निजी डॉक्टरों व संसाधनों पर निर्भर जींद का नागरिक अस्पताल
दलेर िसंह/हप्र
जींद (जुलाना), 10 जनवरी
रेफरल अस्पताल के नाम से मशहूर जींद का नागरिक अस्पताल इन दिनों निजी डॉक्टरों व निजी संसाधनों पर निर्भर है। अस्पताल में न तो पूरे चिकित्सक हैं और न ही पूरे संसाधन, जिसका खमियाजा यहां उपचार के लिए आ रहे मरीजों को भुगतने पर मजबूर होना पड़ रहा है। आलम यह है कि थोड़े से सीरियस मरीज को पीजीआई रेफर कर दिया जाता है।
अस्पताल में सुविधाओं की मांग को लेकर अगस्त, 2023 में कांग्रेस पार्टी द्वारा एचपीसीसी मेंबर प्रमोद सहवाग के नेतृत्व में अस्पताल के बाहर दो दिवसीय धरना भी लगाया गया था। उस समय अस्पताल प्रशासन द्वारा हालात सुधारने का आश्वासन दिया गया था लेकिन पांच माह बाद आज भी परिणाम वही ढाक के तीन पात वाला ही नजर आ रहा है। अस्पताल में चिकित्सकों के करीब 40 प्रतिशत पद रिक्त हैं। यहां तक कि प्रसूति विभाग के लिए एक पुरूष व एक महिला प्राइवेट डॉक्टर हायर किये हुए हैं, जबकि एक और प्राइवेट डॉक्टर के हायर किये जाने की प्रक्रिया चल रही है। विभागीय सूत्र बताते हैं कि नागरिक अस्पताल में सर्जन नियुक्त हैं, लेकिन पुरुषों की नसबंदी निजी चिकित्सक द्वारा ही की जाती है। अस्पताल में चिकित्सकों के कुल 55 पद स्वीकृत हैं, जिनमें से 30 पद स्थाई व 3 पद एनएचएम के तहत कुल 33 पद भरे हुए हैं। जबकि 22 पद रिक्त हैं। अस्पताल में मौजूद सीटी स्कैन सेंटर भी निजी फर्म द्वारा संचालित है जिसमें मरीजों को भारी भरकम फीस देनी पड़ती है।
अब निजी एंबुलेंस हायर करने की योजना : अस्पताल प्रशासन के निजी एंबुलेंस हायर करने की योजना भी बनाई है। मुख्यालय से जीपीएस पर नजदीकी एंबुलेंस को हादसा स्थल पर भेजा जाएगा। सरकार द्वारा निर्धारित किये गये रेट के अनुसार ही निजी एंबुलेंस संचालक को किराया दिया जाएगा। जींद नागरिक अस्पताल में फिलहाल कुल 31 एंबुलेंस उपलब्ध हैं।
-डा. राजेश भोला, डिप्टी एमएस, नागरिक अस्पताल जींद
-वजीर ढांडा, जिलाध्यक्ष, आम आदमी पार्टी जींद