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कनाडा में आतंकवाद का महिमामंडन निंदनीय : भारतीय उच्चायोग

01:21 PM Jun 24, 2024 IST
कनाडा में आतंकवाद का महिमामंडन निंदनीय   भारतीय उच्चायोग
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ओटावा, 24 जून (भाषा)

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भारत ने कनाडा में आतंकवाद का महिमामंडन करने वाले कृत्यों को ‘निंदनीय’ बताते हुए कहा कि यह ‘दुर्भाग्यपूर्ण’ है कि यहां कई मौकों पर ‘नियमित रूप से’ ऐसे कृत्यों की अनुमति दी जाती है और सभी शांति प्रिय देशों एवं लोगों को इसकी निंदा करनी चाहिए। भारतीय उच्चायोग ने 1985 के कनिष्क बम विस्फोट की 39वीं बरसी पर एक बयान में कहा कि आतंकवाद की ‘कोई सीमा, राष्ट्रीयता या नस्ल’ नहीं होती। इस घटना में 329 लोगों की मौत हो गयी थी जिनमें से ज्यादातर भारतीय मूल के कनाडाई नागरिक थे। मॉन्ट्रियल-नयी दिल्ली एअर इंडिया ‘कनिष्क' उड़ान संख्या-182 में 23 जून, 1985 को लंदन के हीथ्रो हवाई अड्डे पर उतरने से 45 मिनट पहले विस्फोट हो गया था, जिससे विमान में सवार 86 बच्चों समेत सभी 329 लोग मारे गए थे।माना जाता है कि साल 1984 में स्वर्ण मंदिर से आतंकवादियों को बाहर निकालने के लिए चलाए गए 'ऑपरेशन ब्लूस्टार' के जवाब में सिख आतंकवादियों ने कनिष्क बम विस्फोट को अंजाम दिया था। ओटावा में भारतीय उच्चायोग और टोरंटो तथा वैंकूवर में भारत के वाणिज्य दूतावासों ने 1985 में ‘आतंकवाद के घृणित कृत्य’ में मारे गए लोगों की याद में रविवार को एक कार्यक्रम का आयोजन किया था। भारतीय उच्चायोग ने बयान में कहा, ‘‘इस कायरतापूर्ण कृत्य को 39 साल पूरे हो गए हैं लेकिन दुर्भाग्यपूर्ण रूप से आतंकवाद ने आज अंतरराष्ट्रीय शांति व सुरक्षा के लिए खतरे का रूप धारण कर लिया है।' इसमें कहा गया, ‘‘1985 में एआई-182 में बम विस्फोट समेत आतंकवाद का महिमामंडन करने वाला कोई भी कृत्य निंदनीय है और सभी शांति प्रिय देशों तथा लोगों को इसकी निंदा करनी चाहिए। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि कनाडा में कई मौकों पर आए दिन ऐसे कृत्यों को अनुमति दी जाती है।'पिछले सप्ताह, खालिस्तानी चरमपंथी हरदीप सिंह निज्जर की याद में कनाडा की संसद द्वारा 'एक मिनट का मौन' रखे जाने की भारत ने आलोचना की थी।भारत ने गत‍् बृहस्पतिवार को वैंकूवर में भारतीय वाणिज्य दूतावास के बाहर खालिस्तानी चरमपंथियों द्वारा तथाकथित ‘नागरिक अदालत’ आयोजित करने और भारतीय प्रधानमंत्री का पुतला फूंकने पर कनाडा के समक्ष कड़ा विरोध दर्ज कराया था। कनिष्क बम विस्फोट को ‘कनाडा के विमानन इतिहास में अब तक की सबसे भयावह घटना' बताते हुए भारतीय उच्चायोग ने कहा कि यह घटना न केवल पीड़ित परिवारों बल्कि पूरी मानवता के लिए एक ‘‘अपूरणीय क्षति'' रहेगी। उसने कहा, ‘‘इस घृणित कृत्य के साजिशकर्ता अब भी आजाद घूम रहे हैं।' कनिष्क बम विस्फोट में मारे गए लोगों की याद में कार्यक्रम का आयोजन ऐसे वक्त में किया गया है जब पिछले साल सितंबर में कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो द्वारा निज्जर की हत्या में भारतीय एजेंट की 'संभावित' संलिप्तता का आरोप लगाए जाने के बाद से दोनों देशों के संबंधों में गंभीर तनाव व्याप्त है।

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