कपाल मोचन मेला हिंदू-सिख एकता का महोत्सव 11 से 15 नवंबर तक
सुरेंद्र मेहता/हप्र
यमुनानगर, 22 अक्तूबर
हिंदू-सिख एकता का प्रतीक मेला कपाल मोचन इस बार 11 से 15 नवंबर तक आयोजित किया जाएगा। इस मेले में देश भर के विभिन्न राज्यों से 10 लाख से अधिक श्रद्धालुओं के भाग लेने की संभावना है।
मेला श्री कपाल मोचन 2024 की तैयारियों के बारे में मेला क्षेत्र की सभी धर्मशालाओं एवं धार्मिक संस्थानों के प्रधान संचालकों के साथ मेला प्रशासक एवं उप मंडल अधिकारी बिलासपुर की अध्यक्षता में सूरज कुंड कपाल मोचन पर एक बैठक आयोजित की गई।
मेला प्रशासक जसपाल सिंह गिल ने मेले की तैयारियों के मद्देनजर श्री कपाल मोचन मेला क्षेत्र की सभी धर्मशालाओं एवं धार्मिक संस्थानों के प्रधान संचालकों को निर्देश दिए कि कपाल मोचन मेला क्षेत्र में स्थित सभी धर्मशालाओं/धार्मिक संस्थानों में साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखा जाए। साथ ही, सभी धर्मशालाओं एवं धार्मिक संस्थानों में शौचालयों की पर्याप्त व्यवस्था करना भी अनिवार्य है। उन्होंने कहा कि सभी धर्मशाला एवं धार्मिक संस्थान प्रबंधक अपने-अपने संस्थानों में कमरों के किराए पर देने से पूर्व उनके आधार कार्ड आदि की जांच करें और उनका रिकॉर्ड रजिस्टर में दर्ज करें ताकि असामाजिक/अपराधिक गतिविधियां न हो सकें। सभी धर्मशाला एवं धार्मिक संस्थान प्रबंधक अपने-अपने संस्थानों में लगाए जाने वाले लाउड स्पीकरों की आवाज नियंत्रित रखें ताकि मेले के दौरान प्रशासन द्वारा समय-समय पर श्रद्धालुओं के लिए जारी की जाने वाली सूचनाएं और गुमशुदा व्यक्तियों की जानकारी बिना किसी अवरोध के पहुंच सके।
नशीले पदार्थों के सेवन पर रोक
सभी धर्मशालाओं एवं धार्मिक संस्थानों में नशीले पदार्थों के सेवन पर प्रतिबंध सुनिश्चित किया जाए और सभी धर्मशालाएं एवं धार्मिक संस्थान मेला प्रशासक की ओर से समय-समय पर जारी की जाने वाली हिदायतों एवं निर्देशों का आवश्यक रूप से पालन करें। मेले में आगजनी की संभावनाओं से बचने के लिए अग्निशामक यंत्र और रेत आदि की आवश्यक व्यवस्था की जाए। मेला में आने वाले श्रद्धालुओं के साथ विनम्र व्यवहार रखा जाए, उनके साथ पूर्ण सहयोग किया जाए और श्रद्धालुओं के ठहरने के लिए उचित दरों पर कमरे उपलब्ध करवाए जाएं। बैठक में मेला अधिकारी एवं बीडीपीओ बिलासपुर कार्तिक चौहान, श्राइन बोर्ड के लेखाकार पंकज अग्रवाल और मेला क्षेत्र की सभी धर्मशालाओं एवं धार्मिक संस्थानों के प्रधान संचालक उपस्थित रहे। मेला प्रशासक जसपाल सिंह ने कहा कि मेला क्षेत्र में आने वाली प्रत्येक धर्मशाला या धार्मिक संस्थान में मेला प्रशासन द्वारा आपात स्थिति के लिए जारी किए जाने वाले हेल्पलाइन नंबरों का डिस्प्ले किया जाए। साथ ही, मेला में आने वाले श्रद्धालुओं के लिए आवश्यक मूलभूत सुविधाओं का विशेष ध्यान रखा जाए।