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खरड़ सीआईए थाने में ही हुआ था लॉरेंस का इंटरव्यू, महकमे में हड़कंप

07:17 AM Aug 10, 2024 IST

राजीव तनेजा
मोहाली, 9 अगस्त
गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई का इंटरव्यू पंजाब पुलिस की कस्टडी में ही सीआईए (क्राइम इन्वेस्टिगेशन एजेंसी) के खरड़ थाने (मोहाली) में हुआ था। एसआईटी के इस खुलासे के बाद मोहाली पुलिस में हड़कंप मच गया है। सितंबर 2022 में रिकॉर्ड किया गया यह इंटरव्यू सात माह बाद मार्च 2023 में जारी किया गया। अब वर्ष 2022-23 में जो पुलिस अधिकारी व स्टाफ लॉरेंस से पूछताछ कर रहे थे और जिन अधिकारियों के पास सीआईए का चार्ज था, उन पर आने वाले दिनों में गाज गिर सकती है। एसआईटी की रिपोर्ट से पंजाब सरकार के उस दावे की पोल खुल गई है, जिसमें कहा गया था कि इंटरव्यू पंजाब की हद में नहीं हुआ। हाईकोर्ट ने स्पेशल डीजीपी ह्यूमन राइट्स प्रबोध कुमार की अध्यक्षता वाली एसआईटी टीम को मामले की जांच सौंपी है।
दरअसल सिद्धू मूसेवाला हत्याकांड में एसआईटी और एजीटीएफ ने लॉरेंस बिश्नोई से सीआईए खरड़ थाने में पूछताछ की थी। लॉरेंस को सुबह साढ़े 4 बजे मानसा कोर्ट में पेश करने उपरांत खरड़ सीआईए लाया गया था। पुलिस दो बुलेटप्रूफ गाड़ियों में सही सलामत लॉरेंस को पंजाब लाई थी। इस दौरान 50 अफसरों की टीम मौजूद थी। पंजाब में घुसते ही पूरा रूट सेनिटाइज कराया गया था। पूरे रास्ते की वीडियोग्राफी भी की गई थी। लॉरेंस के आसपास कड़ा सुरक्षा घेरा था। सिर्फ चुनिंदा अफसरों को ही लॉरेंस के करीब जाने की इजाजत थी। उस समय एजीटीएफ में विक्रम बराड़ व अन्य आला अधिकारी तैनात थे। वहीं, इन दो वर्षों के कार्यकाल में सीआईए स्टाफ का चार्ज मोहाली पुलिस के इंस्पेक्टर शिव कुमार के पास था और उस समय डीएसपी गुरशेर सिंह संधू थे। लेकिन लॉरेंस से पूछताछ मानसा के डीएसपी व अन्य आला अधिकारी करते थे। ऐसे में अब एसआईटी इस बात की जांच करेगी कि सीआईए स्टाफ जेल में बंद लॉरेंस को मोबाइल व इंटरनेट की सुविधा किसने मुहैया करवाई। इतने कड़े सुरक्षा प्रबंध में किस अधिकारी ने लॉरेंस तक फोन पहुंचाया। इंटरव्यू में लॉरेंस बेखौफ होकर अपनी बात कह रहा है जिससे साफ जाहिर होता है कि उसे पुलिस का डर नहीं था क्योंकि पुलिस कस्टडी में ही उसका इंटरव्यू चल रहा था। जाहिर सी बात है कि अगर लॉरेंस के पास जाने की अनुमति चुनिंदा अधिकारियों को थी तो ऐसे में पुलिस अधिकारियों की मिलीभगत में ही उस तक फोन पहुंचाया गया। वीडियो को सात महीने तक वायरल इसलिए नहीं होने दिया गया ताकि पुलिस अधिकारियों पर कोई गाज ना गिरे। इसलिए जब वीडियो आउट हुआ तो यह दिखाया गया कि इंटरव्यू कहीं बाहर से दी गई है। करीब 7 महीने लॉरेंस से खरड़ के सीआईए थाने में पूछताछ हुई और उसी दैरान उसका इंटरव्यू लिया गया। एसआईटी उस मोबाइल को भी रिकवर करेगी जिससे लॉरेंस ने टीवी चैनल को अपना इंटरव्यू दिया। हाइकोर्ट ने इस मामले में पंजाब के डीजीपी को भी सहयोग करने को कहा है।

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मूसेवाला मर्डर केस की ली थी जिम्मेदारी
सिद्धू मूसेवाला की 29 मई 2022 को मानसा के पास जवाहरके गांव में हत्या कर दी गई थी, जब वह अपनी महिंद्रा थार चला रहा था और उसके साथ दो दोस्त भी थे। हमलावरों ने अंधाधुंध फायरिंग की थी। उसकी हत्या की जिम्मेदारी बिश्नोई और गोल्डी बराड़ ने ली थी। ऐसा कहा गया था कि पिछले साल मोहाली में युवा अकाली नेता विक्की मिड्डूखेड़ा की हत्या का बदला लेने के लिए गायक की हत्या की गई थी। पंजाब पुलिस खुफिया मुख्यालय पर आरपीजी ग्रेनेड हमले में भी गोल्डी बराड़ का नाम सामने आया था।

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