आतंक की दस्तक
चौकस रहें
हरियाणा में आतंकवादियों से विस्फोटक सामग्री बरामद होना, पृथकतावादियों के समर्थन में झंडे लहराना व शिवसेना के लोगों पर आक्रमण की घटना – नि:संदेह आतंक का सिर उठाने से पहले ही कुचल देने का संदेश है। वहीं यह प्रादेशिक खुफिया एजेंसियों के एकजुट होकर चौकसी बरतने की मुहिम की सफलता है। असल में प्रदेश के लोगों को सांप्रदायिक ताकतों से बचे रहने की जरूरत है। शासन-प्रशासन का चौकन्ना रहना जरूरी है। सार्वजनिक स्थानों पर सीसीटीवी कैमरे लगवाये जायें वहीं पुलिस के उड़न दस्ते का समय-समय पर निरीक्षण करते रहना चाहिए।
अनिल कौशिक, क्योड़क, कैथल
नापाक मंसूबे
सीमा पार देश विरोधी ताकतें देश के अंदरूनी हालातों पर गिद्ध दृष्टि लगाये बैठी हैं। भारत की धार्मिक और सामाजिक विविधता ऐसी ताकतों के लिए एक बड़ा हथियार साबित होती हैं। धार्मिक भावनाओं से ऊपर उठकर हमें एकता और अखंडता को हर हाल में बनाए रखना होगा। लेकिन देश की मौजूदा धार्मिक परिस्थितियां चिंता का कारण हैं। सन् 1971 की हार पाकिस्तान के सियासतदानों को आज भी कचौटती है और भारत विरोधी ताकतों को मदद देकर सदैव मौके की तलाश में रहते हंै। पड़ोसी देश की इस चाल को समझते हुए देश की सुरक्षा एजेंसियों का दायित्व और बढ़ जाता है।
सुरेन्द्र सिंह ‘बागी’, महम
जागने का वक्त
ऐसा प्रतीत होता था कि पंजाब से आतंकवाद का सफाया हो गया है, लेकिन वास्तविकता के धरातल पर आतंकवाद की चिंगारी राख में दब गई थी। पाकिस्तान द्वारा पोषित तत्वों ने उसको बुझने नहीं दिया था। केंद्र और राज्य सरकारें उस चिंगारी को देखकर भी अनदेखा करती रहीं। कितने ही वाहन अलगाव के प्रतीकों की तस्वीर लगा कर धड़ल्ले से बिना रोक-टोक घूमते रहे और आज भी घूम रहे हैं। वही तत्व फिर से हरकत में आ गये हैं। यदि अब भी सरकारें सोती रहीं तो आतंकवाद की आग फिर भभक उठेगी।
अनिल कुमार शर्मा, चंडीगढ़
केंद्र-राज्य सहयोग
हरियाणा में आतंकवादियों से पकड़े विस्फोटक पदार्थों, मोहाली में पृथकतावादियों के झंडे लहराने तथा पटियाला में अलगाववादियों द्वारा तलवारों से लोगों पर हमला करने से पता चलता है कि पाकिस्तान में बैठे हुए अलगाववादी आम आदमी पार्टी की सरकार के लिए मुश्किलें पैदा करने के लिए हाथ-पांव मार रहे हैैं। ऐसे में पंजाब के लोगों को आपसी भाईचारा बनाकर रखना चाहिए। सतर्कता, गुप्तचर तथा रक्षा एजेंसियों को और मजबूत करने की जरूरत है। केंद्र सरकार को भी अलगाववादियों के बारे में सूचना एकत्रित करके पंजाब सरकार को उपलब्ध करानी चाहिए।
शामलाल कौशल, रोहतक
सतर्कता जरूरी
पाकिस्तान में चाहे कोई भी हुक्मरान रहा हो, उनकी राजनीति भारत के खिलाफ आतंकवाद को फ़ैलाने पर आधारित रही है। हरियाणा से आतंकवादियों की गिरफ्तारी व पंजाब में गोला-बारूद की बरामदगी हमारी चिंता को बढ़ाता है। पाक से हमेशा सावधान व सतर्क रहना चाहिए। पाक के प्रधानमंत्री चाहे किसी भी मंच पर किसी सहमति की बात करें परन्तु फिर भी पल-पल सावधान रहना चाहिए। पाकिस्तान कभी भी विश्वास के योग्य नहीं हो सकता। पाकिस्तान के मामले में हमें कभी भी गफलत नहीं करनी चाहिए। खुफिया एजेंसियों को 24 घंटे बेहद सतर्कता से काम करना चाहिए।
सत्यप्रकाश गुप्ता, बलेवा, गुरुग्राम
खुफिया तंत्र मजबूत करें
हरियाणा पुलिस ने खालिस्तानी आतंकवादी और आईएसआई से जुड़ेे चार युवकों को भारी मात्रा में आरडीएक्स एवं हथियारों के साथ गिरफ्तार करके अपनी जागरूकता, कर्मठता का परिचय दिया है। वहीं इससे पता चलता है कि इन राज्यों में आतंकवाद फिर अपने पांव पसार रहा है। इसकी जड़ों को ही खोखला करना होगा। पाक से आने वाले आतंकियों और उनसे संबंध रखने वालों पर कड़ी निगरानी रखना होगी। सीमाओं पर चौकसी बढ़ानी होगी और किसी भी तरह से किसी भी व्यक्ति पर संदेह होने पर कड़ी पूछताछ करना होगी। इंटरनेट से फैलने वाली सूचनाओं पर ध्यान देना होगा तभी इस तरह की आतंकवादी गतिविधियों पर अंकुश लगाया जा सकेगा।
भगवानदास छारिया, इंदौर, म.प्र.
पुरस्कृत पत्र
सुरक्षा प्राथमिकता हो
पाकिस्तान आतंकी हमले करके भारत को अस्थिर करने की भरसक कोशिश करता रहा है। ऐसे में आतंकवादी गतिविधियों को रोकने के लिए उचित राजनीतिक प्रतिक्रिया की जरूरत है। खुफिया एजेंसियों, सुरक्षा एजेंसियों और पुलिस को और ज्यादा सतर्क होने की जरूरत है। इस समस्या से सेना, पुलिस, सशस्त्र बल ही नहीं बल्कि पूरे देश को लड़ना होगा। अंतर्राष्ट्रीय दबाव की परवाह किए बिना इस मुद्दे पर सरकार को कठोर रुख अपनाना होगा। आतंक विरोधी कानून को पुख्ता बनाना होगा। सुरक्षाबलों को आतंकवाद प्रभावित क्षेत्रों में विशेष अधिकार दिए जाने चाहिए। सबसे जरूरी है केंद्र और राज्य सरकारों को दलगत राजनीति से ऊपर उठकर देश की सुरक्षा के बारे में सोचना।
पूनम कश्यप, नयी दिल्ली