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कुवैत अग्निकांड: इमारत में असुरक्षित तरीके से रखे जाते हैं विदेशी मजदूर

10:54 AM Jun 13, 2024 IST
कुवैत अग्निकांड  इमारत में असुरक्षित तरीके से रखे जाते हैं विदेशी मजदूर
कुवैत में इमारत में लगी भीषण आग। पीटीआई फोटो
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दुबई/कुवैत शहर, 13 जून (भाषा)

कुवैत में भारतीय मिशन मंगाफ शहर की एक इमारत में लगी आग की घटना के बारे में संबंधित कुवैती अधिकारियों से सभी जानकारी प्राप्त कर रहा है। इस अग्निकांड में करीब 40 भारतीयों सहित 49 विदेशी श्रमिकों की मौत हो गई और 50 अन्य लोग घायल हो गए। वहीं, अधिकारियों ने खाड़ी देश में सबसे भीषण आग की घटनाओं में शामिल इस हादसे की जांच शुरू कर दी है।

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अधिकारियों के मुताबिक, कुवैत के दक्षिणी अहमदी गवर्नरेट के मंगाफ क्षेत्र में स्थित सात मंजिला इमारत की रसोई में बुधवार को आग लग गई थी। उन्होंने बताया कि इमारत में 195 प्रवासी मजदूर रह रहे थे।

इस घटना के बाद इस तरह के भवन मालिकों और कंपनी मालिकों के खिलाफ कार्रवाई की मांग उठने लगी है, जो लागत कम करने के लिए कानून का उल्लंघन करते हुए बड़ी संख्या में विदेशी मजदूरों के अत्यंत असुरक्षित परिस्थितियों में रहने का बंदोबस्त करते हैं।

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नयी दिल्ली स्थित विदेश मंत्रालय ने बुधवार रात एक बयान जारी कर कहा, ‘‘कुवैत के मंगाफ क्षेत्र में एक आवासीय इमारत में आज (बुधवार) तड़के आग की एक दुर्भाग्यपूर्ण एवं दुखद घटना में मारे गये करीब 40 लोगों के बारे में माना जा रहा है कि वे भारतीय थे। घटना में 50 से अधिक लोग घायल हो गये। इस इमारत में श्रमिक रहते थे। कुवैत में भारतीय दूतावास कुवैती अधिकारियों और कंपनी से पूरा ब्योरा जुटाने में लगा है। हम शोक संतप्त परिवारों के प्रति अपनी गहरी संवेदना व्यक्त करते हैं।''

गृह मंत्रालय और अग्निशमन विभाग के अधिकारियों के अनुसार, आग तड़के चार बजे के बाद उस समय लगी, जब इमारत में रहने वाले 196 श्रमिकों में से ज्यादातर सो रहे थे। श्रमिकों में सभी पुरुष थे। आग लगने के कारण इमारत में काला घना धुआं छा गया, जिसके कारण ज्यादातर लोगों का दम घुटने लगा।

भारतीय मिशन ने कहा, ‘‘कुवैत में जो लोग घायल हुए हैं, उन्हें पांच सरकारी अस्पतालों (अदन, जाबेर, फरवानिया, मुबारक अल कबीर और जाहरा) में भर्ती कराया गया है और उनका उचित इलाज किया जा रहा है।

अस्पताल अधिकारियों के मुताबिक, ज्यादातर भर्ती मरीजों की हालत स्थिर है। घटना के बाद कुवैत में भारत के राजदूत आदर्श स्वैका तुरंत घटनास्थल पर पहुंचे और उन्होंने अस्पतालों में जाकर वहां भर्ती भारतीय नागरिकों का हालचाल भी जाना।

दूतावास इस दुर्भाग्यपूर्ण घटना में झुलसे भारतीय नागरिकों की सहायता करने के लिए स्थानीय अधिकारियों के साथ समन्वय कर रहा है और हर संभव सहायता प्रदान कर रहा है। दूतावास को कुवैती अधिकारियों से पूरा सहयोग मिल रहा है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निर्देश पर विदेश राज्य मंत्री कीर्तिवर्धन सिंह आग में घायल हुए भारतीयों की सहायता की निगरानी करने और मारे गए लोगों के शवों को शीघ्र स्वदेश पहुंचाने के कार्य में सहयोग के लिए कुवैत पहुंच रहे हैं।

बयान में कहा गया, ‘‘कुवैत स्थित हमारा दूतावास प्रभावित लोगों को राहत प्रदान करने के लिए स्थानीय प्राधिकारियों के साथ संपर्क में बना हुआ है।

हेल्पलाइन नंबर जारी

भारतीय कामगारों को चपेट में लेने वाली दुखद अग्नि दुर्घटना के संबंध में, दूतावास ने एक आपातकालीन हेल्पलाइन नंबर जारी किया है: +965-65505246 । सभी संबंधित लोगों से अद्यतन जानकारी के लिए इस हेल्पलाइन से जुड़ने का अनुरोध किया जाता है। दूतावास हरसंभव सहायता प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है।''

कुवैत के अमीर शेख मेशाल अल-अहमद अल-जबर अल-सबाह ने मृतकों के परिवारों के प्रति गहरा दुख और सहानुभूति व्यक्त की। उन्होंने अधिकारियों को भीषण आग के कारणों का पता लगाने और इस त्रासदी के लिए जिम्मेदार लोगों को सजा देने का आदेश दिया।

मरने वाले केरलवासियों की संख्या 24 हुई, सात गंभीर रूप से घायल

कुवैत अग्निकांड में मरने वाले केरल के लोगों की संख्या बढ़कर 24 हो गई है, जबकि दक्षिणी राज्य के सात लोग गंभीर रूप से घायल हो गए हैं। घायलों का खाड़ी देश के अलग-अलग अस्पतालों में इलाज चल रहा है। केरल के अनिवासी लोगों से संबंधित ‘नोरका रूट्स' के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी।

केरल के अनिवासी लोगों (नोरका) से जुड़े विभाग का गठन वर्ष 1996 में राज्य सरकार द्वारा किया गया था। इस विभाग का गठन भारत और विदेशों में बसे केरल के अनिवासी लोगों की शिकायतों का समाधान करने और उनके साथ एक स्थायी साझेदारी स्थापित करना के उद्देश्य से किया गया।

नोरका विभाग के मुख्य कार्यकारी अधिकारी का अतिरिक्त प्रभार संभाल रहे अजीत कोलासेरी ने कहा कि कुवैत में उसकी हेल्प डेस्क द्वारा अनौपचारिक रूप से दी गई जानकारी के अनुसार, हताहत हुए लोगों में केरल के रहने वालों की संख्या बढ़ रही है।

सुबह यह संख्या 12 थी, इसके बाद यह 19 हुई और अब 24 हो गई है। इससे पहले केरल सरकार ने कहा था कि उसे मिली जानकारी के अनुसार इस अग्निकांड में केरल के 19 लोगों की मौत हुई है। अजीत कोलासेरी ने संवाददाताओं को बताया कि गंभीर रूप से घायल सात केरलवासियों का कुवैत के विभिन्न अस्पतालों की गहन चिकित्सा इकाइयों (आईसीयू) में इलाज किया जा रहा है।

उन्होंने कहा कि कई घायलों को इलाज के बाद अस्पताल से छुट्टी भी दे दी गई है। अधिकारी ने कहा कि इस अग्निकांड के पीड़ितों के नाम और उनसे जुड़ी जानकारी विदेश मंत्रालय से पुष्टि के बाद ही उपलब्ध कराई जा सकेगी।

नोरका हेल्प डेस्क भारतीय दूतावास और कुवैत के अस्पतालों के शवगृह विभागों के साथ मिलकर काम कर रही है ताकि अग्निकांड में जान गंवाने वालों के शवों को वापस लाने के लिए कागजी कार्रवाई को पूरा करने में तेजी लाई जा सके।

कुवैत के अधिकारियों के अनुसार, यहां के अहमदी गवर्नरेट के मंगाफ में स्थित सात मंजिला इमारत में लगी भीषण आग में करीब 40 भारतीयों सहित 49 प्रवासी श्रमिकों की मौत हो गई और 50 अन्य घायल हो गए हैं। यह आग रसोईघर में बुधवार सुबह करीब चार बजे लगी, जिस वक्त 195 श्रमिकों में से ज्यादातर सो रहे थे।

कुवैत के गृह मंत्रालय और अग्निशमन विभाग के अधिकारियों के अनुसार, आग लगने से चारों ओर काला धुआं भर गया और ज्यादातर पीड़ितों की दम घुटने से मृत्यु हो गई।

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