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खीरे की बंपर पैदावार कर दूसरे किसानों के लिये मिसाल बने भूमिहीन रवि

07:35 AM Jul 02, 2024 IST
पानीपत के गांव जोशी में किसान रवि द्वारा अपने नेट हाउस में मलचिंग पर लगाकर ऊपर रस्सी से बांधी गई बेल पर लगे खीरे। (फाइल फोटो)
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बिजेंद्र सिंह/हप्र
पानीपत, 1 जुलाई
अगर मन के इरादे मजबूत हों और कुछ करने का जज्बा हो तो सफलता उस व्यक्ति के स्वयं आगे बढ़कर कदम चूमती है। ऐसी ही सफलता की कहानी पानीपत जिला के गांव जोशी के एक अनुसूचित जाति के एक भूमिहीन युवक रवि ने लिखी है।
रवि ने करीब तीन साल तक कई स्थानों पर कई पॉली व नेट हाउसों में काम किया और वहां पर उसने नेट व पॉली हाउसों की बारीकियों को समझा। नेट व पॉली हाउस में उगाई जाने वाली सब्जियों के मुनाफे को देखकर रवि ने भी अपना ही नेट हाउस लगाने का सपना देखा। भूमिहीन रवि ने अपने ही गांव में करीब एक एकड़ जमीन लीज पर लेकर करीब सवा साल पहले बागवानी विभाग के सहयोग से अपना ही नेट हाउस लगाकर सपने को साकार किया। रवि ने अपने नेट हाउस में सबसे पहले सीडलैस पॉली हाउस वाला खीरा लगाया और उसने एक साल में सीडलैस खीरे की तीन फसलें लीं। उसके नेट हाउस में तीनों फसलों में एक साल में करीब 1250 क्विंटल खीरे का उत्पादन हुआ और उसने 19-20 रुपये प्रति किलो खीरा पानीपत, सफीदों, गन्नौर व गोहाना की सब्जी मंडियों में बेचकर अच्छा मुनाफा कमाया। भूमिहीन युवक रवि ने अपना नेट हाउस लगाने का जो सपना देखा था, उसने अपने नेट हाउस में एक साल में खीरे की तीन फसलों में बंपर पैदावार करके अपने सपने को ऐसे पंख लगाये कि आज जिलाभर के किसान रवि की चर्चा कर रहे हैं। खेती करने का शौक रखने वाले भूमिहीन लोगों के लिये तो रवि एक प्रेरणास्रोत बन चुके हैं। भूमिहीन से प्रगतिशील किसान बने रवि के काम में उनके पिता हुकमचंद व उनके चचेरे भाई नरेंद्र पूरा सहयोग कर रहे हैं।

मलचिंग पर खीरा लगाने से होती है ज्यादा पैदावार : रवि

किसान रवि ने बताया कि वह नेट हाउस में मलचिंग पर खीरा लगाता है और खीरे के पौधे बड़े होते है तो उनको रस्सियों के साथ ऊपर बांध दिया जाता है। इससे खीरे की बेल कई फीट तक ऊपर जाती है और खीरे की पैदावार ज्यादा होती है। मलचिंग पर लगाये गये खीरे में पानी देने के लिये ड्रिप सिंचाई सिस्टम का इस्तेमाल किया जाता है और इससे पानी की बचत भी होती है।

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उद्यान विभाग की योजनाओं का लाभ उठा सकते हैं किसान

डीएचओ डा. शादूल शंकर ने बताया कि किसान रवि ने अपने गांव जोशी में लीज पर करीब एक एकड़ जमीन लेकर बागवानी विभाग के सहयोग से नेट हाउस लगाया था। उद्यान विभाग द्वारा एससी वर्ग के जिस व्यक्ति के पास अपनी भूमि है तो नेट व पॉली हाउस लगाने के लिये उसको 85 प्रतिशत और जिसके पास अपनी भूमि नहीं है तो उसको 65 फीसदी सब्सिडी दी जाती है। उन्होंने बताया कि जो व्यक्ति सब्जियों व फलों की खेती करना चाहते हैं और उनके पास अपनी जमीन नहीं है तो लीज यानि पट्टे पर जमीन लेकर अपना नेट या पॉली हाउस लगा सकते हैं। जनरल वर्ग के किसान को नेट व पॉली हाउस पर 50 प्रतिशत अनुदान दिया जाता है।

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