कैथल का छोरा पंकज बना लेफ्टिनेंट
कैथल (हप्र)
आत्मविश्वास, धैर्य एवं लगन वो सीढिय़ां हैं जिस पर चढक़र इंसान असंभव को भी संभव बना लेता है। यह कहना है काकौत गांव के रिटायर्ड सूबेदार प्रेम सिंह और कमलेश रानी के पुत्र पंकज कुमार का जिन्हें 25 नवंबर को देहरादून सैन्य अकादमी पासिंग आउट परेड के बाद भारतीय सेना में कमीशन मिला है। पंकज बताते हैं कि पिता की सेना की वर्दी ने हमेशा ही उन्हें आकर्षित किया इसलिए उन्होंने बचपन से ही ठान रखा था कि वे बड़े होकर भारतीय सेना में भर्ती होकर देश की सेवा करेंगे। उन्होंने 12वीं की परीक्षा के बाद तीन बार एनडीए की परीक्षा दी परंतु असफलता हाथ लगी। इसलिए पढ़ाई में हमेशा अव्वल स्थान प्राप्त करने वाले पंकज को उनके पिता ने इंजीनियरिंग के एक अच्छे कॉलेज में दाखिला करवा दिया। परंतु पंकज का आकर्षण वर्दी के प्रति इतना था कि उन्होंने अपने इंजीनियरिंग की पढ़ाई छोड़कर एक सैनिक बनकर ही उस यूनिफॉर्म को पहनने की ठानी और 2012 में एक सैनिक के रूप में ही भारतीय सेना में भर्ती हो गए। कड़ी मेहनत के बाद पंकज ने सेवा चयन बोर्ड के 5 दिन के अत्यंत कठिन चयन परीक्षा को पहले ही प्रयास में उत्तीर्ण किया।