न्याय के सबक
कर्नाटक के मुख्यमंत्री डी. देवराज अर्स एक दिन अचानक गांव का दौरा करने पहुंचे। वहां उन्होंने देखा कि एक दलित परिवार को गांव के बाहर रहने के लिए मजबूर किया गया था। अर्स ने तुरंत गांव के प्रमुख लोगों को बुलाया और उनसे इस भेदभाव का कारण पूछा। गांव वालों ने कहा कि यह परंपरा है और वे इसे नहीं बदल सकते। उन्होंने उनकी बात सुनी और फिर एक अप्रत्याशित कदम उठाया। उन्होंने घोषणा की कि वे उस दलित परिवार के साथ रात्रि भोजन करेंगे और उनके घर में ही रात बिताएंगे। यह सुनकर गांव के लोग स्तब्ध रह गए। एक मुख्यमंत्री का दलित परिवार के साथ भोजन करना और उनके घर में रुकना उस समय एक बड़ा कदम था। उन्होंने न केवल भोजन किया, बल्कि पूरी रात उस परिवार के साथ बिताई और उनकी समस्याओं को सुना। अगले दिन सुबह उन्होंने गांव वालों को फिर से बुलाया। उन्होंने कहा कि अगर वे इस परिवार को गांव में नहीं रहने देंगे, तो वे खुद इस गांव में घर बनवाकर रहेंगे। गांव वालों ने अपनी गलती समझी और उस दलित परिवार को गांव में रहने की अनुमति दे दी।
प्रस्तुति : देवेन्द्रराज सुथार