हमास हमले के सबक
युद्ध हल नहीं
ललित महालकरी, इंदौर, म.प्र.
सबक जरूरी
गाजा पट्टी में हमास एक ऐसा आतंकी संगठन है जो कि फलस्तीन के पक्ष में तथा इस्राइल के खिलाफ है। हमास ने इस्राइल पर जमी, समुद्र व हवाई हमले कर जानमाल को काफी नुकसान पहुंचाया। इस्राइल की गुप्तचर एजेंसी मोसाद को भी इसका पता नहीं चल सका। भारत भी मुंबई तथा दिल्ली में आतंकी हमलों का सामना कर चुका है। ऐसे में भारत को भी हमास जैसे हमलों से सबक लेने की जरूरत है। ताकि ऐसी स्थिति से निपटने से पहले ही तैयार रहा जाये। गुप्तचर एजेंसियों को मारक एवं सतर्क बनाना होगा। इन एजेंसियों को आधुनिक सुविधाएं तथा हथियार देने होंगे। इन्हें अपना काम करने के लिए पूरी स्वतंत्रता देनी होगा।
शामलाल कौशल, रोहतक
आतंकवाद पर एकजुट हों
राजेश कुमार चौहान, जालंधर
चूक का परिणाम
हमास आतंकियों द्वारा इस्राइल पर एक अप्रत्याशित हमला था। सवाल उठता है विश्व में नंबर वन माने जाने वाली इस्राइल की खुफिया एजेंसी मोसाद से इतनी बड़ी चूक कैसे हो गयी। हमास के हमले से भारत को भी सबक लेने की जरूरत है कि एक चूक के परिणाम कितने भयानक हो सकते हैं। इस्राइल पर हुए हमास हमले से सबक लेकर हमारी गुप्तचर सुरक्षा एजेंसियों को भी ऐसी स्थिति का सामना करने के लिए त्वरित प्रतिक्रिया देनी की स्वतंत्रता होनी चाहिए। आज के समय को देखते हुए एजेंसियों को भी अति आधुनिक सुविधाएं, हथियारों व अधिकारों का प्रयोग करने की छूट होनी चाहिए।
अनिल कौशिक, क्योड़क, कैथल
खतरा महसूस कीजिए
डॉ. मधुसूदन शर्मा, रुड़की
आधुनिक तकनीक जरूरी
इस्राइल पर हमास के हमले से हुई क्रूरता व तबाही को देखना मुश्किल है। यह अपने आप में पूरी तरह से अप्रत्याशित था, जिससे इस्राइल की प्रतिष्ठित खुफिया सेवाओं को झटका लगा। वहीं हमास द्वारा सैकड़ों निर्दोष लोगों की हत्या और सैकड़ों लोगों को बंधक बनाया गया। भारत भी मुंबई व दिल्ली की संसद आदि कई आतंकी हमले देख चुका है। वहीं अब देश को हमास के ऐसे हवाई हमलों से सबक लेने की जरूरत है। हमारी सुरक्षा व आतंक के खिलाफ रणनीति बनाने वाली एजेंसियों को किसी भी ऐसी परिस्थिति से निपटने और जोखिम कम करने के उद्देश्य से आधुनिक तकनीक से लैस करना होगा। साथ ही आम जनता को भी प्रशिक्षित करने की जरूरत है।
गणेश दत्त शर्मा, होशियारपुर
पुरस्कृत पत्र
मुश्किलें बढ़ेंगी
रमेश चन्द्र पुहाल, पानीपत