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लुटियन छोड़, लुटिया बचाने आओ

06:50 AM Oct 14, 2023 IST
लुटियन छोड़  लुटिया बचाने आओ
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सहीराम

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चलो जी चलो, दिल्ली छोड़ो और राज्यों की ओर चलो। देखो चुनाव आ गए हैं। सो उठो, कमर कसो और चलो। नहीं भैया, प्रचार करने के लिए नहीं कह रहे हैं। प्रचार करने के लिए तो हम हैं न। हम तो जन्मजात प्रचारक हैं। हमेशा प्रचार ही करते आए हैं। आगे भी प्रचार ही करेंगे। वैसे तो आईटी सेल वाले हमारे प्रचार में कोई कमी नहीं छोड़ते। टीवी चैनल भी हमारे ही प्रचार में लगे रहते हैं। और अखबारों से भी हम खूब प्रचार करवाते हैं विज्ञापन दे-देकर। हमें खुशी है कि वे हमारा इतना प्रचार करते हैं। नहीं, हम मोगेंबो की तरह से नहीं कहेंगे कि मोगेंबो खुश हुआ! हम नेता हैं। खुश होकर भी इस सारे प्रचार से नाखुश दिखना हमारी फितरत है ताकि वे हमें और खुश करने के लिए और प्रचार करें। प्रचार ही तो सब कुछ है।
खैर, हमारी छोड़ो। और आप भी प्रचार के लिए उछलना छोड़ो और चलो और चलकर चुनाव लड़ो। पता है न कि चुनाव आ गए हैं। नहीं-नहीं संसदीय चुनावों की घोषणा नहीं हुई हैं। उसमें अभी छह-आठ महीने हैं न। अभी हम क्यों घोषणा करेंगे संसदीय चुनावों की। अच्छा वो, एक देश, एक चुनाव! भैया यह हंसी-ठठ्ठे का टाइम नहीं है। चलो! जी सांसदजी, आप ही से कह रहे हैं, अपनी सांसदी छोड़ो और चलकर विधायकी का चुनाव लड़ो। और मंत्रीजी आप भी चलो और चलकर विधायकी का चुनाव लड़ो। अब बहुत दिन लुटियन दिल्ली में रह लिए। हमें खुश करने में वैसे तो आपने भी कोई कसर नहीं छोड़ी। इससे बेशक हम खुश हैं भी।
पर अब चलो और चलकर चुनाव लड़ो। अरे कहा तो भाई सांसदी का नहीं। विधायकी का लड़ो और विधायकी का चुनाव जीत कर दिखाओ और हमें खुश करो। इसलिए अब राज्यों की ओर चलो। नहीं, ऐसा कोई संकट नहीं आया है। बेशक आपकी सांसदी पर आया है और मंत्री पद पर भी आ गया है। लेकिन वैसा कोई संकट नहीं है। और वैसे भी आप कोई संकटमोचक तो हैं नहीं। जो संकटमोचक हैं, वही संकट नहीं काट पा रहे तो आप ही कौन-सा संकट काट देंगे। हम बस जो सीटिंग हैं और जो होना चाहते हैं, उनका टिकट काट रहे हैं क्योंकि उनका बहुत विरोध हो रहा है, सो उसकी काट हम आप ही में ढूंढ़ रहे हैं। आपको तो इससे खुश होना चाहिए। सो चलो और चल कर चुनाव लड़ो। बहुत रह लिए लुटियन दिल्ली में। बहुत घूम लिए कनाट प्लेस और खान मार्केट। बहुत खा ली बंगाली मार्केट की चाट।
अब चलो। और जी आप, हां आप ही से कह रहे हैं, बड़े तीस मार खां बने घूम रहे हो। चलो, चलकर चुनाव लड़ो। क्या कह रहे हो, हम तो चुनाव लड़वाते हैं। यह हेकड़ी कहीं और दिखाना। चुनाव लड़वाने के लिए हम हैं न। काफी हैं। इसलिए चलो और आप भी लड़ो।

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