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चौथे चुनाव में ही हॉट सीट बनी लाडवा, सीएम सैनी लड़ रहे चुनाव

08:02 AM Sep 10, 2024 IST
नायब सिंह सैनी

दिनेश भारद्वाज/ट्रिन्यू
चंडीगढ़, 9 सितंबर
कुरुक्षेत्र जिले की लाडवा विधानसभा सीट इस बार प्रदेश के हॉट हलकों में शामिल हो गई है। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी यहां से भाजपा के टिकट पर चुनावी ताल ठोक चुके हैं। पिछले दस वर्षों में नायब सिंह सैनी का यह तीसरा निर्वाचन क्षेत्र है, जहां से वे किस्मत आजमाएंगे। कांग्रेस के मौजूदा विधायक मेवा सिंह और इनेलो के पूर्व विधायक व इनेलो सरकार में सीएम ओमप्रकाश चौटाला के राजनीतिक सलाहकार रहे शेर सिंह बड़शामी के साथ उनकी भिड़ंत होगी।

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मेवा सिंह

2008 के परिसीमन के बाद अस्तित्व में आए लाडवा हलके में यह चौथा चुनाव होगा। इससे पहले यह रादौर हलके के अंतर्गत आता था। परिसीमन में रादौर व थानेसर हलके के कुछ एरिया को मिलाकर लाडवा का गठन किया गया। 2008 से पहले तक रादौर हलका अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित था। परिसीमन के बाद रादौर भी सामान्य जातियों के लिए ओपन हो गया। मुख्यमंत्री द्वारा निर्वाचन क्षेत्र बदलने के पीछे एक कारण यह भी रहा कि उनके बुजुर्गों का निकास लाडवा के ही मंगौली सैनी माजरा से हुआ है।

शेर सिंह बड़शामी

बताते हैं कि 100 से भी अधिक साल पहले सैनी के परिजन यहां से नारायणगढ़ (अंबाला) के मिर्जापुर गांव में शिफ्ट हो गए थे। नायब सैनी का जन्म भी मिर्जापुर गांव में हुआ था। नायब सैनी 2014 में नारायणगढ़ हलके से ही चुनाव जीतकर पहली बार विधानसभा पहुंचे थे। 2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा ने उन्हें कुरुक्षेत्र से लोकसभा चुनाव लड़वाया और वे जीतकर संसद पहुंचने में कामयाब रहे। इस साल 12 मार्च को सांसद रहते हुए ही उन्हें मनोहर लाल की जगह हरियाणा का मुख्यमंत्री बना दिया गया।
मनोहर लाल उस समय करनाल से विधायक थे और उन्होंने 13 मार्च को विधानसभा की सदस्यता से भी इस्तीफा दे दिया। हालिया लोकसभा चुनाव के साथ हुए करनाल उपचुनाव में नायब सैनी ने जीत हासिल की और वे दूसरी बार विधानसभा पहुंचे। इस बार वे तीसरे हलके के रूप में लाडवा से चुनाव लड़ेंगे। लाडवा को सैनी बहुल एरिया माना जाता है। यह भी एक कारण है कि नायब सैनी को लाडवा से चुनाव लड़वाया गया है। सैनी के पुर्वजों का गांव मंगौली सैनी माजरा, लाडवा हलके के सबसे छोटे गांवों में शामिल है। करीब 700 मतदाताओं वाले इस गांव में पंचायत का गठन भी पांच-सात साल पहले हुआ है। इससे पहले यह गांव मंगौली जाटान ग्राम पंचायत के अंतर्गत आता था। लाडवा निर्वाचन क्षेत्र में सैनी और जाट मतदाताओं की संख्या करीब-करीब बराबर मानी जाती है। इस हलके में इनेलो नेता शेर सिंह बड़शामी का भी अच्छा प्रभाव माना जाता है।
2014 के विधानसभा चुनाव में शेर सिंह बड़शामी इसलिए चुनाव नहीं लड़ सके थे, क्योंकि चौटाला सरकार में हुई जेबीटी भर्ती मामले में वे भी सीबीआई की विशेष अदालत द्वारा दोषी कराए दिए गए थे। ऐसे में भाजपा के डॉ. पवन सैनी के मुकाबले बड़शामी की पत्नी बच्चन कौर बड़शामी ने चुनाव लड़ा था। कांग्रेस टिकट पर पूर्व सांसद कैलाशो सैनी ने चुनाव लड़ा था। पवन सैनी ने बच्चन कौर बड़शामी के साथ कड़े मुकाबले में महज 2 हजार 992 मतों से जीत हासिल की। इसके बाद, 2019 के चुनावों में बड़शामी की पुत्रवधू सपना बड़शामी ने चुनाव लड़ा। भाजपा ने मौजूदा विधायक पवन सैनी पर ही भरोसा जताया। कांग्रेस ने नये चेहरे पर दांव लगाते हुए मेवा सिंह को टिकट दिया। मेवा सिंह को 57665 वोट मिले और वे चुनाव जीते। उन्होंने पवन सैनी को 12637 मतों से शिकस्त दी। सपना बड़शामी को 15513 वोट मिले।

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इस बार होगा त्रिकोणीय मुकाबला

लाडवा सीट पर इस बार त्रिकोणीय मुकाबला देखने को मिलेगा। इस हलके में तीनों पार्टियों- भाजपा, कांग्रेस व इनेलो के एक-एक बार विधायक रहे हैं। चौथे चुनाव में भाजपा टिकट पर मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी चुनाव लड़ रहे हैं। वहीं, कांग्रेस ने अपने सिटिंग विधायक मेवा सिंह पर फिर से भरोसा जताया है। इनेलो टिकट पर दो चुनावों के के बाद अब शेर सिंह बड़शामी चुनावी रण में आए हैं। तीनों प्रत्याशी प्रचार शुरू कर चुके हैं।

15 साल बाद बड़शामी मैदान में

इनेलो नेता शेर सिंह बड़शामी लगभग 15 साल के बाद खुद लाडवा से सियासी मैदान में कूदे हैं। परिसीमन के बाद उन्होंने 2009 में लाडवा में हुए पहले ही चुनाव में जीत हासिल की थी। इन चुनाव में उन्होंने कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ने वाली कैलाशो सैनी को 2505 मतों के अंतर से चुनाव हराया था। कैलाशो सैनी इनेलो टिकट पर दो बार कुरुक्षेत्र से सांसद रहीं। इनेलो छोड़कर वे कांग्रेस में शामिल हुईं और विधानसभा चुनाव लड़ा। इस चुनाव में भाजपा टिकट पर मेवा सिंह ने चुनाव लड़ा था और उन्हें 21 हजार 775 वोट हासिल हुए थे।

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