jind news: जींद के 15 गांवों के लिंगानुपात में आया असंतुलन
जसमेर मलिक/हप्र
जींद, 28 दिसंबर
जींद जिले के रामराय, उचाना मंडी, जुलाना, अलेवा वन जैसे गांव लिंगानुपात के मामले में जहां सराहनीय हैं, वहीं बुढ़ा खेड़ा, राजपुरा, बधाना मोरखी व अन्य ऐसे गांव हैं, जहां लिंगानुपात गड़बड़ा चुका है।
अब जिले के उन 15 गांवों जिनका लिंगानुपात सबसे खराब है, उनमें कार्यरत आशा वर्करों और एएनएम को स्वास्थ्य विभाग नोटिस जारी कर जवाब-तलब करेगा। नवंबर महीने में जींद जिला 999 के लिंगानुपात के साथ प्रदेश में तीसरे स्थान पर रहा है, वहीं सबसे बड़ा योगदान जींद के रामराय, उचाना मंडी, जुलाना, नगूरा, हाट, लोन, शाहपुर, धरोदी, उझाना, घोघड़ियां, बीबीपुर, अलेवा वन, बेलरखां, किलाजफरगढ़ और कालवन गांव का रहा है।
इन 15 गांवों का लिंगानुपात 1074 से लेकर 1424 तक रहा है। लिंगानुपात के मामले में जिले के बेस्ट 15 गांवों में 1424 के लिंगानुपात के साथ रामराय गांव है।
सबसे खराब लिंगानुपात वाले 15 गांव : जिले के जिन 15 गांवों का लिंगानुपात जिले में सबसे खराब रहा है, उनमें बुड्ढाखेड़ा, राजपुरा, बधाना, मोरखी, ककड़ोद, शामलो कलां, पेगां, खेड़ा खेमावती, अलेवा टू, कंडेला, धनौरी, बड़ौदा, डाहौला, करसोला और पिपलथा जैसे गांव शामिल हैं। इनमें भी सबसे खराब 652 का लिंगानुपात बुढ़ा खेड़ा का रहा है। इन 15 गांवों का लिंगानुपात 652 से 795 तक का रहा है।
गांवों में चलेगा जागरूकता अभियान
डिप्टी सिविल सर्जन डॉ. पालेराम कटारिया के अनुसार बेहद खराब लिंगानुपात वाले 15 गांवों की एएनएम और आशा वर्कर को नोटिस जारी कर खराब लिंगानुपात पर उनसे जवाब-तलबी की जाएगी। संबंधित एएनएम और आशा वर्कर से पूछा जाएगा कि उनके गांवों में लिंगानुपात इतना खराब रहने के क्या कारण हैं। इन सभी गांवों में स्वास्थ्य विभाग बड़ा जागरूकता अभियान चलाकर लोगों को बताएगा कि बेटा और बेटी में कोई फर्क नहीं है।