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कानून और स्वास्थ्य सेवाओं का एक ही लक्ष्य : सीजेआई

07:34 AM Aug 11, 2024 IST
कानून और स्वास्थ्य सेवाओं का एक ही लक्ष्य   सीजेआई
चंडीगढ़ में सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ को स्मृति चिन्ह भेंट करते पीजीआई के निदेशक प्रो. विवेक लाल। साथ हैं एम्स जोधपुर के कार्यकारी निदेशक जीडी पुरी और पीजीआई के डीन (एकेडमिक) आरके राठो। - रवि कुमार
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विवेक शर्मा/ ट्रिन्यू
चंडीगढ़, 10 अगस्त
पीजीआई चंडीगढ़ के शनिवार को आयोजित 37वें दीक्षांत समारोह में देश के चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ मुख्य अतिथि के तौर पर शामिल हुए। उन्होंने कहा कि कानून और स्वास्थ्य सेवाओं का एक ही लक्ष्य है। दोनों को ही समाज की भलाई के लिए काम करना है। जिस तरह हम किसी भी केस की सुनवाई गवाहों और सबूतों के आधार पर करते हैं, उसी तरह डॉक्टर भी मरीज का इलाज उसकी जांच रिपोर्ट और लक्षणों के आधार पर करते हैं।
चीफ जस्टिस ने बताया कि 2021 में वह अपने परिवार के साथ शिमला जा रहे थे, तभी उनकी बेटी प्रियंका को सांस लेने में तकलीफ हुई। उसे पीजीआई में भर्ती कराया गया अौर छह सप्ताह तक इलाज चला। उन्होंने कहा, मेरी पत्नी बच्चों के साथ यहीं रही और मैं वीकेंड पर यहां आता था। पत्नी ने एक दिन बताया कि सुबह करीब तीन बजे बेटी को कुछ दिक्कत हुई तो पांच मिनट के अंदर डॉक्टरों की पूरी टीम वहां पहुंच गई। तब मुझे आश्चर्य हुआ कि ये डॉक्टर कब सोते हैं। जब बेटी इलाज के बाद यहां से हंसते हुए जाने लगी तो मुझे अहसास हुआ कि यहां जो भी इलाज के लिए आता है वह हंसते हुए वापस जाता है। कार्यक्रम में पीजीआई के डायरेक्टर डॉ. विवेक लाल ने सीजेआई और विशिष्ट अतिथि एम्स जोधपुर के कार्यकारी निदेशक प्रो. जीडी पुरी को स्मृति चिन्ह दिए। इस मौके पर डीन एकेडमिक प्रो. आरके राठो और रजिस्ट्रार उमेद माथुर भी मौजूद थे।
दवा के साथ दें जादू की झप्पी : फिल्म ‘मुन्ना भाई एमबीबीएस’ में जादू की झप्पी का जिक्र करते हुए सीजेआई ने कहा कि डॉक्टर को मरीज से ऐसा ही रिश्ता बनाना चाहिए। ताकि मरीज को कोई दिक्कत न हो। सीजेआई ने 80 डॉक्टरों को मेडल पहनाकर सम्मानित किया और 508 डॉक्टरों को डिग्री प्रदान की। एम्स जोधपुर के कार्यकारी निदेशक प्रो. जीडी पुरी ने भी डॉक्टरों को डिग्रियां बांटी।

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अनुवाद के लिए एआई की ले रहे मदद

सीजेआई ने कहा कि आम आदमी भी न्याय की भाषा को समझ सके, इसके लिए फैसलों का अलग-अलग भाषाओं में अनुवाद किया जा रहा है। अब तक 22 हजार फैसलों को पंजाबी और 30 हजार फैसलों को हिंदी में अनुवादित कर दिया गया है। अनुवाद प्रक्रिया के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) की मदद भी ली जा रही है।

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