2021 के सबक, 22 के संकल्प
01:00 PM Jan 03, 2022 IST
कोरोना संक्रमण ने जनजीवन को बेहद प्रभावित किया है। देश की अर्थव्यवस्था पर असर पड़ा तो बेरोजगारी भी बढ़ी है। वैक्सीनेशन पर जोर देकर सरकार ने तीसरी लहर का सामना करने के लिए देश को तैयार किया लेकिन साल के अंत में कोरोना के नए वेरिएंट ओमीक्राेन ने दस्तक दी। यदि सभी राजनीतिक दल, केंद्र व राज्य सरकारें अपना स्वार्थ त्याग कर नई आशा व नए संकल्प से तैयारी करें तो कोरोना को बेअसर किया जा सकता है। यदि सामान्य जीवन को प्रभावित करके चुनावी रैलियां होती हैं तो देश को तीसरी लहर का सामना करना पड़ेगा। नियम पालन के प्रति जागरूकता जरूरी है।
वर्ष 2021 में कोरोना महामारी के कारण हमें कई उतार-चढ़ाव देखने को मिले हैं। 2021 के जाते-जाते कोरोना का नया स्वरूप ओमीक्रोन साल 2022 में विरासत के रूप में मिल रहा है। इसको एक चुनौती के रूप में स्वीकार करना होगा। इस महामारी से निपटने के लिए हमें यह संकल्प करना होगा कि सरकार द्वारा जारी निर्देशों का सख्ती से पालन करें। इस वर्ष 15-18 साल तक के बच्चों को कोविड रोधी टीके की पहली डोज लगनी शुरू होगी। देश के नागरिकों की जिम्मेदारी बनती है कि वे इस टीकाकरण में बढ़-चढ़कर भाग लें ताकि इस महामारी से बचा जा सके। कोरोना की तीसरी लहर के मद्देनजर समाज और सरकार दोनों के लिए एहतियाती तौर पर सजगता एवं जिम्मेदार व्यवहार अपनाना जरूरी हो गया है। ओमीक्रोन की तीव्र संक्रमण दर को रोकने में सजगता एवं सतर्कता ही प्राथमिक उपचार है। पिछली लहरों से सबक लेकर चिकित्सा तंत्र को भी चाक-चौबंद तैयारी के साथ सख्त कदम उठाने की जरूरत है। जब तक प्रत्येक नागरिक कोविड नियमों का जिम्मेदारी से निर्वहन नहीं करता तक तक न तो समाज में कोरोना रोधी जागरूकता पैदा हो सकती है और न ही नववर्ष के संकल्प कोरोना मुक्त भारत की कामना पूरी हो सकती है।
गत वर्ष की कोरोना महामारी की दूसरी लहर की घातकता और भीषणता से सभी परिचित हैं। अब 2022 के आरंभ में ही इसके नये वेरिएंट ओमीक्रोन की दस्तक चौंकाने वाली है। दूसरी तरफ, लगातार गिरती अर्थव्यवस्था, बढ़ती महंगाई और बेरोजगारी भी एक चुनौती है। जरूरत है सरकार और नागरिकों के संयुक्त प्रयास की ताकि दृढ़ संकल्प होकर इस कठिन समय से देश को निकाला जा सके। बहरहाल, इस विकट घड़ी में हमें देश के प्रवाह को रुकने नहीं देना है। नयी दृढ़ इच्छाशक्ति से व जागरूक होकर परिस्थिति का मुकाबला करना है। बीता वर्ष कोरोना महामारी का वर्ष साबित हुआ। अब हमें ओमीक्रोन के प्रभाव से भी देश को मुक्ति दिलानी है। नये संकल्पों से जीवन में खुशियां लाने का उद्यम करना है। यह हमारा संकल्प होगा, जिसका कोई विकल्प नहीं होगा। संकल्प ही हमारे लिए जीवन मंत्र होगा। जागरूक होकर समस्याओं का हल निकालना होगा। पारदर्शिता से, शांति और सौहार्द के साथ जीत का उत्सव मनाने की तैयारी करने का प्रयास करें। नवोन्मेष, प्रयोग, अनुसंधान और मेहनत से विजय प्राप्त करने के लिए मजबूती से संकल्प लेना होगा।
बेशक कोरोना का ओमीक्राेन वेरिएंट पहले से ज्यादा संक्रामक है लेकिन अपने पिछले अनुभव से, सरकारी प्रयत्न और लोगों के सहयोग के फलस्वरूप इस पर भी काबू पा लिया जाएगा। जरूरत है कि प्रत्येक नागरिक जागरूकता के साथ कोरोना रोधी दो डोज वैक्सीन अवश्य लगवाए। बच्चों का टीकाकरण भी यथाशीघ्र होना चाहिए। घर से बाहर निकलते समय मास्क, सोशल डिस्टेंसिंग की अनुपालना करे। लापरवाही करने से बचे। नियम पालन की जागरूकता कोरोना से बचाव वर्ष 2022 के यही संकल्प होने चाहिए।
कोरोना विषाणु का नया स्वरूप ओमीक्रोन एक चुनौती के रूप में सामने है। व्यक्तिगत स्तर पर हमें सरकार पर अपनी निर्भरता कम कर स्वयं को शारीरिक, मानसिक और भावनात्मक रूप से मजबूत बनाने का संकल्प लेना होगा। यह एक संयमित जीवनशैली, योग और स्वास्थ्यवर्धक खाद्य पदार्थों से मिल सकता है। हमारी आंतरिक शक्ति ही हमें हर कठिनाई और रोग पर विजय दिलवाएगी। वहीं सरकार को दूसरी लहर की भयावहता को देखते हुए चिकित्सा तंत्र में मूलभूत सुधार और उसे सुदृढ़ करने का संकल्प लेना होगा। प्रत्येक देशवासी इस रोग के साथ रहकर भी अपना जीवन सुचारु रूप से चला सके, उसमें सरकार को अपनी जिम्मेदारी का निर्वाह करना होगा।
जागरूकता उपचार
Advertisement
सोहन लाल गौड़, बाहमनीवाला, कैथल
Advertisement
चुनौती स्वीकारें
संदीप कुमार वत्स, चंडीगढ़
कोरोनारोधी जागरूकता
सतपाल मलिक, सींक, पानीपत
मुकाबला करें
रवि नागरा, नौशहरा, साढौरा
संकल्प का मंत्र
अशोक, पटना
बचाव का प्रण
शामलाल कौशल, रोहतक
आंतरिक मजबूती
राजेंद्र कुमार शर्मा, रेवाड़ी
Advertisement