चाहिए।
शामलाल कौशल, रोहतक