आतंक की दस्तक
हरियाणा में आतंकवादियों से विस्फोटक सामग्री बरामद होना, पृथकतावादियों के समर्थन में झंडे लहराना व शिवसेना के लोगों पर आक्रमण की घटना – नि:संदेह आतंक का सिर उठाने से पहले ही कुचल देने का संदेश है। वहीं यह प्रादेशिक खुफिया एजेंसियों के एकजुट होकर चौकसी बरतने की मुहिम की सफलता है। असल में प्रदेश के लोगों को सांप्रदायिक ताकतों से बचे रहने की जरूरत है। शासन-प्रशासन का चौकन्ना रहना जरूरी है। सार्वजनिक स्थानों पर सीसीटीवी कैमरे लगवाये जायें वहीं पुलिस के उड़न दस्ते का समय-समय पर निरीक्षण करते रहना चाहिए।
अनिल कौशिक, क्योड़क, कैथल
नापाक मंसूबे
सुरेन्द्र सिंह ‘बागी’, महम
जागने का वक्त
अनिल कुमार शर्मा, चंडीगढ़
केंद्र-राज्य सहयोग
शामलाल कौशल, रोहतक
सतर्कता जरूरी
सत्यप्रकाश गुप्ता, बलेवा, गुरुग्राम
खुफिया तंत्र मजबूत करें
हरियाणा पुलिस ने खालिस्तानी आतंकवादी और आईएसआई से जुड़ेे चार युवकों को भारी मात्रा में आरडीएक्स एवं हथियारों के साथ गिरफ्तार करके अपनी जागरूकता, कर्मठता का परिचय दिया है। वहीं इससे पता चलता है कि इन राज्यों में आतंकवाद फिर अपने पांव पसार रहा है। इसकी जड़ों को ही खोखला करना होगा। पाक से आने वाले आतंकियों और उनसे संबंध रखने वालों पर कड़ी निगरानी रखना होगी। सीमाओं पर चौकसी बढ़ानी होगी और किसी भी तरह से किसी भी व्यक्ति पर संदेह होने पर कड़ी पूछताछ करना होगी। इंटरनेट से फैलने वाली सूचनाओं पर ध्यान देना होगा तभी इस तरह की आतंकवादी गतिविधियों पर अंकुश लगाया जा सकेगा।
भगवानदास छारिया, इंदौर, म.प्र.
पुरस्कृत पत्र
सुरक्षा प्राथमिकता हो
पाकिस्तान आतंकी हमले करके भारत को अस्थिर करने की भरसक कोशिश करता रहा है। ऐसे में आतंकवादी गतिविधियों को रोकने के लिए उचित राजनीतिक प्रतिक्रिया की जरूरत है। खुफिया एजेंसियों, सुरक्षा एजेंसियों और पुलिस को और ज्यादा सतर्क होने की जरूरत है। इस समस्या से सेना, पुलिस, सशस्त्र बल ही नहीं बल्कि पूरे देश को लड़ना होगा। अंतर्राष्ट्रीय दबाव की परवाह किए बिना इस मुद्दे पर सरकार को कठोर रुख अपनाना होगा। आतंक विरोधी कानून को पुख्ता बनाना होगा। सुरक्षाबलों को आतंकवाद प्रभावित क्षेत्रों में विशेष अधिकार दिए जाने चाहिए। सबसे जरूरी है केंद्र और राज्य सरकारों को दलगत राजनीति से ऊपर उठकर देश की सुरक्षा के बारे में सोचना।
पूनम कश्यप, नयी दिल्ली