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आईपीएस के लिए चयनित कुहू गर्ग का पैतृक गांव कुराना में जोरदार स्वागत

10:55 AM Apr 22, 2024 IST
पानीपत के गांव कुराना में रविवार को कुहू गर्ग को पगड़ी, नोटों और फूलों की माला पहनाकर स्वागत करतीं महिलाएं एवं युवतियां। -हप्र

पानीपत, 21 अप्रैल (हप्र)
भारतीय प्रशासनिक सेवा में चयनित और अंतर्राष्ट्रीय बैडमिंटन खिलाड़ी रहीं कुहू गर्ग का रविवार को पैतृक गांव कुराना में ग्रामीणों ने जोरदार स्वागत किया। बता दे कि 15 अप्रैल को यूपीएससी के रिजल्ट में कुहू गर्ग का 178वां रैंक आया है और उनका आईपीएस के लिये चयन हुआ है। कुहू गर्ग के पूर्वजों ने गांव कुराना में देवी माता का मंदिर बनवाया हुआ है और उनके परिजन तीन माह में मंदिर में पूजा करने के लिये एक बार जरूर आते हैं। कुहू गर्ग रविवार को गांव में पूजा करने के लिए अपने परिवार के साथ पहुंची थी और उनके साथ उनके पिता अशोक गर्ग, माता अलकनंदा, ताऊ नरेश गर्ग, भाई मनोज गर्ग और प्रमोद गर्ग के सहित उनके पारिवारिक सदस्य भी मौजूद रहे।
कुहू गर्ग के पिता अशोक गर्ग उत्तराखंड के पूर्व पुलिस महानिदेशक है और वर्तमान में सोनीपत में जीटी रोड स्थित राई खेल विश्वविद्यालय के कुलपति है। जबकि माता अलकनंदा पंत नगर यूनिवर्सिटी में डीन हैं। कुहू गर्ग ने अपने परिजनों साथ गांव में पारंपरिक रीति रिवाज के साथ अपनी कुलदेवी की पूजा अर्चना की और उन्होंने गौशाला में गायों को चारा भी खिलाया। अपने गांव की बेटी कुहू गर्ग का स्वागत करने व आशीर्वाद देने वालों में सरपंच प्रतिनिधि सुरेश, मास्टर मेहर सिंह, बलवान सिंह, सत्यवान जागलान, पालेराम, जयपाल सिंह शामिल रहे।
पिताजी के पदचिन्हों पर चलकर देशसेवा करने का जज्बा
कुहू गर्ग ने कहा कि ग्रामीणों द्वारा पहनाई पगड़ी को कभी झुकने नहीं दूंगी। जिस तरह पिताजी अशोक गर्ग ने डीजीपी रहते देश व लोगों की सेवा की है, वह भी पिता के पद चिन्हों पर चलते हुए समाज व देश की सेवा करने का काम करेगी।
चोट बनी लक्ष्य तक पहुंचाने का माध्यम
कुहू गर्ग बैडमिंटन की एक अंतर्राष्ट्रीय स्तर की खिलाड़ी रह चुकी हैं और 2021 में खेलते समय चोट लगी।
चोट से उबरने के लिए डेढ़ साल लगा और वह समय लॉकडाउन का था। उन्हें स्वास्थ्य संबंधी काफी समस्याएं आने लगी। उसने करीब डेढ़ साल तक पढ़ाई की और लक्ष्य को हासिल किया।

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बेटी की उपलब्धि पर माता-पिता को गर्व
उत्तराखंड के पूर्व डीजीपी और वर्तमान में राई विश्वविद्यालय के कुलपति अशोक गर्ग ने बताया कि उन्हें अपनी बेटी की उपलब्धि पर बहुत बड़ा गर्व है और एक माता-पिता के लिए इससे बड़े सम्मान की बात क्या हो सकती है कि उनकी बेटी ने यह मुकाम हासिल किया है।

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